रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड | RailTel Corporation of India Ltd

रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया कंपनी प्रोफाइल, चैयरमेन, मालिक, प्रोडक्ट, प्रोजेक्ट्स, इतिहास, पुरस्कार, नेटवर्थ & सर्विसेज, और अधिक (RailTel Corporation of India company details in hindi)

रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड एक सरकारी कंपनी है जो ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाएं प्रदान करती है। इसे सितंबर 2000 में स्थापित किया गया था, ताकि पूरे देश में एक बड़ा ब्रॉडबैंड और मल्टीमीडिया नेटवर्क तैयार किया जा सके और भारतीय रेलवे के ट्रेन नियंत्रण और सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सके। रेलटेल का नेटवर्क लगभग 5,000 स्टेशनों से होकर गुजरता है और इसमें सभी बड़े वाणिज्यिक केंद्र शामिल हैं।

कंपनी प्रोफाइल (Profile)

नाम रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (RailTel Corporation of India Ltd)
इंडस्ट्री टेली कम्युनिकेशन
शुरुवात की तारीख सितंबर 2000
मुख्य लोग संजय कुमार (Chairman & MD)
मुख्यालय नई दिल्ली
स्टॉक एक्सचेंज BSE : 543265, NSE : RAILTEL
मार्किट कैप (Market Cap) ₹9,946 करोड़
राजस्व (Revenue) ₹2,622 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
कुल संपत्ति (Total Asset) ₹4,049.58 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
नेटवर्थ (Net Worth) ₹1,827 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
मालक भारत सरकार
वेबसाइट railtel.in

कंपनी के बारे में (About Company)

रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड एक भारतीय दूरसंचार कंपनी है जो रेलवे ट्रैक पर ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क चलाती है। यह कंपनी टेलीकॉम सेवाओं, जैसे प्रबंधित डेटा, लीज्ड लाइनों, वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, इंटरनेट लीज्ड लाइनों, डेटा सेंटर और वॉयस सेवाओं की पेशकश करती है। इसके अलावा, कंपनी विभिन्न परियोजनाओं पर काम करती है, जैसे नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क और आईटी सेवाएं। इसका नेटवर्क भारत के शहरों, कस्बों और कई ग्रामीण इलाकों को कवर करता है और रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई जैसी यात्री सेवाएं भी प्रदान करता है।

रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का इतिहास (History)

  • इंडियन रेलवे (IR) पहले अपने कंट्रोल और प्रशासन के लिए पूरी तरह से दूरसंचार विभाग (BSNL) पर निर्भर था। संचार प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए, रेलवे ने 1970 के दशक की शुरुआत से ओवरहेड टेलीफोन लाइनों, क्वाड केबल, और माइक्रोवेव सिग्नलिंग का इस्तेमाल करना शुरू किया।
  • 1983 में, रेलवे सुधार समिति ने रेलवे में ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) का इस्तेमाल करने का फैसला किया। इसका उद्देश्य सुरक्षा, भरोसेमंदता, उपलब्धता और बेहतर सेवा प्रदान करना था। उन्होंने यह भी तय किया कि एक नया नेटवर्क बनाया जाएगा और पुरानी माइक्रोवेव टेलीकोम सिस्टम (जिनमें से 60% पुरानी हो चुकी थीं) को OFC से बदल दिया जाएगा।
  • भारतीय रेलवे ने 1988 में मुंबई के चर्चगेट-विरार लाइन पर पहला ऑप्टिकल फाइबर (OFC) सिस्टम शुरू किया। इसमें 28 स्टेशनों के बीच 60 किमी का नेटवर्क था।
  • 1991-92 में, हावड़ा, नागपुर, मुंबई लाइन पर दुर्ग, नागपुर, नागपुर, इटारसी और इटारसी, भुसावल हिस्सों में 900KM का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क शुरू किया गया। इसके साथ ही, टाटानगर, चक्रधरपुर खंड में भी 60KM का OFC नेटवर्क जोड़ा गया।
  • 1999 में, दूसरी राष्ट्रीय दूरसंचार नीति ने मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों को पूरे देश में अपना नेटवर्क फैलाने में मदद की। इसके लिए उन्हें राजस्व हिस्सेदारी के साथ आसान लाइसेंसिंग दी गई और लंबी दूरी के सेक्टर को खोल दिया गया।
  • 26 सितंबर 2000 को, कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के नाम से एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी के रूप में शामिल किया गया। यह शामिल होने का प्रमाण पत्र सहायक रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, दिल्ली और हरियाणा द्वारा जारी किया गया। कंपनी को 9 अक्टूबर 2000 को दिल्ली और हरियाणा से व्यवसाय शुरू करने का प्रमाण पत्र मिला।
  • 2002 में, निजी दूरसंचार कंपनियों ने बैंडविड्थ का वाणिज्यिक इस्तेमाल शुरू करने के लिए Infrastructure Provider Category II (IP-2) लाइसेंस प्राप्त हुआ।
  • 2003 में, कंपनी ने दक्षिण भारत में बैंगलोर, चेन्नई और हैदराबाद को जोड़ने वाला पहला हाई-स्पीड, लंबी दूरी का ओएफसी नेटवर्क बनाया। इसके बाद, मुंबई और पुणे, और नई दिल्ली और जयपुर के बीच भी ओएफसी नेटवर्क फैलाया गया।
  • 2005-06 में, इसने भारत में पहला STM-16 नेटवर्क स्थापित किया, जिससे देश में हाई बैंडविड्थ नेटवर्क शुरू हो गया।
  • 2012 में, रेल मंत्रालय, भारत सरकार ने कंपनी को ‘मिनी रत्न श्रेणी-I’ का दर्जा दिया।
  • 2014 में, SASEC क्षेत्रीय नेटवर्क प्रोजेक्ट पूरा किया और TpaaS सेवाएं शुरू कीं।
  • 2017 में, कंपनी की कुल आय पहली बार 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हुई।
  • 2018 में, दक्षिण मध्य रेलवे मुख्यालय और गुंटूर डिवीजन में पेपरलेस ई ऑफिस सिस्टम लागू किया गया।
  • 2020 में, रेलटेल ने क्लाउड सेवाओं, IoT, और e-governance में सहयोग के लिए BEL के साथ समझौता किया।
  • 2023 में, रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को रेलटेल एंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ समामेलन की योजना के मामले में MCA द्वारा अंतिम आदेश प्राप्त हुआ है।

प्रोडक्ट/सर्विस (Product/Service)

  1. रिटेल ब्रॉडबैंड (Retail broadband)

RCIL अपनी रेल वायर पहल के तहत खुदरा स्तर पर ब्रॉडबैंड सेवाएं देती है। इसका मुख्य मकसद भारत में इंटरनेट नेटवर्क को बढ़ाना है।

  1. डाटा सेंटर सर्विसेज (Data Center Services)

RCIL के डेटा केंद्र, जो सिकंदराबाद और गुरुग्राम में स्थित हैं।

  1. आईपी बेस्ड वीडियो सर्विलांस सिस्टम

स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए आईपी-आधारित वीडियो निगरानी प्रणाली लगाई गई है।

  1. कम्युनिकेशन सर्विसेज (Communication Services)

रेलटेल उच्च गुणवत्ता और सुरक्षित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवाएं देती है, जिससे यूज़र्स को एक वर्चुअल आमने-सामने मीटिंग का अनुभव मिलता है। ये सेवाएं इसके ई-ऑफिस का हिस्सा हैं।

रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया प्रोजेक्ट (RailTel Projects)

भारतनेट (Bharatnet)

भारतनेट का उद्देश्य पंचायतों को ई-गवर्नेंस सेवाएं और इंटरनेट देना है। रेलटेल ने 100 Mbps ब्रॉडबैंड के साथ पंचायतों को जोड़ने के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई है। अब तक, रेलटेल ने 27,499 किलोमीटर फाइबर बिछाई है और 8,107 पंचायतों को सेवा के लिए तैयार किया है।

वीडियो सर्विलांस सिस्टम (Video Surveillance System)

रेलटेल भारत के रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में IP आधारित वीडियो सर्विलांस सिस्टम लगा रही है। इस सिस्टम में वीडियो एनालिटिक्स और चेहरे की पहचान सॉफ्टवेयर शामिल हैं, जो सुरक्षा को बेहतर बनाएंगे। रेलटेल सभी ज़ोनल और मंडल मुख्यालयों में निगरानी सुविधा भी दे रही है, जिससे यात्रियों और रेलवे संपत्तियों की सुरक्षा बढ़ेगी। दिल्ली में एक केंद्रीकृत कमान और नियंत्रण प्रणाली बनाई जाएगी। कुल 5,102 स्टेशनों पर इस सिस्टम को लगाने का लक्ष्य है, और अब तक 308 स्टेशनों पर CCTV लगाए गए हैं।

स्टेशन Wi-Fi प्रोजेक्ट (Station Wi-Fi Project)

डिजिटल सुविधा बढ़ाने के लिए, रेलटेल ने रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाएं शुरू की हैं, जिसे रेलवॉयर के नाम से जाना जाता है। अभी 6100 से ज्यादा स्टेशन रेलवॉयर वाई-फाई से जुड़े हुए हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेज़ सार्वजनिक वाई फाई नेटवर्क में से एक है।

हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (HMIS)

HMIS एक डिजिटल प्रणाली है जो अस्पतालों के प्रशासन और रोगी देखभाल को बेहतर बनाती है। अक्टूबर 2020 में रेलटेल को यह जिम्मेदारी दी गई थी। अब रेलटेल ने पूरे भारत में भारतीय रेलवे की 706 स्वास्थ्य सुविधाओं में इस प्रणाली को लागू कर दिया है, जिससे अस्पतालों की व्यवस्था और मरीजों की देखभाल में सुधार हुआ है।

रेल सिगनलिंग (Railway Signalling)

भारतीय रेलवे में सुरक्षा और दक्षता को बढ़ाने के लिए रेलटेल ने पुराने यांत्रिक सिगनलिंग सिस्टम को नया इलेक्ट्रॉनिक सिगनलिंग सिस्टम में बदलने का काम शुरू किया है। उत्तर रेलवे के 26 स्टेशनों पर यह परियोजना चल रही है। 10 स्टेशनों पर यह काम पूरा हो चुका है और बाकी स्टेशनों पर काम जारी है। नया इलेक्ट्रॉनिक सिगनलिंग सिस्टम सिग्नल बदलने और ट्रैक को नियंत्रित करने में आसानी प्रदान करता है, और इसकी अधिकतम गति 110 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। इससे रेल यातायात की सुरक्षा और गति दोनों में सुधार हुआ है।

नेशनल नॉलेज नेटवर्क (National Knowledge Network)

नेशनल नॉलेज नेटवर्क का मकसद विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और गवर्नेंस से जुड़े सभी लोगों को एक मंच पर लाना है। यह नेटवर्क विश्वविद्यालयों, प्रयोगशालाओं और अन्य संस्थानों को एक हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जोड़ता है ताकि जानकारी और शोध का आदान-प्रदान आसानी से हो सके। रेलटेल 26 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कैम्पस वाई-फाई सुविधाएं भी प्रदान कर रही है।

शेयर होल्डिंग (Shareholding Pattern)

मार्च 2025 में रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के शेयरधारिता संरचना में प्रमोटरों का हिस्सा अभी भी 72.84 फीसदी के स्थिर स्तर पर बना हुआ है। दूसरी ओर, खुदरा निवेशकों और अन्य हिस्सेदारों की भागीदारी थोड़ी घटकर 23.36 फीसदी हो गई है, जो दिसंबर 2024 में 23.46% और सितंबर 2024 में 23.50% थी। विदेशी संस्थानों की हिस्सेदारी में मामूली कमी आई है, जो अब 3.33 फीसदी पर आ गई है यह आंकड़ा पिछले कुछ महीनों में लगभग स्थिर ही रहा है, क्योंकि दिसंबर 2024 में यह 3.34% और सितंबर 2024 में 3.05% था।

घरेलू संस्थानों का योगदान अब 0.33 फीसदी रह गया है, जो दिसंबर 2024 में 0.27% और सितंबर 2024 में 0.52% था। म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी इस बार बढ़कर 0.12 फीसदी हो गई है, जबकि दिसंबर 2024 में यह 0.10% और सितंबर 2024 में 0.09% थी। कुल मिलाकर, शेयरधारिता संरचना में कोई बड़ी हलचल नहीं आई है, हालांकि विदेशी और घरेलू संस्थानों ने थोड़ा सावधानीपूर्वक रुख अपनाया है।

All values in % Mar-25 Dec-24 Sep-24
Promoter 72.84 72.84 72.84
Retail and other 23.36 23.46 23.50
Foreign institution 3.33 3.34 3.05
Other domestic institutions 0.33 0.27 0.52
Mutual funds 0.12 0.10 0.09

पुरस्कार

  • 2016 में, रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने रेलवे स्टेशन वाईफाई परियोजना के तहत लाखों लोगों तक रेलवायर वाईफाई पहुंचाने के लिए वीएनडी इंडिया टेलीकॉम लीडरशिप अवार्ड जीता।
  • 2016 में, रेलटेल को ‘इनोवेटिव एचआर प्रैक्टिस’ के लिए टाइम्सएसेंट द्वारा एशिया पैसिफिक एचआरएम कांग्रेस से सम्मानित किया गया।
  • 2017 में, रेलटेल ने रेलवे सेवाओं के लिए एजिस “ग्राहम बेल पुरस्कार” जीता। यह एक गर्व का पल था।
  • 2017 में, रेलटेल को टाइम्ससेंट द्वारा वर्ल्ड एचआरडी कांग्रेस में ‘एचआर लीडरशिप अवार्ड (पीएसयू फोकस)’ से सम्मानित किया गया।
  • रेलटेल ने 7वें गवर्नेंस नाउ पीएसयू अवार्ड 2020 में ‘डिजिटल पीएसयू अवार्ड (मिनीरत्न कैटगरी)’ जीता।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

रेलटेल क्या करता है?

रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया भारतीय रेलवे के लिए एक प्रमुख टेलीकॉम सेवा प्रदाता है। यह देश का सबसे बड़ा न्यूट्रल टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है और IT एवं ICT सेवाओं के लिए एक भरोसेमंद नाम है।

रेलटेल एक सरकारी कंपनी है?

रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया एक सरकारी टेलिकॉम कंपनी है जो भारतीय रेलवे के अंतर्गत काम करती है। यह 2000 में बनाई गई थी और देशभर में इंटरनेट, डिजिटल सुरक्षा और आधुनिक नेटवर्क सुविधाएं मुहैया कराती है। रेलवे के डिजिटल अपग्रेडेशन में भी इसका अहम रोल है।

 

 

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