आज के समय में हर छोटा-बड़ा व्यवसाय या फैक्ट्री अच्छे प्रबंधन पर टिका होता है। ऐसे में एक ऐसा पद बहुत ज़रूरी हो जाता है जो काम की देखरेख करे और टीम को सही दिशा दे। इसी पद को कहा जाता है supervisor। चलिए इस लेख में जानते हैं कि सुपरवाइजर क्या करता है, इसकी सैलरी कितनी होती है और इस लाइन में आगे क्या-क्या मौके हैं।
एक सुपरवाइजर का काम है कि वह अपने अंडर काम करने वाले कर्मचारियों पर ध्यान रखे और काम समय पर और ठीक तरीके से पूरा हो, यह सुनिश्चित करे। वह टीम को काम समझाता है, ज़रूरत पड़ने पर मदद करता है और जब कोई परेशानी आती है तो उसका हल निकालता है। supervisor का असली रोल होता है टीम और कंपनी के बीच की कड़ी बनना।
“Supervisor” को हम शुद्ध हिंदी में “पर्यवेक्षक” कहते हैं। हालांकि आम भाषा में ज़्यादातर लोग इसे सिर्फ “सुपरवाइजर” ही बोलते हैं। चाहे वह ऑफिस का माहौल हो या कोई वर्कशॉप यह शब्द अब लगभग सभी जगह एक जैसा ही इस्तेमाल होता है।
सैलरी की बात करें तो भारत में एक supervisor की औसत महीने की आमदनी करीब ₹15,000 से ₹30,000 के बीच होती है। अगर अनुभव ज़्यादा हो या आप किसी बड़ी कंपनी में हों, तो वेतन ₹40,000 या उससे भी ऊपर जा सकता है। कई जगहों पर ओवरटाइम या बोनस भी मिलता है जिससे आमदनी और बढ़ जाती है।
असिस्टेंट सुपरवाइजर यानी ऐसा व्यक्ति जो मुख्य supervisor की मदद करता है। वह छोटी-छोटी जिम्मेदारियाँ संभालता है, जैसे – टीम से रिपोर्ट लेना, समय का ध्यान रखना और यह देखना कि सब लोग अपना काम ठीक से कर रहे हैं। यह नौकरी उन लोगों के लिए बढ़िया होती है जो इस लाइन में अनुभव लेना चाहते हैं और आगे चलकर खुद सुपरवाइजर बनना चाहते हैं।
देखा जाए तो supervisor और मैनेजर दोनों ही टीम को संभालते हैं, लेकिन उनके काम में अंतर होता है। सुपरवाइजर सीधे कर्मचारियों के साथ जुड़ा होता है और रोज़मर्रा के काम पर नज़र रखता है। वहीं, मैनेजर प्लानिंग करता है, बड़े फैसले लेता है और पूरी व्यवस्था को संभालता है। सुपरवाइजर ज़मीनी काम देखता है और मैनेजर ऊपर से पूरा सिस्टम चलाता है।
इस पद के लिए ज़्यादातर कंपनियाँ कम से कम 12वीं पास या ग्रेजुएट उम्मीदवार को प्राथमिकता देती हैं। अगर आपने किसी खास क्षेत्र में डिप्लोमा या ट्रेनिंग ली है, तो यह और अच्छा माना जाता है। इसके अलावा, बात-चीत करने की कला, टीम को हैंडल करने की क्षमता, और जिम्मेदारी निभाने का जज़्बा होना बहुत जरूरी है।
आज हर फील्ड में काम का दबाव बढ़ रहा है फैक्ट्री हो, होटल हो, गोदाम हो या शोरूम हर जगह ऐसे लोगों की ज़रूरत होती है जो टीम को ठीक से चला सकें। supervisor बनने के बाद आपके पास आगे बढ़ने के कई रास्ते खुलते हैं, जैसे कि असिस्टेंट मैनेजर, शिफ्ट इंचार्ज या ऑपरेशन्स हेड। यानी यह नौकरी सिर्फ एक शुरुआत होती है, आगे ग्रोथ की कमी नहीं है।
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अगर आप जिम्मेदारी उठाने से नहीं डरते और टीम में लोगों को मिलाकर काम कराने की काबिलियत रखते हैं, तो supervisor की नौकरी आपके लिए बिलकुल सही हो सकती है। इस काम में सीखने, बढ़ने और आगे बढ़ने के मौके भरपूर हैं। बस मेहनत और समझदारी के साथ काम करते रहिए।
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