घर बनाने से पहले जान लें OPC और PPC सीमेंट के फायदे और नुकसान | OPC PPC Difference in Hindi

OPC और PPC सीमेंट आज के निर्माण कार्यों में सबसे आम और जरूरी सामग्री बन चुके हैं। ये दोनों सीमेंट दिखने में एक जैसे लग सकते हैं, लेकिन उनकी ताकत, सेटिंग समय तथा टिकाऊपन अलग-अलग होता है। OPC जल्दी ताकत देता रहता व छोटे या तेज़ प्रोजेक्ट्स में उपयोग के लिए बेहतर माना जाता, जबकि PPC धीरे-धीरे ताकत बनाता रहता लेकिन लंबे समय तक टिकाऊ रहता तथा नमी या रसायनों वाले माहौल में बेहतर प्रदर्शन करता।

आज हम इस लेख में बात करेंगे OPC और PPC सीमेंट में क्या अंतर मौजूद, इसका इतिहास क्या रहा, कितने ग्रेड का होता, तथा OPC और PPC सीमेंट का full form क्या है। इसे जानने से आप आसानी से समझ पाएंगे कि किस प्रोजेक्ट के लिए कौन सा सीमेंट सबसे उपयुक्त है और क्यों।

साधारण पोर्टलैंड सीमेंट (OPC Cement) क्या है?

Ordinary Portland Cement (OPC) एक ऐसा सीमेंट है जिसे उसकी भरोसेमंद मजबूती तथा आसान उपयोग के कारण निर्माण कार्यों में सबसे ज़्यादा पसंद किया जाता है। इसे क्लिंकर और थोड़ी मात्रा में जिप्सम को बारीक पीसकर तैयार किया जाता, जिससे यह जल्दी सेट होकर शुरुआती दिनों में ही अच्छी ताकत देता है। घरों से लेकर बड़े व्यावसायिक ढाँचों तक – जहाँ भी तेज़ और टिकाऊ कंक्रीट की ज़रूरत होती है – OPC एक व्यावहारिक विकल्प माना जाता है। इसके 33, 43 और 53 ग्रेड अलग-अलग जरूरतों के अनुसार शक्ति प्रदान करते हैं।

हालाँकि OPC बहुउपयोगी है, फिर भी इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी जुड़ी रहती। बड़े ढाँचों में यह सेटिंग के दौरान ज़्यादा गर्मी पैदा कर सकता, जिससे दरारें आने का खतरा बना रहता है। इसके उत्पादन में अधिक ईंधन लगता, जो पर्यावरण पर प्रभाव डालता। इसके अलावा, अत्यधिक खारे या रसायन-प्रभावित क्षेत्रों में इसकी टिकाऊपन कुछ कम हो सकती। फिर भी, इसकी उपलब्धता तथा लगातार अच्छा प्रदर्शन इसे अधिकतर निर्माण परियोजनाओं में पहली पसंद बनाता है।

पोर्टलैंड पॉज़ोलानिक सीमेंट (PPC Cement) क्या है?

Portland Pozzolanic Cement (PPC) एक ऐसा सीमेंट है जिसमें साधारण पोर्टलैंड सीमेंट के क्लिंकर के साथ फ्लाई ऐश या अन्य पॉज़ोलानिक सामग्री मिलाई जाती है। ये पदार्थ सीमेंट की रासायनिक प्रक्रिया को बेहतर बनाते हैं, जिससे कंक्रीट ज्यादा घना, टिकाऊ तथा लंबे समय तक मजबूती बनाए रखने वाला बनता। PPC का इस्तेमाल उन जगहों पर खास तौर पर किया जाता है जहाँ नमी, रसायन या समुद्री वातावरण का असर ज्यादा होता, तथा साथ ही यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर माना जाता क्योंकि इसमें औद्योगिक उप-उत्पादों का उपयोग होता।

PPC के लाभ यह हैं कि इससे कंक्रीट की वर्केबिलिटी बढ़ती है, कम गर्मी उत्पन्न होती है और संरचना की टिकाऊपन समय के साथ बेहतर होती। हालांकि इसकी शुरुआती सेटिंग तथा शुरुआती शक्ति OPC की तुलना में थोड़ी धीमी होती, और सही curing का ध्यान रखना जरूरी होता। फिर भी, अपनी स्थायित्व, आसान उपयोग और पर्यावरणीय फायदे की वजह से PPC आधुनिक निर्माण में एक पसंदीदा विकल्प बना हुआ है।

OPC और PPC सीमेंट का इतिहास

OPC सीमेंट की शुरुआत

  • भारत में सीमेंट बनाने की शुरुआत छोटे स्तर पर 1904 में मद्रास से हुई, जहाँ एक छोटा प्लांट “Artificial Portland Cement” तैयार करता था।
  • असली और बड़े पैमाने पर OPC उत्पादन 1914 में पोरबंदर (गुजरात) में शुरू हुआ। यह भारत का पहला सफल और व्यावसायिक रूप से मजबूत सीमेंट प्लांट था।
  • यहाँ बनने वाला सीमेंट ब्रिटिश स्टैंडर्ड के हिसाब से बनाया जाता था, इसलिए इसकी मार्केट में अच्छी डिमांड बन गई।
  • इस उत्पादन की वजह से भारत को धीरे-धीरे विदेशों से सीमेंट खरीदने की जरूरत कम पड़ने लगी।
  • इसके बाद उद्योग ने रफ्तार पकड़ी – 1915 में कटनी और 1916 में लक्षेरी में नए प्लांट शुरू हो गए।
  • पहला विश्व युद्ध आने पर सीमेंट उत्पादन सरकार के नियंत्रण में चला गया, लेकिन युद्ध खत्म होते ही यह प्रतिबंध हटा दिया गया।

PPC सीमेंट की शुरुआत

  • PPC का असली विस्तार देश में आजादी के बाद शुरू हुआ, जब भारत ने सीमेंट उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य रखा।
  • 1965 में Cement Corporation of India (CCI) बनाई गई, जिसने आधुनिक टेक्नोलॉजी अपनाकर PPC का बड़े स्तर पर उत्पादन शुरू किया।
  • समय के साथ-साथ सरकारी और निजी कंपनियों ने भी PPC बनाना शुरू कर दिया क्योंकि यह ज्यादा टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल माना जाने लगा।
  • बाद में पावर प्लांट्स से मिलने वाली फ्लाई ऐश को PPC में मिलाया जाने लगा, जिससे यह सीमेंट और भी मजबूत, टिकाऊ और किफायती बन गया।

OPC और PPC सीमेंट में क्या अंतर है?

पैरामीटरOPC (Ordinary Portland Cement)PPC (Portland Pozzolanic Cement)
संरचनाज्यादातर क्लिंकर और जिप्सम मिलाकर बनता हैक्लिंकर, फ्लाई ऐश और जिप्सम मिलाकर बनता है
सेट होने का समयजल्दी सेट होता हैथोड़ा धीमा सेट होता है
शुरुआत में ताकतजल्दी मजबूत होता हैधीरे-धीरे ताकत बनती है, लेकिन ज्यादा टिकाऊ होता है
गर्मीअधिक गर्मी पैदा करता हैकम गर्मी पैदा करता है
टिकाऊपनकम समय में टिकाऊ नहीं होताज्यादा टिकाऊ होता है, खासकर मुश्किल माहौल में
पर्यावरण पर प्रभावज्यादा कार्बन उत्सर्जन करता हैपर्यावरण के लिए अच्छा, फ्लाई ऐश का उपयोग होता है
सल्फेट से सुरक्षासल्फेट के असर से थोड़ा कमजोरसल्फेट के असर से ज्यादा सुरक्षित
महीनताकण बहुत महीन होते हैं, ताकत जल्दी आती हैकण भी महीन होते हैं, लेकिन काम करने में आसान है
उपयोगसामान्य निर्माण और जल्दी कामों मेंबड़े ढांचे, जल परियोजनाएँ और लंबे समय तक टिकाऊ काम
कीमतआमतौर पर महंगा होता हैसस्ता होता है, क्योंकि फ्लाई ऐश का उपयोग होता है
रंगआमतौर पर गहरा ग्रे होता हैफ्लाई ऐश के कारण हल्का रंग होता है

OPC सीमेंट कितने ग्रेड का होता है?

ओपीसी सीमेंट को 28 दिनों में मिलने वाली मजबूती के आधार पर अलग-अलग ग्रेड में बाँटा जाता है। इनमें 33, 43 तथा 53 ग्रेड सबसे ज्यादा उपयोग में आते हैं। 33 ग्रेड उन कामों के लिए सही रहता, जहाँ बहुत ज्यादा ताकत की जरूरत नहीं पड़ती – जैसे प्लास्टर या सामान्य ईंट-गारा का काम। 43 ग्रेड घरों तथा आम कमर्शियल इमारतों के लिए अच्छा विकल्प माना जाता, क्योंकि इसकी मजबूती रोज़मर्रा के निर्माण के लिए ठीक रहती। वहीं 53 ग्रेड सबसे ज्यादा मजबूत माना जाता तथा इसका उपयोग तब किया जाता, जब ढाँचे पर ज्यादा वजन पड़ने वाला हो – जैसे ऊँची इमारतें, पुल या भारी निर्माण।

इनके अलावा एक खास ग्रेड “OPC 53-S” भी बनाया जाता, जिसका उपयोग आम निर्माण में नहीं बल्कि रेलवे के कंक्रीट स्लीपर बनाने में होता है। यह ग्रेड इसलिए अलग माना जाता, क्योंकि इसमें तय और स्थिर मजबूती मिलती। कुल मिलाकर, जिस तरह का काम करना हो, उसी के अनुसार ओपीसी का सही ग्रेड चुनना जरूरी रहता, जिससे निर्माण मजबूत बने तथा ढाँचा लंबे समय तक सुरक्षित बना रहे।

PPC सीमेंट कितने ग्रेड का होता है?

PPC (Portland Pozzolana Cement) आम तौर पर एक ही ग्रेड में मिलता है और इसे OPC 33 ग्रेड के बराबर माना जाता है, और 28 दिनों में इसकी ताकत करीब 33 MPa तक पहुँचती है। इसमें OPC की तरह अलग-अलग ग्रेड नहीं होते, फिर भी यह लंबे समय तक मजबूत रहता। PPC धीरे-धीरे सेट होता रहता, जिससे काम करना आसान रहता और इससे बना कंक्रीट घना, मजबूत तथा मौसम, नमी या रसायनों के असर से सुरक्षित बनता। इसमें गर्मी कम निकलती, इसलिए बड़े स्लैब या भारी ढाँचों में दरारें कम पड़तीं। इसी वजह से PPC घरों, बड़े प्रोजेक्ट्स तथा कठिन मौसम वाले इलाकों में भरोसेमंद विकल्प माना जाता है।

घर बनाने के लिए कौन सा सीमेंट सबसे अच्छा है OPC या PPC?

घर बनाने के लिए ज़्यादातर लोग PPC सीमेंट को बेहतर मानते हैं, क्योंकि यह धीरे-धीरे सेट होता है और दीवारों में नमी या हल्की दरारें कम होने देता है। इसमें मिला pozzolana इसे और मज़बूत तथा टिकाऊ बनाता है। दूसरी तरफ OPC सीमेंट जल्दी सूखता है, इसलिए भारी ढांचे या RCC जैसे काम में काम आता है, लेकिन घर की दीवारें, प्लास्टर और सामान्य निर्माण के लिए PPC ज़्यादा बढ़िया, सस्ता और लंबे समय तक चलने वाला विकल्प माना जाता है।

नकली सीमेंट की क्या पहचान है?

नकली सीमेंट पहचानने के लिए सबसे पहले बोरी की पैकिंग और लेबल देखना जरूरी है। असली सीमेंट में साफ ब्रांड, लोगो और निर्माण तारीख मिलती, जबकि नकली बोरी में प्रिंट फीका या गलत दिख सकता। असली सीमेंट का रंग हल्का ग्रे होता और उंगलियों से रगड़ने पर स्मूद महसूस होता। अगर सीमेंट खुरदरा या गांठदार लगे तो सावधान रहना चाहिए।

फ्लोट टेस्ट भी एक आसान तरीका है – थोड़ा सीमेंट पानी में डालने पर असली सीमेंट कुछ देर तैरता, बाद में धीरे डूबता। हाथ डालने पर हल्की ठंडक महसूस होना भी असली सीमेंट की पहचान है। बड़े प्रोजेक्ट में पैकेट पर सर्टिफिकेशन मार्क देखना जरूरत पड़ने पर लैब टेस्ट कराना सबसे भरोसेमंद तरीका है।

पीपीसी सीमेंट का कौन सा ब्रांड सबसे अच्छा है?

यह सवाल ज्यादातर लोग घर या किसी भी निर्माण का काम शुरू करते समय पूछते हैं, और इसका जवाब आपकी जरूरत पर निर्भर करता है। आम तौर पर UltraTech अपनी मजबूत पकड़ और लंबे समय तक चलने वाली क्वालिटी के लिए जाना जाता है, जबकि Shree Cement घर बनाने जैसे कामों में किफायती और भरोसेमंद माना जाता है। Dalmia Cement उन लोगों की पसंद है जो ज्यादा टिकाऊ और पर्यावरण का खयाल रखते हुए बना सीमेंट चाहते हैं। इसके अलावा ACC और Ambuja भी अच्छी और स्थिर क्वालिटी के कारण आसानी से चुने जाने वाले विकल्प हैं, क्योंकि ये लगभग हर जगह उपलब्ध रहते हैं।

ओपीसी सीमेंट का उपयोग कहाँ किया जाता है?

ओपीसी सीमेंट का इस्तेमाल उन जगहों पर किया जाता है जहाँ जल्दी मज़बूती चाहिए और भारी वजन सहना पड़ता है। इसे आमतौर पर फाउंडेशन, बीम, कॉलम, स्लैब, ब्रिज, डैम और बहुमंज़िला इमारतों के निर्माण में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इंडस्ट्रियल या बड़े निर्माण कार्यों में भी OPC पसंद किया जाता है, क्योंकि यह जल्दी सेट होता है और मजबूत स्ट्रक्चर बनाने में मदद करता है। सामान्य दीवारों या प्लास्टर के लिए इसे आमतौर पर नहीं चुना जाता।

OPC और PPC सीमेंट का full form क्या है?

  • OPC – ओपीसी का पूरा नाम है साधारण पोर्टलैंड सीमेंट (Ordinary Portland Cement)
  • PPC – पीपीसी का पूरा नाम है पोर्टलैंड पोज़ोलानिक सीमेंट (Portland Pozzolanic Cement)

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निष्कर्ष

OPC और PPC सीमेंट दोनों का अपना अलग महत्व है। OPC भारी ढांचे और फाउंडेशन के लिए बेहतर है, जबकि PPC दीवारों, प्लास्टर और टिकाऊ निर्माण के लिए ज्यादा उपयुक्त है। सही सीमेंट चुनना आपके घर या प्रोजेक्ट की मजबूती और लंबी उम्र के लिए बहुत जरूरी है।

 

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