आरईसी लिमिटेड | REC Limited
आरईसी लिमिटेड कंपनी प्रोफाइल, इतिहास, सहायक कंपनियाँ, व्यवसाय, प्रोजेक्ट, मालिक, चैयरमेन, नेटवर्थ, CEO, प्रोडक्ट, शेयर होल्डिंग, पुरस्कार और अधिक (REC Limited Company details in hindi)
आरईसी लिमिटेड (REC) भारत की एक प्रमुख सार्वजनिक वित्तीय कंपनी है, जिसकी स्थापना 25 जुलाई 1969 को हुई थी। यह कंपनी ग्रामीण इलाकों में बिजली पहुंचाने के लिए काम करती है और राज्य बिजली बोर्डों तथा विद्युत उपयोगिताओं को ऋण देती है। REC भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन एक ‘महारत्न’ कंपनी है और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (NBFC) के रूप में पंजीकृत है। यह पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PFC) की सहायक कंपनी भी है।
कंपनी प्रोफाइल (Profile)
नाम | आरईसी लिमिटेड |
इंडस्ट्री | इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस |
शुरुवात की तारीख | 25 जुलाई 1969 |
मुख्य लोग | विवेक कुमार देवागन (CMD) |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
स्टॉक एक्सचेंज | BSE :532955, NSE :RECLTD |
मार्किट कैप (Market Cap) | ₹1,16,138 करोड़ |
राजस्व (Revenue) | ₹47,571 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
कुल संपत्ति (Total Asset) | ₹5,48,191 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
नेटवर्थ (Net Worth) | ₹69,350 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
मालक | पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन |
वेबसाइट | recindia.nic.in |
कंपनी के बारे में (About Company)
आरईसी लिमिटेड भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है। यह कंपनी एक महारत्न कंपनी के रूप में कार्य करती है और देश के बढ़ते बिजली अवसंरचना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न वित्तीय उत्पाद प्रदान करती है। REC राज्य बिजली बोर्डों, उपयोगिताओं, विभागों और निजी क्षेत्र की संस्थाओं को ब्याजयुक्त ऋण प्रदान करती है। यह वित्तीय समर्थन बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार करता है। REC की विद्युत अवसंरचना के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है और यह ऊर्जा क्षेत्र में वित्तपोषण के मामले में एक प्रमुख खिलाड़ी बन चुकी है।
1969 में अपनी स्थापना के बाद, REC ने भारत के विद्युत क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शुरुआत में यह कंपनी कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत थी और देशभर में राज्य बिजली बोर्डों को पंप सेटों को सक्रिय करने में मदद करती थी। समय के साथ, REC ने अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार किया और अब यह ऊर्जा उद्योग के सभी क्षेत्रों, जैसे नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी स्टोरेज, और हरे हाइड्रोजन जैसी नई तकनीकों के लिए भी वित्तपोषण प्रदान करती है। यह कंपनी देश के दीर्घकालिक ऊर्जा भविष्य में योगदान देने के लिए लगातार नवाचार और तकनीकी विकास को प्रोत्साहित करती है।
हाल ही में, REC ने ऊर्जा क्षेत्र से बाहर गैर-ऊर्जा अवसंरचना के क्षेत्र में भी अपना विस्तार किया है। इसमें सड़कें, एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी और संचार क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, बंदरगाह और विभिन्न उद्योगों जैसे स्टील और रिफाइनरी शामिल हैं। REC अब इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कार्यों में भी वित्तपोषण प्रदान करती है, जिससे यह देश की समग्र अवसंरचना विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाती है। राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को दीर्घकालिक ऋण प्रदान करके, REC ने भारत की अवसंरचना परियोजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय स्तंभ के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
आरईसी लिमिटेड का इतिहास (History)
- कंपनी को 25 जुलाई, 1969 को ‘रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम से पंजीकृत किया गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण बिजली परियोजनाओं को वित्त पोषित करना था।
- 3 जून 1970 को कंपनी के नाम से ‘प्राइवेट’ शब्द हटा लिया गया। फिर, 1 दिसंबर 2017 से यह एक डीम्ड पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गई।
- 1974 में, मंत्रालय ने सिंचाई और बिजली के तहत ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए ‘न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम’ के तहत वित्तपोषण की अनुमति दी।
- 1979 में हैदराबाद में केंद्रीय ग्रामीण विद्युतीकरण संस्थान की स्थापना हुई।
- 1980 में, ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए अल्जीरिया की राष्ट्रीय एजेंसी को प्रशिक्षित करने के लिए इंजीनियरों को अल्जीरिया भेजा गया।
- 1988 में ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए कुटीर ज्योति और जल धारा कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
- 1993 में, कुछ प्रदर्शन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पहली बार मंत्रालय के साथ एमओयू किया गया।
- 1998 में, आरबीआई अधिनियम की धारा 45(IA) के तहत एनबीएफसी के रूप में पंजीकरण कराया गया।
- 2000 में, भारत सरकार ने इसे शीर्ष दस सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में से एक के रूप में मान्यता दी।
- 2003 में, वित्त के लिए बजट सहायता नहीं ली गई और यह पूरी तरह से आत्मनिर्भर संगठन बन गया।
- 2010 में, REC ने उत्तरी चेन्नई में एक बिजली परियोजना के लिए एनटीपीसी तमिलनाडु एनर्जी कंपनी लिमिटेड (एनटीईसीएल) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- 2012 में, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम ने 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाने के लिए बांड जारी करने की मंजूरी आरबीआई से मांगी।
- 2015 में, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड ने तीन सहायक कंपनियों के रूप में परियोजना के लिए विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) बनाए।
- 2016 में, REC ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत 25 करोड़ रुपये का सहयोग दिया।
- 2018 में, कंपनी का नाम ”Rural Electrification Corporation Limited” से बदलकर ”REC Limited” रखा गया।
उत्पाद (Product)
- उपकरण बनाने के लिए फंडिंग: कंपनी बिजली क्षेत्र में उपकरण या सामग्री बनाने वाली कंपनियों को निश्चित समय के लिए लोन देती है।
- लॉन्ग टर्म लोन: कंपनी राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को परियोजनाओं के लिए लंबे समय के लोन प्रदान करती है।
- शार्ट टर्म लोन: बिजली उपयोगिताओं के उधारकर्ताओं को उनकी तत्काल कार्यशील पूंजी की जरूरतों के लिए लोन दिया जाता है, जिसमें बिजली संयंत्रों, प्रणालियों और नेटवर्क रखरखाव के लिए ईंधन की खरीद शामिल है। ये लोन 1 से 3 साल की अवधि के होते हैं।
- डेब्ट रीफाइनेंसिंग: कंपनी उधारकर्ताओं को ब्याज लागत कम करने के लिए ऋण पुनर्वित्त योजनाएं प्रदान करती है, जो आमतौर पर चल रही परियोजनाओं के लिए होती हैं।
- रिवॉल्विंग बिल पेमेंट फैसिलिटी: निजी ट्रांसकोम, IPP और RE जनरेटर के बिजली खरीद के बकाया और ट्रांसमिशन शुल्क के भुगतान के लिए डिस्कॉम को जेनकोस और ट्रांसपोज़ की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
व्यवसाय (Business)
पावर सेक्टर
- कोयले से चलने वाले बिजलीघरों का विकास
- बिजली पहुंचाने वाली लाइनों (ट्रांसमिशन) का विस्तार
- बिजली बांटने वाली प्रणालियों (डिस्ट्रीब्यूशन) का आधुनिकीकरण
- कोयला खदानों के लिए वित्तीय सहायता और प्रबंधन
रिन्यूएबल एनर्जी & नई टेक्नोलॉजीज
- सोलर ऊर्जा परियोजनाएं (सौर बिजली)
- पवन ऊर्जा संयंत्र (हवा से बिजली)
- बिजली संग्रहण और बैटरी प्रणालियाँ
- बायोमास और जैविक ऊर्जा उत्पादन
- ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और उपयोग
- बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS)
- स्मार्ट मीटर और डिजिटल ऊर्जा प्रबंधन
- इलेक्ट्रिक वाहन और चार्जिंग स्टेशनों का विकास
इंफ्रास्ट्रक्चर & लॉजिस्टिक्स सेक्टर्स (Non-Power)
- मेट्रो रेल और शहरी परिवहन परियोजनाएं
- सड़कें और एक्सप्रेसवे का निर्माण
- हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण और विस्तार
- आईटी और संचार बुनियादी ढांचा
- बंदरगाहों और जलमार्गों का विकास
- माल ढुलाई और परिवहन नेटवर्क
- अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण
- पानी की आपूर्ति और सफाई व्यवस्था का विकास
- स्टील और तेल रिफाइनरी से जुड़े इलेक्ट्रोमैकेनिकल (E&M) कार्य
आरईसी लिमिटेड की सहायक कंपनियां (Subsidiaries)
आरईसी ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स कंपनी
आरईसी ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स कंपनी लिमिटेड (RECTPCL) की स्थापना 8 जनवरी 2007 को हुई और यह आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। कंपनी का मुख्य उद्देश्य बिजली ट्रांसमिशन से जुड़ी सेवाएं प्रदान करना है। RECTPCL परियोजना प्रबंधन, परामर्श, रखरखाव, व्यवहार्यता अध्ययन और निर्माण जैसे कार्यों में सक्रिय रूप से योगदान देती है। यह स्वतंत्र ट्रांसमिशन परियोजनाओं (ITP) के लिए बोली प्रक्रिया का संचालन करती है और ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण व संचालन का कार्य भी संभालती है।
आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी
आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (RECPDCL) भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत एक प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम है, जिसे नवरत्न का दर्जा प्राप्त है। यह आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। यह कंपनी देशभर में ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। RECPDCL विद्युत वितरण और पारेषण नेटवर्क को मजबूत बनाने, ऊर्जा दक्षता में सुधार लाने और नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए परामर्श और तकनीकी सेवाएं प्रदान करती है। इसका मुख्य उद्देश्य एक आधुनिक और टिकाऊ ऊर्जा संरचना का निर्माण करना है, जिससे देश के ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता और विकास सुनिश्चित किया जा सके।
शेयर होल्डिंग
दिसंबर 2024 तक, REC का शेयरहोल्डिंग पैटर्न: प्रोमोटर 52.63%, विदेशी संस्थाएँ 21.73%, रिटेल और अन्य 11.73%, म्यूच्यूअल फंड्स 8.45%, अन्य घरेलू संस्थान 5.45%, टोटल 100%।
शेयरहोल्डर | शेयर होल्डिंग |
प्रोमोटर | 52.63% |
विदेशी संस्थाएँ (FIIs) | 21.73% |
रिटेल और अन्य | 11.73% |
म्यूच्यूअल फंड्स | 8.45% |
अन्य घरेलू संस्थान | 5.45% |
टोटल | 100% |
पुरस्कार और मान्यताएं (Awards and Recognitions)
- 1994 में भारत सरकार ने पहली बार उत्कृष्टता की रेटिंग और पुरस्कार दिया, जो एमओयू के तहत लक्ष्यों को हासिल करने के लिए था।
- आरईसी को 2014 में दलाल स्ट्रीट पीएसयू पुरस्कार और इंडिया टुडे पीएसयू पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 2017 में, आरईसी को 8वें सार्वजनिक क्षेत्र के स्कोप अवार्ड्स समारोह में दो पुरस्कार मिले।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
आरईसी लिमिटेड क्या करती है?
आरईसी लिमिटेड एक वित्तीय संस्था है जो भारत के ऊर्जा क्षेत्र में मदद करती है। यह कंपनी बिजली उत्पादन, वितरण और ट्रांसमिशन के कामों के लिए पैसे देती है और सरकारी और निजी बिजली परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कर्ज मुहैया कराती है।
आरईसी एक एनबीएफसी है?
आरईसी लिमिटेड एक एनबीएफसी है, जो खासतौर पर ऊर्जा क्षेत्र को वित्तीय मदद देती है। यह कंपनी बिजली से जुड़ी परियोजनाओं के लिए कर्ज मुहैया कराती है, लेकिन यह बैंक की तरह जमा नहीं स्वीकार करती। इसका मुख्य काम बिजली क्षेत्र के विकास के लिए फंडिंग करना है।
आरईसी सरकारी है या निजी?
आरईसी लिमिटेड भारत सरकार के अधीन एक सरकारी कंपनी है। इसका मुख्य कार्य ऊर्जा क्षेत्र में विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है, और इसके अधिकांश शेयर भारत सरकार के पास हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
आरईसी लिमिटेड (REC Limited) भारत में ऊर्जा क्षेत्र का एक अहम वित्तीय संस्थान है, जो विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण से संबंधित परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। 1969 में स्थापित इस कंपनी ने समय के साथ अपने कार्यक्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान बनाया है और देश की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद की है। इसके द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सेवाएँ सरकार की ऊर्जा योजनाओं को साकार करने में अहम भूमिका निभाती हैं।
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