श्री सीमेंट|Shree Cement
श्री सीमेंट कंपनी प्रोफाइल, इतिहास, सीमेंट प्लांट, चैयरमेन, मालिक, नेटवर्थ, सहायक कंपनिया, और अधिक (Shree Cement company details in hindi)
श्री सीमेंट एक भारतीय सीमेंट बनाने वाली कंपनी है, जिसकी शुरुआत 1979 में राजस्थान के ब्यावर से हुई थी। अब इसका मुख्यालय कोलकाता में है और यह देश की सबसे प्रमुख सीमेंट कंपनियों में शामिल है। कंपनी सिर्फ सीमेंट ही नहीं बनाती, बल्कि अपनी जरूरत के लिए बिजली भी बनाती है, ताकि इसके उत्पादन में कोई रुकावट न हो।
कंपनी प्रोफाइल (Profile)
नाम | श्री सीमेंट (Shree Cement Limited) |
इंडस्ट्री | निर्माण सामग्री |
शुरुवात की तारीख | 1979 |
मुख्य लोग | Hari Mohan Bangur(Chairman & MD) |
मुख्यालय | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
स्टॉक एक्सचेंज | BSE :500387, NSE :SHREECEM |
मार्किट कैप (Market Cap) | ₹1,06,336 करोड़ |
राजस्व (Revenue) | ₹21,119 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
कुल संपत्ति (Total Asset) | ₹27,953.47 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
नेटवर्थ (Net Worth) | ₹20,744 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
वेबसाइट | shreecement.com |
कंपनी के बारे में (About Company)
श्री सीमेंट कंपनी भारत में सीमेंट बनाने वाली बड़ी कंपनियों में से एक है। इसकी शुरुआत 1979 में राजस्थान के ब्यावर शहर में हुई थी। आज यह कंपनी कोलकाता से अपना काम चलाती है और पूरे देश में अपने सीमेंट की सप्लाई करती है। कंपनी के पास देश भर में 13 से ज्यादा कारखाने हैं जो हर साल 50 करोड़ टन से अधिक सीमेंट बनाते हैं। इसमें बांग्लादेश का एक बड़ा प्लांट भी शामिल है। श्री सीमेंट ने अपने काम को आगे बढ़ाते हुए बिजली बनाने का भी काम शुरू किया है। यह अपने कारखानों की जरूरत के लिए खुद बिजली बनाती है और बाकी बिजली बाजार में बेचती भी है।
कंपनी ने बेकार पड़ी गर्मी से बिजली बनाने की नई तकनीक अपनाई है जिससे पर्यावरण को कम नुकसान होता है। साथ ही, यह गांवों में स्कूल, अस्पताल बनवाने और लोगों को रोजगार देने का काम भी करती है।
श्री सीमेंट का इतिहास (History)
- 25 अक्टूबर 1979 को जयपुर में बांगुर परिवार और उनके सहयोगियों ने एक नई कंपनी की स्थापना की। इस कंपनी के प्रचार-प्रसार में श्री दिग्विजय सीमेंट, ग्रेफाइट इंडिया और फोर्ट ग्लोस्टर इंडस्ट्रीज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कंपनी सीमेंट और उसके उत्पादों का निर्माण करती है।
- 1 मई 1985 से कंपनी ने अपनी उत्पादन प्रक्रिया शुरू की, जो इसके विकास और आगे बढ़ने की दिशा में एक अहम कदम था।
- 1986 में कंपनी ने अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए 6 मेगावाट का डीजल जेनरेटर सेट लगाया।
- 1991 में कंपनी ने राजस्थान में 6 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला एक नया सीमेंट संयंत्र स्थापित करने की पहल की, जो उसके विस्तार और उत्पादन क्षमता को और मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम था।
- 1992 में वित्तीय साझेदारी के तहत, पीएल स्मिथ एंड कंपनी डेनमार्क की पूरी तरह से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एफएलटी लिमिटेड को 36 लाख शेयर प्रदान किए गए।
- 1993 में कंपनी ने अपनी लाइसेंस प्राप्त क्षमता के दूसरे चरण को लागू करने की योजना बनाई, जिससे उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 3300 टन प्रति दिन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया।
- 1994 में कंपनी ने अपनी लीजिंग और वित्तीय सेवाओं को बढ़ाने के लिए वर्तमान लीजिंग और फाइनेंस कंपनी को अपने साथ मिलाने का प्रस्ताव तैयार किया।
- 1995 में कंपनी ने “राज सीमेंट” नामक एक नई इकाई की शुरुआत की, जो 124 मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन क्षमता के साथ कार्य करने लगी।
- 1996 में कंपनी ने ब्यावर में 4 लाख टन वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला अपना दूसरा सीमेंट संयंत्र “राज सीमेंट” शुरू किया।
- 1998 में कंपनी ने रीवा में अपनी नई इकाई की उत्पादन क्षमता को 4 लाख टन बढ़ाया, जिससे वह उत्तर भारत का प्रमुख सीमेंट निर्माता बन गई।
- 2005 में कंपनी ने राजस्थान में 6 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट शुरू किया।
- फरवरी 2005 में कंपनी ने अपने नए उत्पाद “बांगुर सीमेंट” की शुरुआत की, जो गुणवत्ता और विश्वसनीयता के लिए जाना जाने लगा।
- 2009 में कंपनी ने अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाते हुए 1 मिलियन टन अतिरिक्त क्लिंकर बनाने की क्षमता की शुरुआत की।
- 2011 में, स्विट्ज़रलैंड के विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने कंपनी को स्थिरता के क्षेत्र में एक अग्रणी चैंपियन के रूप में पहचान दी।
- 2013 में, श्री सीमेंट ने उत्तर भारत में सबसे प्रमुख सीमेंट उत्पादकों में अपनी पहचान बनाई, जिसकी सालाना उत्पादन क्षमता 5 मिलियन टन है।
- 2013 में, कंपनी ने राजस्थान के पाली जिले के रास क्षेत्र में स्थित बांगुर शहर में 6000 टन प्रति दिन की क्षमता वाली एक नई क्लिंकर उत्पादन इकाई स्थापित की।
- 2014 में, कंपनी ने बिहार के औरंगाबाद में 2 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) क्षमता वाली एक नई ग्राइंडिंग यूनिट का संचालन शुरू किया।
- 2015 में, कंपनी ने छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में 6 मिलियन टन वार्षिक क्षमता वाला सीमेंट संयंत्र स्थापित किया।
- 2016 में, कंपनी ने छत्तीसगढ़ सरकार से राज्य का पहला गैर-कोयला खनन पट्टा हासिल किया।
- 2017 में, कंपनी ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। छत्तीसगढ़ राज्य में कोल इंडिया लिमिटेड (एसईसीएल) द्वारा आयोजित कोल लिंकेज नीलामी में सफलता पाकर, हमने कैप्टिव पावर प्लांट्स के लिए कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित की।
- 2018 में, कंपनी ने अपने रायपुर (छत्तीसगढ़) स्थित सीमेंट संयंत्रों के लिए कोल लिंकेज प्राप्त किया।
- 2021 में, कंपनी ने ओडिशा में अपना पहला सीमेंट प्लांट चालू किया, जिससे वाणिज्यिक बिक्री शुरू हुई।
- 2022 में, कंपनी ने महाराष्ट्र के पुणे जिले के पाटस में अपनी 0 MTPA क्षमता वाली क्लिंकर ग्राइंडिंग यूनिट से व्यावसायिक उत्पादन की शुरुआत की।
- 2023 में, कंपनी ने पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में अपनी अत्याधुनिक क्लिंकर ग्राइंडिंग इकाई से 3 मिलियन टन वार्षिक सीमेंट उत्पादन क्षमता के साथ वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया।
- 2024 में, कंपनी ने अपने नए उत्पाद ‘बांगुर पहचान’ और ‘बांगुर मैग्ना’ सीमेंट को बाजार में पेश किया।
सीमेंट प्लांट (Shree Cement Plant list)
- राजस्थान में ब्यावर, रास (पाली जिला), खुशखेड़ा, जोबनेर (जयपुर जिला) और सूरतगढ़
- उत्तराखंड में लक्सर (रुड़की)
- हरियाणा में पानीपत
- उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर
- छत्तीसगढ़ में रायपुर
- झारखंड में सरायकेला
- बिहार में औरंगाबाद
श्री सीमेंट की सहायक कंपनिया (Subsidiary)
बांगुर सीमेंट (Bangur Cement Ltd)
बांगुर सीमेंट लिमिटेड एक प्रसिद्ध भारतीय सीमेंट कंपनी है, जो अपने गुणवत्ता वाले सीमेंट के लिए जानी जाती है। यह श्री सीमेंट की एक सहायक कंपनी है और इसकी मुख्य उत्पादन इकाइयाँ पश्चिम बंगाल में स्थित हैं। बांगुर सीमेंट अपने उत्पादों में मजबूत और टिकाऊपन का ध्यान रखती है, जो उसे निर्माण क्षेत्र में एक भरोसेमंद नाम बनाता है। कंपनी पोर्टलैंड पुटी सीमेंट जैसे विभिन्न प्रकार के सीमेंट बनाती है।
यूनियन सीमेंट कंपनी (Union Cement Company (P.S.C.)
यूनियन सीमेंट कंपनी (P.S.C.) यूएई की एक प्रसिद्ध सीमेंट कंपनी है जो 1972 से रस अल खैमाह में काम कर रही है। यह कंपनी कही तरह के सीमेंट बनाती है जो पूरे मध्य पूर्व, अफ्रीका और एशिया में इस्तेमाल होते है। 2018 में भारत की बड़ी कंपनी श्री सीमेंट ने इसे खरीद लिया। अब श्री सीमेंट की सहायक कंपनी के पास इसका 60% हिस्सा है और बाकी 40% खरीदने की तैयारी चल रही है।
यह कंपनी आधुनिक तरीकों से सीमेंट बनाती है जिससे पर्यावरण को कम नुकसान होता है। यूएई में बड़े निर्माण कार्यों में इसका सीमेंट इस्तेमाल होता है। श्री सीमेंट के साथ जुड़ने के बाद इसका कारोबार और बढ़ने की संभावना है। कंपनी यूएई के विकास में अहम भूमिका निभा रही है और अब भारतीय प्रबंधन के साथ नई ऊंचाइयों को छूने की तैयारी में है।
पावर प्लांट (Power plant)
श्री सीमेंट ने अपनी फैक्ट्रियों की बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए खुद के बिजली घर बनाए हैं। कंपनी के पास अभी 730 मेगावॉट तक बिजली बनाने की सुविधा है। इसमें दो तरह के बिजली संयंत्र काम कर रहे हैं:
पहले तरह के बिजली घर कोयले से चलते हैं और इनकी कुल क्षमता 546 मेगावॉट है। ये मुख्य रूप से राजस्थान के ब्यावर और छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार इलाके में लगे हुए हैं।
दूसरे तरह के संयंत्र में कचरे की गर्मी से बिजली बनाई जाती है। ये 184 मेगावॉट बिजली पैदा करने की क्षमता रखते हैं। ये संयंत्र सीमेंट बनाने वाली भट्टियों से निकलने वाली गर्मी को इस्तेमाल करके बिजली बनाते हैं। इस तरह बेकार जाने वाली गर्मी का सही उपयोग हो पाता है।
पुरस्कार और मान्यताएं (Awards and Recognitions)
- कंपनी को 1998 में सीमेंट उद्योग में ऊर्जा बचत के लिए पहला पुरस्कार मिला था।
- 2002 में, कंपनी की यूनिट I और यूनिट II को 2000-01 में सीमेंट उद्योग में ‘बेहतर बिजली ऊर्जा इस्तेमाल’ और ‘बेहतर तापीय ऊर्जा इस्तेमाल’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
- 2004 में, कंपनी को राजस्थान राज्य उत्पादकता परिषद द्वारा 2003 में उत्पादन क्षमता और सुधार के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ उत्पादन पुरस्कार’ से नवाजा गया।
- 2007 में, कंपनी को बेहतरीन कॉर्पोरेट गवर्नेंस के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ गवर्नेंस पुरस्कार’ मिला।
- 2008 में, सीआईआई ने 2007 के लिए जल प्रबंधन में बेहतरीन काम करने के लिए कंपनी को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया।
- 2012 में, कंपनी को आस-पास के समुदाय के लिए किए गए समाज सेवा कार्यों के लिए ‘मदर टेरेसा पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
- 2020 में, कंपनी को कॉर्पोरेट गवर्नेंस और स्थिरता के प्रति अपनी सोच के लिए ‘सस्टेनेबिलिटी विजन अवार्ड’ मिला।
शेयर होल्डिंग (Shareholding Pattern)
मार्च 2025 तक श्री सीमेंट के शेयर होल्डिंग पैटर्न में कुछ बदलाव हुए हैं। प्रमोटरों के पास 62.55% हिस्सेदारी बरकरार रही है। आम निवेशकों की हिस्सेदारी घटकर 12.42% हो गई है, जबकि दिसम्बर 2024 में यह 12.54% और सितम्बर 2024 में 12.59% थी। विदेशी संस्थाओं की हिस्सेदारी 9.71% तक घट गई है, जो दिसम्बर 2024 में 9.88% और सितम्बर 2024 में 10.39% थी। घरेलू संस्थाओं की हिस्सेदारी भी घटकर 5.09% पर आ गई है, जो दिसम्बर 2024 में 5.14% और सितम्बर 2024 में 5.22% थी।
All values in % | Mar-25 | Dec-24 | Sep-24 |
Promoter | 62.55 | 62.55 | 62.55 |
Retail and other | 12.42 | 12.54 | 12.59 |
Mutual funds | 10.23 | 9.89 | 9.24 |
Foreign institution | 9.71 | 9.88 | 10.39 |
Other domestic institutions | 5.09 | 5.14 | 5.22 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
श्री सीमेंट के कितने प्लांट हैं?
श्री सीमेंट के पास देश भर में कुल 13 उत्पादन संयंत्र हैं, जो विभिन्न राज्यों में स्थित हैं, जैसे राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, बिहार और झारखंड। इन संयंत्रों में सीमेंट उत्पादन की प्रक्रिया को आधुनिक तकनीकों से संचालित किया जाता है, और कंपनी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में एक नया सीमेंट पीसने का प्लांट भी स्थापित किया है, जिससे उसकी उत्पादन क्षमता में और वृद्धि हुई है।
श्री सीमेंट का मालिक कौन है?
श्री सीमेंट का स्वामित्व और संचालन बंगुर परिवार के हाथों में है, जिन्होंने चार दशकों में इसे भारत की अग्रणी सीमेंट कंपनियों में शामिल कर दिया है।