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रियल एस्टेट एजेंट कैसे बनें? Real Estate business in Hindi

रियल एस्टेट एजेंट कैसे बनें: रियल एस्टेट का मतलब क्या होता है? (Real Estate business in Hindi)

भारत में रियल एस्टेट एजेंट बनने के लिए कुछ विशेष प्रक्रियाओं और पात्रताओं को समझना जरूरी है। अगर आप इस क्षेत्र में करियर बनाने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले आपको RERA (Real Estate Regulatory Authority) के तहत पंजीकरण कराना होगा, जो अब भारत में हर रियल एस्टेट एजेंट के लिए अनिवार्य हो चुका है। यह पंजीकरण न केवल आपकी पहचान को वैध बनाता है, बल्कि ग्राहकों के बीच आपकी विश्वसनीयता भी बढ़ाता है। रजिस्ट्रेशन के लिए 12वीं पास होना आवश्यक है और कुछ जरूरी दस्तावेज़ों जैसे पहचान पत्र, पता प्रमाण और पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत होती है। पंजीकरण शुल्क अलग-अलग राज्यों में अलग हो सकता है, इसलिए राज्य की RERA वेबसाइट पर जाकर जानकारी लेना जरूरी है।

रियल एस्टेट एजेंट बनने के बाद आप प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने में ग्राहकों की मदद करते हैं और उनका मार्गदर्शन करते हैं। यह पेशा केवल प्रॉपर्टी दिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मार्केट की समझ, ग्राहक सेवा कौशल, और कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी भी जरूरी होती है। यदि आप मेहनती हैं और लोगों से संवाद बनाने में माहिर हैं, तो यह क्षेत्र आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। डिजिटल युग में ऑनलाइन लिस्टिंग, सोशल मीडिया और नेटवर्किंग के ज़रिए आप अपनी पहुंच बढ़ा सकते हैं। इस क्षेत्र में अनुभव के साथ आपकी आय और पहचान दोनों में निरंतर वृद्धि हो सकती है।

रियल एस्टेट एजेंट क्या होता है?

रियल एस्टेट एजेंट एक ऐसा व्यक्ति होता है जो जमीन, मकान, फ्लैट या अन्य प्रकार की संपत्तियों को खरीदने, बेचने या किराये पर देने की प्रक्रिया में लोगों की मदद करता है। वह दो पक्षों – संपत्ति मालिक और इच्छुक खरीदार या किरायेदार – के बीच संपर्क स्थापित करता है, और यह सुनिश्चित करता है कि सौदा पारदर्शिता और विश्वास के साथ पूरा हो। एक कुशल एजेंट केवल प्रॉपर्टी दिखाने तक सीमित नहीं रहता, बल्कि वह ग्राहकों की ज़रूरतों को समझकर उन्हें सही दिशा में सलाह भी देता है।

इस पेशे में अनुभव, बातचीत की कला और बाजार की सही जानकारी बहुत अहम होती है। एक अच्छा एजेंट अपने क्षेत्र की प्रॉपर्टी वैल्यू, कानूनी प्रक्रियाओं और लेन-देन की बारीकियों से भली-भांति परिचित होता है। भारत में अब रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) के तहत रजिस्ट्रेशन आवश्यक हो गया है, जिससे एजेंटों की जवाबदेही और ईमानदारी को बढ़ावा मिला है। कुल मिलाकर, रियल एस्टेट एजेंट वह व्यक्ति होता है जो किसी की सपनों की संपत्ति को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

रियल एस्टेट एजेंट द्वारा दी जाने वाली प्रमुख सेवाएँ

रियल एस्टेट एजेंट का काम केवल मकान दिखाने तक सीमित नहीं होता। वास्तव में, एक जिम्मेदार एजेंट कई तरह की सेवाएं देता है जो संपत्ति से जुड़ी हर छोटी-बड़ी ज़रूरत को पूरा करती हैं। भारत जैसे विविध बाजार में, जहां हर क्षेत्र की अपनी अलग मांग और नियम होते हैं, वहाँ एक अनुभवी एजेंट की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। आइए जानें कि एक भारतीय रियल एस्टेट एजेंट किन-किन तरीकों से आपकी मदद कर सकता है:

  1. संपत्ति की खरीद-फरोख्त में मार्गदर्शन

जब कोई व्यक्ति घर या ज़मीन खरीदना या बेचना चाहता है, तब एजेंट उसकी ज़रूरत और बजट को समझकर सही विकल्प सुझाता है। सौदे को अंतिम रूप देने से पहले मूल्य निर्धारण, बातचीत और कागजी प्रक्रिया तक एजेंट हर कदम पर साथ देता है।

  1. किराये और लीज संबंधी सेवाएं

कई लोग अपनी प्रॉपर्टी किराये पर देना चाहते हैं या किराये पर लेना चाहते हैं – चाहे वह घर हो, दुकान हो या ऑफिस। एजेंट दोनों पक्षों के बीच पारदर्शी और भरोसेमंद सौदा सुनिश्चित करता है और लीज एग्रीमेंट से लेकर किरायेदार की जांच तक सभी पहलुओं का ध्यान रखता है।

  1. बाज़ार मूल्य का आंकलन (Property Valuation)

हर प्रॉपर्टी का मूल्य समय और स्थान के अनुसार बदलता रहता है। एक अनुभवी एजेंट आपको बताएगा कि आपकी संपत्ति की वर्तमान बाज़ार में कितनी कीमत है और उसे कितनी दर पर बेचना या खरीदना उचित रहेगा।

  1. कागज़ी कार्यवाही और कानूनी सहायता

प्रॉपर्टी लेन-देन में पेपरवर्क की एक लंबी प्रक्रिया होती है – जैसे कि बिक्री अनुबंध, स्वामित्व दस्तावेज़, पंजीकरण आदि। एजेंट यह सुनिश्चित करता है कि हर दस्तावेज़ सही तरीके से और समय पर तैयार हो ताकि बाद में कोई परेशानी न हो।

  1. साइट विज़िट और इंस्पेक्शन की व्यवस्था

एक अच्छा एजेंट केवल फोटो दिखाकर सौदा नहीं करता – वह आपको प्रॉपर्टी की असली हालत दिखाने के लिए साइट विज़िट की व्यवस्था करता है ताकि आप खुद देख सकें कि जो पेशकश की जा रही है, वह ज़मीन पर कैसी है।

  1. होम लोन और वित्तीय सहायता में मदद

अक्सर ग्राहक को प्रॉपर्टी के लिए लोन की ज़रूरत होती है। ऐसे में एजेंट बैंक या फाइनेंशियल संस्थाओं से संपर्क करवाता है और प्रक्रिया को सरल बनाने में सहयोग करता है।

  1. निवेश की सलाह और रणनीति

रियल एस्टेट एजेंट सिर्फ सौदे करवाने वाला नहीं, बल्कि एक सलाहकार भी होता है। अगर आप प्रॉपर्टी को निवेश के रूप में देख रहे हैं, तो एजेंट आपको बताएगा कि कौन-सी जगह भविष्य में अधिक रिटर्न दे सकती है और कहाँ जोखिम कम है।

 

रियल एस्टेट एजेंट कैसे बनें? पूरी स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

अगर आप संपत्ति के क्षेत्र में काम करने का शौक रखते हैं और लोगों को उनके सपनों का घर दिलाने में रुचि रखते हैं, तो रियल एस्टेट एजेंट बनना आपके लिए एक शानदार करियर हो सकता है। लेकिन इस राह पर चलने के लिए कुछ जरूरी कदम होते हैं जिन्हें समझदारी से उठाना ज़रूरी है। यह पेशा केवल दिखावटी बातचीत का नहीं, बल्कि गहरी समझ, व्यवहारिक ज्ञान और ईमानदारी से जुड़ा होता है।

  1. बुनियादी योग्यता से शुरुआत करें

रियल एस्टेट एजेंट बनने के लिए किसी भारी-भरकम डिग्री की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन कम से कम 12वीं कक्षा पास होना ज़रूरी है। अगर आप किसी खास क्षेत्र जैसे मार्केटिंग या बिजनेस में डिप्लोमा या कोर्स करते हैं, तो वह आपके काम में सहायक हो सकता है।

  1. व्यवहारिक ज्ञान लें, सिर्फ किताबी नहीं

इस पेशे में किताबों से ज़्यादा ज़रूरी है ज़मीन से जुड़ी समझ। किसी अनुभवी एजेंट के साथ काम करके आपको पता चलेगा कि ग्राहक से कैसे बात करनी है, सौदे कैसे तय होते हैं, और किन बातों का ध्यान रखना पड़ता है।

  1. RERA में पंजीकरण कराएं

आज भारत में बिना RERA (Real Estate Regulatory Authority) रजिस्ट्रेशन के कोई भी कानूनी तौर पर रियल एस्टेट एजेंट नहीं बन सकता। यह पंजीकरण आपके पेशे को मान्यता देता है और ग्राहकों का भरोसा भी बढ़ाता है। पंजीकरण की प्रक्रिया आपके राज्य की RERA वेबसाइट पर होती है, जिसमें कुछ दस्तावेज़ और एक तय शुल्क लगता है।

  1. ज़रूरी क़ानूनी और ज़मीनी जानकारी रखें

संपत्ति से जुड़े कानून, रजिस्ट्री की प्रक्रिया, स्टांप ड्यूटी और बिल्डिंग बाइलॉज़ जैसी बातें शुरू में जटिल लग सकती हैं, लेकिन इन्हीं का ज्ञान आपको भीड़ से अलग बनाता है। क्लाइंट आपसे उम्मीद करता है कि आप इन सब बातों में निपुण हों।

  1. शुरुआत में किसी अनुभवी एजेंसी से जुड़ें

शुरुआती दौर में स्वतंत्र रूप से काम करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। बेहतर होगा कि आप किसी स्थापित रियल एस्टेट कंपनी के साथ जुड़ें, जहाँ आपको प्रशिक्षण और मौके दोनों मिलेंगे। वहां से सीखे गए अनुभव भविष्य में आपकी नींव बनेंगे।

  1. ईमानदारी और स्पष्टता बनाए रखें

इस पेशे में एक गलत सलाह या अधूरी जानकारी से ग्राहक का भरोसा टूट सकता है। इसलिए हर सौदे में पारदर्शिता रखें, जितना जानते हैं उतना ही कहें, और जितना कहें उसमें पूरी सच्चाई हो।

 

रियल एस्टेट एजेंट के लिए पंजीकरण कराना क्यों ज़रूरी है?

जब आप रियल एस्टेट जैसे संवेदनशील और भरोसे के क्षेत्र में कदम रखते हैं, तो केवल अनुभव और बातचीत की कला काफी नहीं होती – आपको एक वैध पहचान की भी आवश्यकता होती है। पंजीकरण, विशेष रूप से RERA (Real Estate Regulatory Authority) के अंतर्गत, इस पहचान का प्रमाण होता है। यह न सिर्फ आपको कानूनी रूप से इस पेशे में स्थापित करता है, बल्कि आपके ग्राहकों और साथियों के मन में आपके प्रति विश्वास भी पैदा करता है।

सोचिए – कोई ग्राहक आपको लाखों की प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने का जिम्मा दे रहा है। वह आप पर तभी भरोसा करेगा जब उसे यह लगे कि आप सिर्फ ‘मौखिक एजेंट’ नहीं, बल्कि एक अधिकृत, जिम्मेदार और जवाबदेह व्यक्ति हैं। पंजीकरण आपकी यही छवि बनाता है।

पंजीकरण के बिना क्या खो सकते हैं आप?

अगर आप बिना पंजीकरण के रियल एस्टेट में काम करते हैं, तो आप न तो किसी आधिकारिक विवाद में अपनी बात सही तरीके से रख पाएंगे, और न ही बड़े प्रोजेक्ट्स या बिल्डरों के साथ काम कर पाएंगे। अधिकतर प्रोफेशनल डेवलपर्स और ग्राहक अब सिर्फ उन्हीं एजेंट्स के साथ काम करते हैं जो वैध रूप से पंजीकृत होते हैं। इसका सीधा असर आपके करियर के अवसरों पर पड़ता है।

पंजीकरण से मिलते हैं कई अदृश्य लाभ

  • आपको संपत्ति से जुड़े कानूनी दस्तावेज़ों में भाग लेने का अधिकार मिलता है
  • आपकी सेवाओं की वैधता सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होती है
  • ग्राहक आपसे पारदर्शिता की उम्मीद करते हैं – और पंजीकरण इसे पूरा करता है
  • भविष्य में यदि कोई विवाद होता है, तो आपकी स्थिति अधिक मजबूत होती है
  • आप बड़ी एजेंसियों या बिल्डर्स के साथ अनुबंध के लिए योग्य बनते हैं

 

RERA के तहत रियल एस्टेट एजेंटों और दलालों के पंजीकरण के दिशानिर्देश

भारत में रियल एस्टेट एक पुराना व्यवसाय है, लेकिन पहले इसके कामकाज में न तो पूरी पारदर्शिता थी और न ही उपभोक्ताओं को सही जानकारी मिल पाती थी। अधिकतर मामलों में खरीदारों को भ्रमित करने वाली या अधूरी जानकारियां दी जाती थीं, और एजेंटों की गतिविधियों पर कोई तय नियम या नियंत्रण नहीं था। इसी अव्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार ने RERA (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) कानून की नींव रखी, जिससे हर प्रोजेक्ट, बिल्डर और एजेंट को एक तय कानूनी ढांचे में लाया जा सके।

अब कोई भी व्यक्ति जो प्रॉपर्टी की बिक्री, खरीद या किराये की प्रक्रिया में मध्यस्थ के रूप में काम करना चाहता है – चाहे वो ‘एजेंट’ कहलाए या ‘दलाल’ – उसे RERA में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। चलिए इसे विस्तार से समझते हैं।

  1. RERA में पंजीकरण क्यों ज़रूरी है?

RERA के नियम के अनुसार, बिना रजिस्ट्रेशन के आप किसी भी अधिकृत रियल एस्टेट प्रोजेक्ट का प्रचार, बिक्री या सौदा नहीं कर सकते। यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि हर एजेंट की पहचान, ज़िम्मेदारी और सीमाएं स्पष्ट हों। इससे ग्राहकों को भी यह भरोसा होता है कि वे किसी अधिकृत व्यक्ति से ही लेन-देन कर रहे हैं।

  1. पंजीकरण की प्रक्रिया क्या है?

हर राज्य की अपनी RERA वेबसाइट होती है जहाँ से आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रक्रिया मुख्य रूप से निम्न चरणों में होती है:

    • एक ऑनलाइन फॉर्म भरना जिसमें व्यक्तिगत और पेशेवर जानकारी शामिल होती है
    • पहचान पत्र (जैसे आधार/पैन कार्ड), पते का प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो और कार्य से जुड़े दस्तावेज़ अपलोड करना
    • एक निश्चित शुल्क जमा करना (राज्य के अनुसार बदलता है)
    • रजिस्ट्रेशन हो जाने पर एक यूनीक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलता है जिसे हर सौदे में दिखाना होता है
  1. रजिस्ट्रेशन की वैधता और नवीनीकरण

RERA द्वारा दिया गया रजिस्ट्रेशन आमतौर पर 5 वर्षों के लिए मान्य होता है। इस अवधि के बाद यदि आप इस पेशे को जारी रखना चाहते हैं, तो आपको समय रहते रिन्यूअल करवाना पड़ता है, वरना आपकी स्थिति ‘अवैध’ मानी जा सकती है।

  1. रजिस्टर्ड एजेंट होने की ज़िम्मेदारियाँ

एक बार रजिस्टर्ड हो जाने के बाद एजेंट पर कुछ कानूनी और नैतिक जिम्मेदारियाँ आ जाती हैं:

    • जो भी जानकारी साझा करे, वह पूरी तरह सही और प्रमाणिक होनी चाहिए
    • सौदे से जुड़े सभी दस्तावेज़ों का रिकॉर्ड रखना आवश्यक है
    • किसी गैर-पंजीकृत प्रोजेक्ट की मार्केटिंग करना कानूनन गलत है
  1. उल्लंघन करने पर सज़ा क्या हो सकती है?

यदि कोई एजेंट बिना पंजीकरण के कार्य करता है, या पंजीकरण होने के बावजूद RERA के नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर सख़्त कार्रवाई हो सकती है:

    • प्रतिदिन जुर्माना (₹10,000 तक रोज़ाना)
    • कुल प्रोजेक्ट लागत का 5% तक का भारी दंड
    • पंजीकरण रद्द किया जा सकता है
    • कोर्ट में कानूनी केस भी चल सकता है

 

RERA पंजीकरण: रियल एस्टेट एजेंट बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ की पूरी सूची

रियल एस्टेट एजेंट को कानूनी तरीके से काम करने के लिए RERA के साथ पंजीकरण करना ज़रूरी है। इसके लिए आवेदन करते समय कुछ कागज़ात की मांग की जाती है। ये कागज़ात इस बात का प्रमाण होते हैं कि एजेंट या उसकी कंपनी असली है और किसी धोखाधड़ी में शामिल नहीं है। आइए देखते हैं कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी होते हैं:

  1. व्यक्तिगत पहचान और पते से जुड़े दस्तावेज़
    • आधार कार्ड (पहचान और पता दोनों के लिए सबसे मान्य प्रमाण)
    • पैन कार्ड (आयकर विभाग से जारी, वित्तीय लेनदेन के लिए ज़रूरी)
    • अगर जरूरत हो तो वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट भी दिया जा सकता है।
    • आवास का प्रमाण – बिजली का बिल, पानी का बिल, या रेंट एग्रीमेंट।
  1. अगर एजेंट कंपनी या संस्था के रूप में आवेदन करता है
    • कंपनी का पैन कार्ड।
    • कंपनी पंजीकरण से जुड़े कागज़ात – जैसे MOA (मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन), AOA (आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन), या LLP एग्रीमेंट।
    • अगर पार्टनरशिप फर्म है तो पार्टनरशिप डीड।
    • अगर लागू हो तो GST पंजीकरण प्रमाणपत्र।
    • कंपनी/फर्म का कार्यालय पता प्रमाण – रेंट एग्रीमेंट या प्रॉपर्टी के मालिकाना हक का कागज़।
  1. फोटोग्राफ़
    • व्यक्तिगत एजेंट के लिए पासपोर्ट साइज फोटो।
    • अगर कंपनी है तो सभी पार्टनर्स या डायरेक्टर्स की फोटो।
  1. बैंक और वित्तीय विवरण
    • बैंक पासबुक की कॉपी या कैंसिल चेक।
    • कुछ राज्यों में लेन-देन के लिए बैंक स्टेटमेंट भी मांगा जा सकता है।

 

रियल एस्टेट एजेंट बनने के लिए ज़रूरी गुण और सफल करियर की राह

अगर आप रियल एस्टेट एजेंट बनकर इस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं तो केवल प्रॉपर्टी बेचना ही काफी नहीं है। ग्राहक का भरोसा, सही जानकारी और आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल ही इस प्रतिस्पर्धी बाज़ार में सफलता की चाबी है। यहाँ कुछ ऐसे गुण और आदतें दी गई हैं, जिन्हें अपनाकर कोई भी एजेंट अपने करियर को मजबूत बना सकता है।

  1. नेटवर्किंग की शक्ति

रियल एस्टेट का पूरा काम रिश्तों पर टिकता है। जितना बड़ा नेटवर्क होगा, उतने ज़्यादा मौके मिलेंगे। साथी एजेंट, बिल्डर्स, बैंक अधिकारी और पुराने ग्राहक – सब आपके लिए नए क्लाइंट लाने में मददगार साबित होते हैं। स्थानीय ग्रुप्स या एसोसिएशनों का हिस्सा बनने से भी नेटवर्क बढ़ता है।

  1. पारदर्शिता और ईमानदारी

ग्राहक को वही बताएं जो हकीकत है। अगर किसी प्रॉपर्टी का कानूनी पक्ष अधूरा है या बिल्डर की विश्वसनीयता पर सवाल है, तो क्लाइंट से यह छिपाएँ नहीं। साफ-साफ बताने से ग्राहक का विश्वास बढ़ता है और आपका नाम भी लंबे समय तक टिकता है।

  1. तथ्यों पर भरोसा, धारणाओं से दूरी

प्रॉपर्टी के कागज़ात, वैल्यूएशन और कानूनी प्रक्रिया में अनुमान लगाना खतरनाक साबित हो सकता है। एजेंट को हमेशा वास्तविक दस्तावेज़ों और पक्की जानकारी पर भरोसा करना चाहिए। यह आदत एजेंट को सुरक्षित रखती है और क्लाइंट को संतुष्ट करती है।

  1. रेफरल से आगे बढ़ना

रियल एस्टेट एजेंट की सबसे बड़ी ताक़त उसके संतुष्ट ग्राहक होते हैं। जब ग्राहक को आपकी सेवा भरोसेमंद और उपयोगी लगती है, तो वह अपने जान-पहचान वालों को भी आपके पास आने की सलाह देता है। इसी तरह रेफरल के जरिए आपको नए क्लाइंट मिलते हैं और बाज़ार में आपकी विश्वसनीयता बढ़ती है।

  1. ऑनलाइन उपस्थिति

आज का ग्राहक पहले इंटरनेट पर खोज करता है। अगर आपके पास सोशल मीडिया पेज, गूगल बिज़नेस लिस्टिंग या एक साधारण वेबसाइट है, तो ग्राहक आप पर जल्दी भरोसा करेगा। ऑनलाइन उपस्थिति आपके काम को आधुनिक और प्रोफेशनल दिखाती है।

  1. सलाहकार की भूमिका

सिर्फ बिक्री करने वाले एजेंट और एक सलाहकार एजेंट में फर्क होता है। सलाहकार एजेंट ग्राहक की ज़रूरत समझता है, विकल्प बताता है और उसे सही दिशा दिखाता है। यह भूमिका आपको सिर्फ एक ब्रोकर नहीं, बल्कि ग्राहक का साथी बना देती है।

 

रियल एस्टेट एजेंट की नौकरी में क्या-क्या करना होता है? (Real Estate agent jobs)

रियल एस्टेट एजेंट की भूमिका सिर्फ प्रॉपर्टी दिखाने या बेचने तक सीमित नहीं है। यह ऐसा पेशा है जहाँ एजेंट ग्राहकों के सपनों को हकीकत में बदलने की जिम्मेदारी निभाता है। किसी के लिए अपना घर खरीदना जीवन का सबसे बड़ा फैसला होता है, और एजेंट उस फैसले में मार्गदर्शक की तरह काम करता है।

रियल एस्टेट एजेंट की मुख्य जिम्मेदारियाँ

  1. ग्राहक की ज़रूरत समझना – हर व्यक्ति की प्राथमिकताएँ अलग होती हैं। कोई लोकेशन पर ध्यान देता है, कोई कीमत पर और कोई सुविधा पर। एजेंट को इन सबको समझकर सही विकल्प सुझाना पड़ता है।
  2. सही प्रॉपर्टी की खोज – एजेंट का काम सिर्फ बिल्डर की प्रॉपर्टी बेचना नहीं बल्कि ऐसी जगह ढूँढना है जो ग्राहक के लिए उपयुक्त और सुरक्षित हो।
  3. प्रॉपर्टी विज़िट और प्रस्तुति – ग्राहक को साइट विज़िट कराते समय एजेंट को प्रॉपर्टी की हर छोटी-बड़ी जानकारी बतानी चाहिए, ताकि क्लाइंट को कोई संदेह न रहे।
  4. मोलभाव और समझौता – कीमत और शर्तों पर अक्सर खरीदार और विक्रेता की सोच अलग होती है। ऐसे समय पर एजेंट को दोनों पक्षों की बात समझकर बीच का रास्ता निकालना आना चाहिए, ताकि डील सभी के लिए संतोषजनक हो।
  5. कानूनी और दस्तावेज़ी सहायता – प्रॉपर्टी से जुड़े कागज़ात, रजिस्ट्री और लोन प्रक्रिया आम ग्राहकों के लिए जटिल हो सकते हैं। एजेंट इन प्रक्रियाओं को सरल बनाता है।
  6. मार्केट की नब्ज़ पहचानना – प्रॉपर्टी का सही मूल्य जानना और आने वाले समय में उसकी संभावनाओं का अंदाज़ा लगाना एजेंट की एक अहम जिम्मेदारी है।
  7. ग्राहक संबंध – सिर्फ एक डील पूरी करना ही काफी नहीं है। संतुष्ट ग्राहक भविष्य में भी एजेंट से जुड़े रहते हैं और नए क्लाइंट भी लाते हैं।

रियल एस्टेट एजेंट की नौकरियाँ कितनी तरह की होती हैं? (Types of Real Estate Agent Jobs)

  • रिहायशी एजेंट – घर, फ्लैट, प्लॉट जैसी व्यक्तिगत ज़रूरतों से जुड़ी प्रॉपर्टी पर काम करता है।
  • व्यावसायिक एजेंट – दुकानों, ऑफिस स्पेस और व्यावसायिक इमारतों से संबंधित सौदों में विशेषज्ञ।
  • किराया एजेंट – मकान या ऑफिस को किराये पर दिलाने और दिलवाने का काम करता है।
  • निवेश सलाहकार – निवेशकों को ऐसी प्रॉपर्टी सुझाता है जहाँ भविष्य में अच्छा लाभ मिल सके।

 

रियल एस्टेट एजेंट का कमीशन कितना होता है? (Real estate agent commission​)

रियल एस्टेट एजेंट की कमीशन (commission) वह राशि है, जो एजेंट को संपत्ति की खरीद-फरोख्त या किराए पर देने के दौरान अपनी सेवाओं के बदले में मिलती है। कमीशन आमतौर पर बिक्री मूल्य या किराए की राशि का एक प्रतिशत होता है, और यह एजेंट के द्वारा दी जाने वाली सेवाओं, जैसे कि ग्राहक को ढूंढना, दस्तावेज़ तैयार करना, बातचीत करना आदि, के आधार पर निर्धारित होता है।

रियल एस्टेट एजेंट की कमीशन की संरचना:

  1. संपत्ति बिक्री के लिए कमीशन:
    • जब रियल एस्टेट एजेंट किसी संपत्ति को बेचता है, तो उसे बिक्री मूल्य के कुछ प्रतिशत के रूप में कमीशन मिलता है। यह आमतौर पर 1% से 2% के बीच होता है, हालांकि यह क्षेत्र और संपत्ति के मूल्य पर निर्भर करता है।
    • उदाहरण: अगर संपत्ति की कीमत ₹50 लाख है, और कमीशन 1% है, तो एजेंट को ₹50,000 कमीशन मिलेगा।
  1. किराए पर संपत्ति देने के लिए कमीशन:
    • जब एजेंट किसी संपत्ति को किराए पर देता है, तो उसे किराए के अनुबंध के आधार पर कमीशन मिलता है। यह कमीशन आमतौर पर एक महीने के किराए के बराबर होता है।
    • उदाहरण: यदि किराया ₹20,000 प्रति महीना है, तो एजेंट को ₹20,000 कमीशन मिल सकता है।
  1. संपत्ति खरीदी के लिए कमीशन:
    • रियल एस्टेट एजेंट द्वारा एक खरीदार को संपत्ति दिखाने और उसे खरीदने में मदद करने के लिए भी कमीशन मिलता है। यह भी बिक्री मूल्य का एक निश्चित प्रतिशत होता है, जो आमतौर पर विक्रेता द्वारा तय किया जाता है, लेकिन कभी-कभी इसे खरीदार भी साझा करते हैं।

कमीशन की भुगतान संरचना:

  1. डबल कमीशन (Double Commission):
    • कभी-कभी एजेंट दोनों पक्षों (खरीदार और विक्रेता) से कमीशन प्राप्त करते हैं, जिसे डबल कमीशन कहा जाता है। यह अधिकतर उच्च-प्रोफाइल लेन-देन में होता है।
  1. आंशिक कमीशन:
    • कुछ मामलों में, एजेंट को पूरी कमीशन राशि नहीं मिलती है। इसमें कुछ हिस्सा एजेंसी को जाता है, और कुछ हिस्सा एजेंट को मिलता है।
  1. बोनस और अतिरिक्त कमीशन:
    • कुछ रियल एस्टेट कंपनियाँ विशेष लक्ष्यों को प्राप्त करने पर अतिरिक्त बोनस और कमीशन प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए, यदि एजेंट साल भर में एक निश्चित संख्या में संपत्तियाँ बेचता है, तो उसे अतिरिक्त कमीशन दिया जा सकता है।

कमीशन का निर्धारण:

  • कमीशन दर: रियल एस्टेट एजेंट की कमीशन दर आमतौर पर एजेंसी की नीतियों और क्षेत्रीय प्रथा पर निर्भर करती है।
  • समझौता: कभी-कभी, एजेंट और क्लाइंट के बीच कमीशन दर पर बातचीत की जाती है।
  • स्थानीय कानून और प्राधिकरण: कुछ राज्यों में रियल एस्टेट कमीशन के लिए नियामक दिशा-निर्देश होते हैं। उदाहरण के लिए, RERA (Real Estate Regulation and Development Act) के तहत, रियल एस्टेट एजेंट की कमीशन पर कुछ नियम हो सकते हैं।

Real Estate Agent vs Broker

पहलू रियल एस्टेट एजेंट रियल एस्टेट ब्रोकर
परिभाषा संपत्ति लेन-देन में सहायता करता है। एजेंटों का प्रबंधन और लेन-देन में भाग लेता है।
लाइसेंस राज्य से लाइसेंस, ब्रोकर के तहत काम करता है। उच्च स्तर का लाइसेंस, स्वतंत्र रूप से काम करता है।
दायित्व ब्रोकर के तहत काम करता है। एजेंटों का प्रबंधन और संचालन करता है।
स्वतंत्रता ब्रोकर के तहत काम करता है। स्वतंत्र रूप से काम कर सकता है।
कमाई कमीशन पर आय, ब्रोकर से निर्धारित। एजेंटों के कमीशन का हिस्सा और खुद का कमीशन।
कानूनी जिम्मेदारी ब्रोकर के तहत जिम्मेदारी। खुद की अधिक कानूनी जिम्मेदारी।
कार्य का दायरा लेन-देन में सहयोग करता है। एजेंटों का प्रबंधन और लेन-देन में भाग लेता है।

निष्कर्ष:

रियल एस्टेट एजेंट कैसे बनें यह सवाल आजकल कई लोगों के मन में उठता है, और इसका जवाब पाने के लिए सही मार्गदर्शन, शिक्षा और मेहनत जरूरी है। इस पेशे में सफलता प्राप्त करने के लिए आपको न सिर्फ बुनियादी कौशल सीखने होंगे, बल्कि रियल एस्टेट के कानूनी पहलुओं और बाजार की स्थितियों की भी गहरी समझ होनी चाहिए। RERA पंजीकरण, एक स्थापित एजेंसी से जुड़ना, और प्रोफेशनल दृष्टिकोण से कार्य करना इस व्यवसाय में सफलता की कुंजी है। समय के साथ अनुभव प्राप्त कर, आप इस क्षेत्र में अपना नाम बना सकते हैं और एक मजबूत करियर बना सकते हैं।

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रियल एस्टेट एजेंट कैसे बनें? | सभी ज़रूरी सवालों के जवाब एक जगह (FAQ Guide)

  1. रियल एस्टेट एजेंट कौन होता है?

रियल एस्टेट एजेंट वह व्यक्ति होता है जो ग्राहकों को संपत्ति खरीदने, बेचने या किराए पर लेने में मदद करता है। वह दोनों पक्षों (खरीदार और विक्रेता) के बीच संपर्क बनाकर सौदा सफल बनाने में सहयोग करता है।

  1. रियल एस्टेट एजेंट कैसे बनें?

रियल एस्टेट एजेंट बनने के लिए आपको कम से कम 12वीं पास होना चाहिए और RERA द्वारा मान्यता प्राप्त कोर्स करना होता है। उसके बाद आपको राज्य के रजिस्ट्रार के पास एजेंट के रूप में पंजीकरण कराना होता है।

  1. क्या रियल एस्टेट एजेंट को लाइसेंस लेना जरूरी है?

हाँ, भारत में अब RERA कानून के तहत रियल एस्टेट एजेंट को संबंधित राज्य में रजिस्ट्रेशन कराना और लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य हो गया है।

  1. रियल एस्टेट एजेंट और ब्रोकर में क्या अंतर होता है?

रियल एस्टेट एजेंट व्यक्तिगत रूप से कार्य करता है, जबकि ब्रोकर आमतौर पर एक बड़ा नेटवर्क या एजेंसी चलाता है और एजेंटों की टीम को मैनेज करता है। ब्रोकर के पास अधिक अनुभव और लाइसेंस होता है।

  1. क्या रियल एस्टेट एजेंट को टेक्नोलॉजी की जानकारी होनी चाहिए?

जी हाँ, आज के समय में डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन लीड जनरेशन, प्रॉपर्टी पोर्टल्स का इस्तेमाल और व्हाट्सएप/CRM जैसे टूल्स की जानकारी एक सफल रियल एस्टेट एजेंट के लिए जरूरी है।

  1. क्या रियल एस्टेट एजेंट फुल-टाइम जॉब है?

यह प्रोफेशन फुल-टाइम भी किया जा सकता है और पार्ट-टाइम भी। कई लोग इसे साइड बिजनेस के रूप में शुरू करते हैं और फिर अनुभव के साथ इसे फुल-टाइम कर लेते हैं।

 

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