Tata Power: Company Profile & Key Facts in Hindi

टाटा पावर कंपनी प्रोफाइल, इतिहास, सहायक कंपनिया, पावर प्लांट, मालिक, नेटवर्थ, शेयर होल्डिंग और अधिक (Tata Power Company details in hindi)

टाटा पावर भारत की एक प्रमुख एकीकृत बिजली कंपनी है, जो पारंपरिक और नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली सेवाओं, सौर छत प्रणालियों और ईवी चार्जिंग स्टेशनों जैसी आधुनिक तकनीकी सेवाओं में सक्रिय है। इसकी स्थापना 1919 में हुई थी और इसका मुख्यालय मुंबई में है।

कंपनी प्रोफाइल (Tata Power Company Profile)

नामTata Power Company Limited
इंडस्ट्रीPower Generation/Distribution
शुरुवात की तारीख18 सितंबर 1919
मुख्य लोगDr. Praveer Sinha (MD & CEO)
मुख्यालयमुंबई, महाराष्ट्र
स्टॉक एक्सचेंजBSE :500400, NSE : TATAPOWER
मार्किट कैप (Market Cap)₹1,30,370 करोड़
राजस्व (Revenue)₹66,992 करोड़ (वित्त वर्ष2025)
कुल संपत्ति (Total Asset)₹1,56,711.29 करोड़ (वित्त वर्ष2025)
नेटवर्थ (Net Worth)₹42,606 करोड़ (वित्त वर्ष2025)
मालकटाटा ग्रुप
वेबसाइटwww.tatapower.com

कंपनी के बारे में (About Company)

टाटा पावर कंपनी लिमिटेड मुंबई में स्थित एक प्रमुख बिजली कंपनी है, जो टाटा समूह का हिस्सा है। इसकी कुल बिजली उत्पादन क्षमता 14,707 मेगावाट है, जिसमें से 5,847 मेगावाट बिजली नवीकरणीय स्रोतों जैसे सूरज और हवा से बनाई जाती है। शेष बिजली पारंपरिक साधनों जैसे कोयला और गैस से तैयार की जाती है। यह कंपनी न केवल बिजली उत्पादन करती है, बल्कि उसे पारेषण और वितरण के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुँचाने का कार्य भी करती है। यह घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराती है।

यह पानी, कोयला, सूरज और हवा जैसे विभिन्न स्रोतों से बिजली बनाती है और ग्राहकों को बिजली से जुड़ी अन्य सुविधाएं भी प्रदान करती है, जिससे सेवा में रुकावट न आए। फरवरी 2017 में कंपनी ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की, जब यह भारत की पहली कंपनी बनी जिसने 1 गीगावॉट से अधिक सौर पैनल देशभर में भेजे। अपनी उत्पादन क्षमता और सेवाओं के विस्तार के कारण यह भारत की सबसे बड़ी और भरोसेमंद बिजली कंपनियों में से एक मानी जाती है।

इतिहास (Tata Power History in Hindi)

  • कंपनी की स्थापना 18 सितंबर 1919 को मुंबई में हुई, जिसमें टाटा हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर सप्लाई, आंध्र वैली पावर सप्लाई और टाटा पावर शामिल थीं।
  • 1961 में दो सहयोगी कंपनियों के साथ मिलकर एबास्को इंडिया लिमिटेड के साथ साझेदारी में एक इंजीनियरिंग कंसल्टिंग फर्म स्थापित की गई।
  • 1980 में शोध प्रयोगशाला द्वारा डिज़ाइन किए गए इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्माण के लिए बेंगलुरु में फैक्ट्री लगाई गई।
  • 1984 में भीरा स्थित सेट नंबर 1 की क्षमता 22 से बढ़ाकर 25 मेगावाट कर दी गई।
  • 1989 में भीरा से धारावी तक ट्रांसमिशन लाइनों को 110 केवी से 220 केवी तक अपग्रेड करने का प्रस्ताव रखा गया, जो मार्च 1995 तक पूरा हुआ।
  • 1993 में बांद्रा-कुर्ला में 110 केवी उप-स्टेशन और मानखुर्द में आपूर्ति बिंदु स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया।
  • 1995 में अबू धाबी और अल ऐन में 10 नए और 15 पुराने 33 केवी सब-स्टेशनों के निर्माण और सुधार का कार्य सौंपा गया।
  • 1997 में टाटा समूह ने कंपनी में टिस्को की हिस्सेदारी बढ़ाने की योजना बनाई, जिससे नकदी प्रवाह और निवेश को बल मिला।
  • 2002 में जमशेदपुर के जोजोबेरा पावर प्लांट की यूनिट 3 से 120 मेगावाट उत्पादन शुरू हुआ।
  • 2004 में दाभोल गैस व बिजली परियोजना के लिए बीपी और गेल इंडिया के साथ साझेदारी की गई।
  • 2011 में एक संयुक्त उपक्रम ने 236 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना के लिए सफलतापूर्वक बोली जीती।
  • 2012 में रतन टाटा के इस्तीफे के बाद साइरस मिस्त्री को अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
  • 2013 में वियतनाम में 1,200 मेगावाट की ऊर्जा परियोजना हासिल की गई।
  • 2015 में गेम्सा इंडिया के साथ आंध्र प्रदेश में 100 मेगावाट की पवन परियोजना शुरू करने के लिए समझौता हुआ।
  • 2016 में मुंबई में स्पॉट बिलिंग सेवा और मोबाइल ऐप लॉन्च की गई।
  • 2017 में आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में दो नई नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं शुरू की गईं।
  • 2018 में भुवनेश्वर में आवासीय सौर छत समाधान शुरू किया गया।
  • 2019 में भारत की शीर्ष 10 कंपनियों में शामिल हुई जिन्हें श्रेष्ठ कॉर्पोरेट गवर्नेंस स्कोर मिला।
  • 2021 में देशभर में 1000 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए।
  • 2022 में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ MSME क्षेत्रों में सोलर रूफटॉप सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए समझौता हुआ।
  • 2023 में इंडियन ऑयल के साथ मिलकर 500 से अधिक फास्ट और अल्ट्रा-फास्ट ईवी चार्जिंग पॉइंट्स लगाने का सहयोग किया गया।

संचालन (Tata Power Operations in India)

टाटा पावर का संचालन भारत, सिंगापुर और अन्य देशों में होता है, और इसके थर्मल, हाइड्रो तथा पवन ऊर्जा संयंत्र विभिन्न भारतीय राज्यों में स्थित हैं। कंपनी ने भारत की पहली 500 मेगावाट थर्मल इकाई ट्रॉम्बे में स्थापित की। दिल्ली और राजस्थान में इसके वितरण नेटवर्क के माध्यम से 940 मेगावाट हरित ऊर्जा का उत्पादन होता है, जिसमें 755 मेगावाट सौर ऊर्जा और 185 मेगावाट पवन ऊर्जा शामिल हैं।

पावर प्लांट (Tata Power Plant in India)

थर्मल पावर प्लांट्स:

  • ट्रॉम्बे (मुंबई): भारत का पहला 500 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट।
  • मुंद्रा (गुजरात): कंपनी का सबसे बड़ा थर्मल पावर स्टेशन।
  • जोबोबेरा और मैथन (झारखंड), कलिंगनगर (ओडिशा), हल्दिया (पश्चिम बंगाल), बेलगाम (कर्नाटक): अन्य थर्मल पावर प्लांट्स।

हाइड्रो पावर प्लांट्स:

  • महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में कई जलविद्युत पावर स्टेशन हैं, जो हाइड्रो पावर उत्पादन बढ़ाते हैं।

नवीकरणीय ऊर्जा:

  • सौर ऊर्जा: राजस्थान में 755 मेगावाट की क्षमता।
  • पवन ऊर्जा: राजस्थान में 185 मेगावाट की क्षमता।

सहायक कंपनिया (Tata Power Subsidiaries)

Tata Power Solar

टाटा पावर सोलर भारत की एक प्रमुख सौर ऊर्जा कंपनी है, जो Tata Power की सहायक कंपनी के रूप में कार्य करती है। इसकी स्थापना 1989 में हुई और यह सौर मॉड्यूल निर्माण, सोलर परियोजनाओं के डिजाइन और कार्यान्वयन, साथ ही सोलर रूफटॉप समाधान प्रदान करने में विशेषज्ञ है। कंपनी ने देश भर में आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों में कई सफल सौर ऊर्जा परियोजनाएं पूरी की हैं। इसका उद्देश्य सौर ऊर्जा को अधिक किफायती और सुलभ बनाकर भारत में स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है।

Tata Power Delhi Distribution Ltd

टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन दिल्ली के उत्तर और उत्तर-पश्चिमी इलाकों में लगभग 90 लाख उपभोक्ताओं को बिजली प्रदान करती है। इसकी स्थापना 2002 में टाटा पावर और दिल्ली सरकार के संयुक्त प्रयास से हुई थी। कंपनी का वितरण क्षेत्र 510 वर्ग किलोमीटर तक फैला है और यह करीब 2481 मेगावाट बिजली का प्रबंधन करती है। इसने बिजली के तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान को कम करके 5.54% तक पहुंचाया है। स्मार्ट ग्रिड, स्मार्ट मीटरिंग और उन्नत तकनीकों के उपयोग से यह सेवा की गुणवत्ता सुधारती है।

साथ ही, कंपनी ने कई सौर ऊर्जा संयंत्र और रूफटॉप सोलर परियोजनाएं स्थापित कर स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दिया है। इसे स्मार्ट ग्रिड इंडेक्स 2024 में दुनिया की शीर्ष 10 बिजली कंपनियों में गिना गया है।

TP Central Odisha Distribution Ltd

टीपी सेंट्रल ओडिशा डिस्ट्रीब्यूशन 2020 में टाटा पावर और ओडिशा सरकार के सहयोग से बनी एक कंपनी है। इसका मुख्यालय भुवनेश्वर में है और यह ओडिशा के केंद्रीय क्षेत्र में करीब 30.75 लाख लोगों को बिजली पहुंचाती है। इसका वितरण क्षेत्र लगभग 29,354 वर्ग किलोमीटर है। कंपनी ने स्मार्ट ग्रिड और डिजिटल तकनीक का उपयोग करके बिजली की गुणवत्ता बेहतर बनाई है। साथ ही, ऊर्जा बचत और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं। 2023-24 में इसे A+ रेटिंग भी मिली है।

Maithon Power Ltd

मैथन पावर लिमिटेड झारखंड के धनबाद ज़िले में स्थित एक तापीय बिजली संयंत्र है, जिसकी उत्पादन क्षमता 1,050 मेगावाट है। यह टाटा पावर और दामोदर वैली कॉर्पोरेशन की साझेदारी में शुरू हुआ था और यह देश की पहली पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप बिजली परियोजनाओं में से एक है। इसका काम  2011 में शुरू हुआ और यह दिल्ली, झारखंड, पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों को बिजली देता है।

जॉइंट वेंचर (Tata Power Joint Venture)

  • 2003 में, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL) ने टाटा पावर के साथ मिलकर 1,200 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन स्थापित करने के लिए एक संयुक्त उद्यम समझौता किया।
  • 2012 में, कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका की एक्सारो रिसोर्स लिमिटेड के साथ मिलकर 50:50 के अनुपात में एक संयुक्त उद्यम शुरू किया।
  • 2015 में, टाटा पावर और दामोदर वैली कॉरपोरेशन की संयुक्त उद्यम, मैथॉन पावर ने केरल राज्य बिजली बोर्ड को बिजली आपूर्ति शुरू की और दीर्घकालिक पीपीए के तहत अपना समझौता पूरा किया।

अधिग्रहण

  • जनवरी 1999 में कर्नाटक के वाडी में स्थित 37.5 मेगावाट की उत्पादन इकाई का अधिग्रहण किया गया।
  • 2002 में दिल्ली के उत्तर और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में बिजली वितरण करने वाली नॉर्थ नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी का अधिग्रहण किया गया।
  • 2004 में ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड की पूरी इक्विटी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया गया।
  • 2016 में महाराष्ट्र में 30 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना खरीदी गई।
  • 2023 में नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति बेहतर बनाने के लिए बीकानेर-नीमराना ट्रांसमिशन परियोजना का अधिग्रहण किया गया।

शेयर होल्डिंग (Tata Power Shareholding Pattern)

मार्च 2025 में प्रमोटरों की हिस्सेदारी 46.86% पर स्थिर रही। खुदरा और अन्य निवेशकों की हिस्सेदारी घटकर 27.56% रही। म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी बढ़कर 9.63% हो गई, जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी घटकर 9.39% पर आ गई। अन्य घरेलू संस्थानों की हिस्सेदारी 6.57% रही। कुल मिलाकर, संस्थागत निवेशकों का भरोसा बना रहा, जबकि खुदरा निवेश में हल्की गिरावट देखी गई।

All values in %Mar-25Dec-24Sep-24
Promoters46.8646.8646.86
Retail and other27.5627.6527.03
Mutual funds9.639.369.13
Foreign institution9.399.469.17
Other domestic institutions6.576.687.82

 

Tata Power Dividend History

 घोषणा की तारीख (Announcement Date) Ex-Dividend Date प्रकार (Type) डिविडेंड (रु.)
14 मई, 202520 जून, 2025अंतिम2.25
08 मई, 202404 जुलाई, 2024अंतिम2.00
04 मई, 202307 जून, 2023अंतिम2.00
06 मई, 202215 जून, 2022अंतिम1.75
12 मई, 202117 जून, 2021अंतिम1.55
19 मई, 202014 जुलाई, 2020अंतिम1.55
02 मई, 201904 जून, 2019अंतिम1.30
02 मई, 201812 जुलाई, 2018अंतिम1.30
19 मई, 201710 अगस्त, 2017अंतिम1.30
24 मई, 201607 सितंबर, 2016अंतिम1.30
19 मई, 201520 जुलाई, 2015अंतिम1.30
29 मई, 201423 जुलाई, 2014अंतिम1.25
30 मई, 201326 जुलाई, 2013अंतिम1.15
22 मई, 201224 जुलाई, 2012अंतिम1.25
19 मई, 201102 अगस्त, 2011अंतिम12.50
25 मई, 201016 अगस्त, 2010अंतिम12.00
28 मई, 200914 जुलाई, 2009अंतिम11.50
23 जून, 200818 अगस्त, 2008अंतिम10.50
31 मई, 200717 जुलाई, 2007अंतिम9.50
29 मई, 200607 जुलाई, 2006अंतिम8.50

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

टाटा पावर कंपनी क्या करती है?

टाटा पावर बिजली बनाती है और उसे लोगों तक पहुँचाने का काम करती है। यह कोयले, गैस, पानी, धूप और हवा जैसे साधनों से बिजली तैयार करती है। यह बिजली घरों, दफ्तरों और उद्योगों में इस्तेमाल होती है। कंपनी सोलर सिस्टम, इलेक्ट्रिक गाड़ियों के चार्जिंग पॉइंट और स्मार्ट बिजली सेवाओं पर भी काम करती है।

टाटा पावर का सीईओ कौन है?

टाटा पावर के वर्तमान सीईओ और प्रबंध निदेशक डॉ. प्रवीर सिन्हा है।

 

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