क्या आप भारत की प्रमुख कृषि कंपनियां के बारे में जानते हैं? इस लेख में हम 2025 में भारत की टॉप 10 कृषि कंपनियां के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो कृषि क्षेत्र में नई दिशा दे रही हैं और किसानों को बेहतर सेवाएं और उत्पाद प्रदान कर रही हैं। ये कंपनियां बीज, उर्वरक, कीटनाशक और उन्नत कृषि उपकरणों के माध्यम से किसानों की पैदावार बढ़ाने और उनकी आय में सुधार करने में मदद कर रही हैं। यदि आप कृषि क्षेत्र में नए अवसरों की तलाश में हैं, तो यह लेख आपके लिए उपयुक्त है।
कंपनी का नाम | स्थापना वर्ष | मार्केट कैप (लगभग) | मुख्यालय |
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड | 1917 | ₹94,042 करोड़ | मुंबई, महाराष्ट्र |
पतंजलि फूड्स लिमिटेड | 1986 | ₹63,269 करोड़ | हरिद्वार, उत्तराखंड |
बॉम्बे बर्मा ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड | 1863 | ₹12,093 करोड़ | मुंबई, महाराष्ट्र |
ईआईडी पैरी (इंडिया) लिमिटेड | 1788 | ₹13,519 करोड़ | चेन्नई, तमिलनाडु |
बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड | 1975 | ₹10,897 करोड़ | नई दिल्ली |
सीसीएल प्रोडक्ट्स इंडिया लिमिटेड | 1994 | ₹7,393 करोड़ | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
श्री रेनुका शुगर्स लिमिटेड | 1998 | ₹6,377 करोड़ | मुंबई, महाराष्ट्र |
त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड | 1932 | ₹8,514 करोड़ | नोएडा, उत्तर प्रदेश |
अवंती फीड्स लिमिटेड | 1993 | ₹12,302 करोड़ | विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश |
केआरबीएल लिमिटेड | 1889 | ₹6,186 करोड़ | नोएडा, उत्तर प्रदेश |
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स एक प्रमुख भारतीय उपभोक्ता उत्पाद कंपनी है, जो टाटा ग्रुप के अंतर्गत कार्यरत है और इसका मुख्यालय कोलकाता में स्थित है। पहले टाटा टी लिमिटेड के नाम से पहचानी जाने वाली इस कंपनी ने 2020 में अपना नाम बदलकर टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड रख लिया। कंपनी के प्रमुख उत्पादों में Tata Tea, Tata Coffee, Tata Salt, Tata Gluco+, और Eight O’Clock Coffee जैसे प्रसिद्ध ब्रांड शामिल हैं। इसके अलावा, कंपनी हेल्थी स्नैक्स, पेय पदार्थ और अन्य खाद्य उत्पादों का भी उत्पादन करती है, जो स्वाद और गुणवत्ता में बेहतरीन होते हैं
पतंजलि फूड्स लिमिटेड, जिसे पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, एक प्रमुख भारतीय उपभोक्ता वस्त्र कंपनी है जो तेजी से उभर रही है। इसका मुख्यालय इंदौर, मध्य प्रदेश में है और यह Patanjali Ayurved के तहत कार्य करती है। यह कंपनी शुद्ध, प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उत्पादों का निर्माण करती है, जिनमें Patanjali ब्रांड के तहत तेल, घी, नट्स, बीज, स्नैक्स, शहद, जूस और अन्य स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ शामिल हैं। 1986 में स्थापित रुचि सोया को 2022 में पतंजलि आयुर्वेद ने अधिग्रहित किया और कंपनी का नाम बदलकर पतंजलि फूड्स लिमिटेड रखा गया।
बॉम्बे बर्मा ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BBTCL), जो Wadia Group का हिस्सा है, एक प्रतिष्ठित और पुरानी भारतीय कंपनी है, जिसकी शुरुआत 1863 में हुई थी। इसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है और यह कंपनी विभिन्न उद्योगों में सक्रिय है, जिनमें प्रमुख रूप से चाय उत्पादन, फार्मास्युटिकल्स, और वित्तीय सेवाएं शामिल हैं। बॉम्बे बर्मा ट्रेडिंग भारतीय चाय उद्योग में एक अहम नाम है, और इसके चाय बागान से तैयार चाय उच्च गुणवत्ता की मानी जाती है।
ईआईडी पैरी (इंडिया) लिमिटेड, जो Murugappa Group का एक अहम हिस्सा है, 1788 में स्थापित हुई और इसका मुख्यालय तमिलनाडु के चेन्नई शहर में स्थित है। यह कंपनी भारत के प्रमुख शुगर उत्पादकों में से एक है और इसके मुख्य व्यवसाय में चीनी उत्पादन, कृषि उत्पादों जैसे खाद, बीज और उर्वरक, और औद्योगिक रसायनों का निर्माण शामिल है। EID Parry के पास Parry Agro Industries के माध्यम से चाय और अन्य कृषि उत्पादों का भी कारोबार है।
बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड (BCML), 1975 में स्थापित, कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित एक प्रमुख शुगर उत्पादक कंपनी है, जो भारत की सबसे बड़ी चीनी मिलों में से एक मानी जाती है। कंपनी मुख्य रूप से चीनी उत्पादन, एथनॉल निर्माण और बायोमास आधारित ऊर्जा के क्षेत्र में सक्रिय है। कंपनी के पास कई चीनी मिलें हैं, जो उच्च गुणवत्ता वाली सफेद और रिफाइंड चीनी का उत्पादन करती हैं, जिनका इस्तेमाल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में होता है। इसके अलावा, BCML एथनॉल का भी उत्पादन करती है, जो पेट्रोल में मिश्रण के रूप में और औद्योगिक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है।
CCL Products India Ltd (CCL), 1994 में स्थापित, हैदराबाद, तेलंगाना में स्थित एक प्रमुख भारतीय कंपनी है, जो विशेष रूप से इंस्टेंट कॉफी और कॉफी आधारित उत्पादों के उत्पादन में माहिर है। कंपनी का मुख्य उत्पाद सॉल्यूबल कॉफी है, जिसे वह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात करती है, और इसके उत्पाद 80 से अधिक देशों में उपलब्ध हैं।
श्री रेणुका शुगर्स लिमिटेड (SRSL), 1998 में स्थापित, भारत की प्रमुख चीनी और एथनॉल उत्पादक कंपनियों में से एक है, जिसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में है। यह कंपनी मुख्य रूप से चीनी उत्पादन, एथनॉल निर्माण, और बायोमास ऊर्जा उत्पादन में सक्रिय है। कंपनी के पास महाराष्ट्र और कर्नाटका में स्थित अपनी चीनी मिलों से वह उच्च गुणवत्ता वाली सफेद और रिफाइंड चीनी का उत्पादन करती है, जो घरेलू और वैश्विक बाजारों में बेची जाती है।
त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (TEIL), 1932 में स्थापित, भारत की एक प्रमुख विविध उद्योग समूह है जो चीनी उत्पादन, इथेनॉल निर्माण, बिजली, औद्योगिक गियर और गियरबॉक्स के क्षेत्र में काम करती है। कंपनी उत्तर प्रदेश में स्थित अपनी चीनी मिलों से सफेद और रिफाइंड चीनी का उत्पादन करती है, साथ ही इथेनॉल भी बनाती है, जिसका उपयोग पेट्रोल के मिश्रण और अन्य औद्योगिक प्रक्रियाओं में होता है।
अवंती फीड्स लिमिटेड, 1993 में स्थापित, भारत में मछली और झींगे के आहार (फीड) बनाने वाली प्रमुख कंपनियों में से एक है, जिसका मुख्यालय तेलंगाना के हैदराबाद में स्थित है। कंपनी मछली पालन और झींगा पालन के लिए विशेष रूप से उच्च गुणवत्ता वाले आहार का उत्पादन करती है, जो न केवल घरेलू बाजार में, बल्कि विदेशों में भी बेचे जाते हैं, विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में।
केआरबीएल लिमिटेड, 1889 में स्थापित, भारत की प्रमुख बासमती चावल उत्पादक कंपनियों में से एक है, जिसका मुख्यालय नोएडा, उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह कंपनी इंडिया गेट ब्रांड के बासमती चावल के लिए प्रसिद्ध है, जो भारत में सबसे अधिक बिकने वाला चावल ब्रांड है। इसके अलावा, KRBL भारत शाइन और एक्सीलेंट जैसे प्रमुख ब्रांडों के तहत भी बासमती चावल का उत्पादन करती है, जिसे 80 से अधिक देशों में निर्यात किया जाता है। कंपनी बासमती चावल के अलावा चावल का आटा और ब्रान जैसे अन्य उत्पाद भी बनाती है।
भारत में कृषि कंपनियों की कोई एक निश्चित संख्या तय करना मुश्किल है, क्योंकि यह क्षेत्र बहुत बड़ा, विविध और तेजी से बदलने वाला है। हर महीने नई कंपनियां पंजीकृत होती हैं, कई कंपनियां बंद होती हैं, और कुछ कंपनियां कृषि से जुड़े अपने व्यवसाय का स्वरूप बदल लेती हैं।
हालांकि, अगर हम सामान्य रूप से बात करें, तो भारत में पाँच हज़ार से अधिक ऐसी कंपनियां सक्रिय हैं जो किसी न किसी रूप में कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। इनमें कुछ सीधे किसानों के साथ काम करती हैं, कुछ खाद और बीज का उत्पादन करती हैं, कुछ मशीनें बनाती हैं, और कुछ फसल को बाज़ार तक पहुँचाने में मदद करती हैं।
ये कंपनियां छोटे गाँवों से लेकर बड़े शहरों तक फैली होती हैं, और इनके आकार में भी भारी अंतर होता है – कोई कंपनी केवल एक जिले में सक्रिय होती है, तो कोई देशभर में।
कृषि कंपनियों की श्रेणियाँ| Categories of Agricultural Companies
श्रेणी | इनका कार्य क्या होता है? |
बीज और उर्वरक कंपनियां | फसल के लिए ज़रूरी बीज, खाद और पोषक तत्व देना |
कृषि यंत्र निर्माता कंपनियां | ट्रैक्टर, थ्रेशर, पंप और सिंचाई उपकरण बनाना |
एग्रीटेक स्टार्टअप्स | डिजिटल ऐप, डेटा एनालिटिक्स, स्मार्ट खेती समाधान |
फूड प्रोसेसिंग कंपनियां | फसल को प्रोसेस करके उपभोक्ता उत्पाद बनाना |
निर्यातक कंपनियां | भारतीय कृषि उत्पादों को विदेशों में बेचना |
जैविक कृषि उत्पाद कंपनियां | ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना और बाज़ार में पहुंचाना |
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भारत की टॉप 10 कृषि कंपनियां न केवल किसानों की मेहनत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रही हैं, बल्कि कृषि क्षेत्र में नवाचार और स्थिरता को भी बढ़ावा दे रही हैं। ये कंपनियां बीज, उर्वरक, आधुनिक उपकरण, और टिकाऊ उत्पादों के माध्यम से किसानों की उपज और आय में वृद्धि कर रही हैं। इनके प्रयासों से भारतीय कृषि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन रही है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। ये कंपनियां किसानों के साथ मिलकर एक समृद्ध और स्वस्थ भविष्य की नींव रख रही हैं।
कृषि कंपनी वह संस्था होती है जो खेती से जुड़े किसी भी क्षेत्र में काम करती है – चाहे वह बीज बनाना हो, खाद और कीटनाशक बेचना हो, ट्रैक्टर और औजार तैयार करना हो या फिर फसल को बाजार तक पहुँचाना हो। इनका उद्देश्य खेती को आसान, आधुनिक और अधिक लाभदायक बनाना होता है।
ज़रूरी नहीं कि हर कृषि कंपनी सीधे किसानों के लिए ही काम करे। कुछ कंपनियां कृषि मशीनें बनाती हैं, कुछ रिसर्च करती हैं, कुछ कंपनियां कृषि निर्यात में लगी होती हैं – यानी हर कंपनी का दायरा अलग होता है।
हाँ, अगर आपके पास कृषि से जुड़ा कोई नया आइडिया, संसाधन और बाज़ार की समझ है, तो आप भी कृषि क्षेत्र में एक कंपनी शुरू कर सकते हैं। यह छोटी यूनिट से लेकर बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी तक कुछ भी हो सकती है।
नहीं, यह एक आम गलतफहमी है। आधुनिक कृषि कंपनियां अब ड्रोन, सेंसर, डेटा एनालिटिक्स, मोबाइल ऐप्स, क्लाइमेट मॉनिटरिंग जैसे क्षेत्रों में भी सक्रिय हैं। खेती सिर्फ खेत में नहीं, अब लैब और लैपटॉप तक पहुंच गई है।
फसल कटने के बाद कृषि कंपनियां उसे स्टोर करने, प्रोसेस करने, पैकेजिंग और मार्केट तक पहुँचाने जैसे कामों में मदद करती हैं। इससे किसानों को सही दाम और समय पर बिक्री का मौका मिलता है।
कुछ कंपनियां स्थानीय डीलरों या एजेंट्स के ज़रिए उधार पर खाद-बीज या मशीनें उपलब्ध कराती हैं, लेकिन यह कंपनी की नीतियों और किसान की विश्वसनीयता पर निर्भर करता है।
अगर कोई कंपनी कृषि विकास में योगदान दे रही है तो सरकार से सब्सिडी, टैक्स में छूट या प्रोत्साहन योजनाएं मिल सकती हैं। खासकर स्टार्टअप या ग्रामीण क्षेत्र की इकाइयों को लाभ मिलता है।
कुछ कंपनियां किसानों से सीधे जुड़ती हैं, जैसे “कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग” या “फार्मर ट्रेनिंग प्रोग्राम” के ज़रिए। जबकि कई कंपनियां डीलर नेटवर्क या सरकारी माध्यमों से काम करती हैं।
हाँ, भारत एक कृषि प्रधान देश है और जैसे-जैसे तकनीक और मांग बढ़ रही है, कृषि कंपनियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो रही है। आने वाले वर्षों में एग्रीटेक, जैविक खेती और स्मार्ट फार्मिंग से जुड़ी कंपनियों की तेज़ी से वृद्धि संभावित है।
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