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तेल और प्राकृतिक गैस निगम  | Oil and Natural Gas Corporation (ONGC)

तेल और प्राकृतिक गैस निगम | Oil and Natural Gas Corporation (ONGC)

तेल और प्राकृतिक गैस निगम कंपनी प्रोफाइल, सहायक कंपनियां, इतिहास, चैयरमेन, नेटवर्थ, CEO, प्रोडक्ट, अधिग्रहण, पुरस्कार, और अधिक (Oil and Natural Gas Corporation company details in hindi)

तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) एक प्रमुख भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जिसकी स्थापना 14 अगस्त 1956 को भारत सरकार ने की थी। यह कंपनी भारत में सबसे बड़ी सरकारी तेल और गैस खोजकर्ता और उत्पादक के रूप में प्रसिद्ध है । ओएनजीसी भारत के कच्चे तेल का लगभग 70 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस का करीब 84 प्रतिशत उत्पादन करती है। नवंबर 2010 में, भारत सरकार ने ओएनजीसी को’ महारत्न’ का दर्जा प्रदान किया, जिससे इसके व्यावसायिक स्वतंत्रता और महत्व को और बढ़ावा मिला है।

कंपनी प्रोफाइल (Profile)

नाम तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC)
इंडस्ट्री तेल और गैस
शुरुवात की तारीख 14 अगस्त 1956
मुख्य लोग अरुण कुमार सिंह (Chairman & CEO)
मुख्यालय दिल्ली
स्टॉक एक्सचेंज BSE :500312, NSE: ONGC
मार्किट कैप (Market Cap) ₹3,13,249 करोड़
राजस्व (Revenue) ₹6,03,669 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
कुल संपत्ति (Total Asset) ₹7,10,192 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
नेटवर्थ (Net Worth) ₹3,65,091 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
मालक भारत सरकार
वेबसाइट ongcindia.com

कंपनी के बारे में (About Company)

तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) की स्थापना 14 अगस्त 1956 को भारत सरकार ने तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग के रूप में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य देश में तेल और गैस की खोज और उत्पादन को बढ़ावा देना था। 1994 में इसे एक निगम में बदल दिया गया और 1997 में भारत सरकार ने इसे ‘नवरत्न’ का दर्जा दिया, जो इसकी अहमियत को दर्शाता है।

ONGC भारत की सबसे बड़ी कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस कंपनी है। यह भारतीय घरेलू उत्पादन में लगभग 71 प्रतिशत का योगदान करती है। ओएनजीसी द्वारा उत्पादित कच्चा तेल का उपयोग पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, नेफ्था और कुकिंग गैस (LPG) जैसे पेट्रोलियम उत्पादों के निर्माण में किया जाता है, जो देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करते हैं। ये उत्पाद प्रमुख कंपनियों जैसे IOC, BPCL, HPCL, और MRPL द्वारा उपयोग किए जाते हैं।

2010 में ओएनजीसी को ‘महारत्न’ का दर्जा दिया गया, जिससे कंपनी को और अधिक स्वतंत्रता और महत्व मिला। ओएनजीसी तेल और गैस के अन्वेषण और उत्पादन के क्षेत्र में अपनी विशेष सेवाओं के लिए जानी जाती है। इसके मार्केट कैप भारत के सार्वजनिक उपक्रमों में सबसे ऊंचा है, और यह देश की सबसे बड़ी संपत्ति निर्माता कंपनी है। इस प्रकार, ओएनजीसी का योगदान भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसका भविष्य उज्जवल नजर आता है।

प्रोडक्ट/सर्विस (Product/Services)

प्राकृतिक गैस (Natural Gas)

ONGC प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और भारत की कुल मांग का लगभग 75% पूरा करती है। यह गैस मुख्य रूप से बिजली उत्पादन, परिवहन और खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होती है, जो इसे पर्यावरण के लिहाज से एक बेहतर विकल्प बनाती है और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में मदद करती है। ओएनजीसी नई तकनीकों और उन्नत तेल निष्कर्षण विधियों जैसे ईओआर और आईओआर को अपनाकर प्राकृतिक गैस के उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है, ताकि देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके।

कच्चा तेल (Crude Oil)

ONGC भारत में तेल की आपूर्ति को मज़बूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह कच्चे तेल की खोज, उत्पादन और शोधन करती है, जिससे पेट्रोल, डीजल, एलपीजी जैसे रोज़मर्रा के उत्पाद मिलते हैं। ओएनजीसी की आधुनिक तकनीक से तेल का निष्कर्षण और प्रसंस्करण कुशलता से होता है, जिससे उत्पादों की गुणवत्ता हमेशा उच्च रहती है।

तेल और प्राकृतिक गैस निगम का इतिहास (History)

  • तेल और प्राकृतिक गैस की खोज और विकास को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने 1956 में तेल और प्राकृतिक गैस आयोग की स्थापना की। यह आयोग खनन, प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय और साइंटिफिक रिसर्च के अंतर्गत आया। अक्टूबर 1959 में, आयोग को एक वैधानिक निकाय में परिवर्तित कर दिया गया, जैसा कि तेल और प्राकृतिक गैस आयोग अधिनियम, 1959 के तहत किया गया था।
  • 1992 में, ONGC ने दामोदर घाटी में कोल बेड मीथेन (CBM) के रेसौर्सेस का डेवलपमेंट और इस्तेमाल शुरू किया है।
  • 1993 में, कंपनी का नाम बदलकर ‘तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड’ (ONGC) रखा गया।
  • फरवरी 1994 में, ONGC ने सार्वजनिक सूचीबद्ध कंपनी का दर्जा प्राप्त किया। उस समय कंपनी ने अपनी 20% इक्विटी आम जनता को बेची, जबकि 80% हिस्सेदारी भारतीय सरकार के पास बनी रही थी। उस समय, ONGC में लगभग 48,000 कर्मचारी कार्यरत थे और इसके पास ₹104.34 बिलियन के रिजर्व और अधिशेष के साथ-साथ अपनी अमूर्त संपत्तियाँ भी थीं।
  • 1996 में, कंपनी की प्रमुख प्रोजेक्ट्स में हीरा क्षेत्र के चरण III के तहत HX-HY प्लेटफॉर्म की स्थापना, हजीरा टर्मिनल के चरण IIIA का पूरा होना, और उत्तर गुजरात में दो अत्याधुनिक EOR (Enhanced Oil Recovery) परियोजनाओं का शामिल होना था। इसके अलावा, ONGC ने चार नए प्रोजेक्ट के लिए सरकार से मंजूरी प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किया।
  • 1997 में, ONGC और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) हजीरा में एक निजी क्षेत्र के पैराक्सिलीन प्लांट की स्थापना की जाँच कर रहे थे।
  • 1998 में, सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों ONGC और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (GAIL) गुजरात के गांधार में एलपीजी रिकवरी प्लांट की स्थापना को लेकर विवाद में थीं।
  • 1999 में, तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) ने गैस उत्पादन के दौरान पहली बार लगी आग की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की।
  • 2000 में, तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड ने बैंक ऑफ अमेरिका के साथ 180 मिलियन डॉलर के सिंडिकेटेड लोन के लिए एक समझौता किया। इसका उद्देश्य ONGC के पुराने, महंगे सिटीबैंक लोन को पुनर्वित्तित करना था।
  • 2001 में, कंपनी ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ एक समझौता किया, जो राष्ट्रीय तेल और गैस अन्वेषण लाइसेंसिंग नीति (NELP) II के तहत आठ गहरे पानी वाले ब्लॉकों में तेल की खोज के लिए था। इस सहयोग का मुख्य उद्देश्य गहरे पानी की खोज में जुड़े वित्तीय जोखिमों को कम करना था।
  • 2003 में, मुंबई, असम और कृष्णा-गोदावरी बेसिन के offshore एरिया में तेल और गैस की खोज शुरू की गई।
  • 2004 में, वित्त मंत्री ने ओएनजीसी को मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स की हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी दी। और उसी वर्ष ONGC ने लार्सन एंड टुब्रो को 1,006 करोड़ रुपये का ठेका दिया।
  • 2009 में, ONGC ने असम और अराकान बेसिन के पश्चिम त्रिपुरा ब्लॉक में नए गैस स्रोतों की खोज की जानकारी दी।
  • 2011 में, राज्य संचालित तेल और गैस कंपनी ओएनजीसी ने पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (PLL) में हिस्सेदारी खरीदने के लिए एशियाई विकास बैंक (ADB) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
  • 2012 में, सरकारी स्वामित्व वाली तेल और प्राकृतिक गैस निगम ने घोषणा की कि उसने पश्चिमी तट पर एक महत्वपूर्ण तेल क्षेत्र की खोज की है, जो इसके डी1 क्षेत्र के उत्पादन को 24,000 बैरल प्रति दिन (BPD) तक बढ़ाने में सहायक होगी।
  • 2016 में, ONGC ने त्रिपुरा में 5,050 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी।
  • 2018 में, ONGC ने कच्छ क्षेत्र में गैस की खोज के साथ भारत का आठवां तलछटी बेसिन (sedimentary basin) खोजने की घोषणा की।
  • 2019 में, ONGC ने भारतीय तेल कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और तेल की वसूली को बढ़ाना था।
  • 2020 में, ONGC ने COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए पीएम CARES फंड में 300 करोड़ रुपये की दान राशि दी।
  • 2021 में, ONGC ने नवीकरणीय ऊर्जा और ESG परियोजनाओं के विकास के लिए सौर ऊर्जा निगम इंडिया (SECI) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
  • 2022 में, ONGC ने भारतीय गैस एक्सचेंज पर गैस का व्यापार करने वाली पहली भारतीय अन्वेषण और उत्पादन कंपनी बनकर एक नया मुकाम हासिल किया।

तेल और प्राकृतिक गैस निगम की सहायक कंपनियां (Subsidiary)

ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ONGC Videsh Limited)

ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (OVL) तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) की अंतरराष्ट्रीय शाखा है, जो विदेशों में तेल और गैस के अन्वेषण और उत्पादन का कार्य करती है। यह कंपनी 15 देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए 37 परियोजनाओं का प्रबंधन करती है। रूस, ब्राज़ील, वेनेज़ुएला और मोज़ाम्बिक जैसे देशों में इसके बड़े पैमाने पर संचालन भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ओवीएल का उद्देश्य भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना और घरेलू संसाधनों पर निर्भरता को कम करना है।

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (Hindustan Petroleum Corporation )

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL) भारत की प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की तेल शोधन और विपणन कंपनियों में से एक है, जो देश की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देती है। यह कंपनी मुंबई में स्थित है और दो प्रमुख रिफाइनरियों के साथ एक विशाल पाइपलाइन नेटवर्क का संचालन करती है, जो पूरे भारत में ईंधन वितरण को सक्षम बनाता है। HPCL की स्थापना 1974 में हुई थी और इसने अपने उत्कृष्ट संचालन, सुरक्षा मानकों और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के लिए कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं।

HPCL के पास भारत में लगभग 25% बाजार हिस्सेदारी है और यह एक मजबूत विपणन बुनियादी ढांचा रखती है। तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) के पास HPCL में 51.11% हिस्सेदारी है, जबकि बाकी शेयर विभिन्न वित्तीय संस्थानों, जनता और निवेशकों के पास हैं।

मंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स (Mangalore Refinery and Petrochemicals )

मंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL) ओएनजीसी की सहायक कंपनी है और भारत की एक प्रमुख रिफाइनिंग तथा पेट्रोकेमिकल्स कंपनी मानी जाती है। यह कर्नाटका राज्य के मंगलुरु शहर के कटिपल्ला में स्थित है, जहाँ इसकी रिफाइनिंग क्षमता 15 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) है। MRPL विभिन्न प्रकार के कच्चे तेलों को प्रोसेस करती है और पेट्रोल, डीजल, एलपीजी तथा पेट्रोकेमिकल्स जैसे उत्पादों का निर्माण करती है।

इसके पास एक पॉलिप्रोपाइलीन यूनिट भी है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 0.44 मिलियन मीट्रिक टन है। 1988 में स्थापित होने के बाद, MRPL ने खुद को एक अत्याधुनिक रिफाइनरी के रूप में विकसित किया है, जो कच्चे तेल के विभिन्न प्रकारों को प्रभावी ढंग से संसाधित करने के लिए डिज़ाइन की गई है।

अधिग्रहण (Acquire)

  • कंपनी ने कई उपक्रम, व्यवसाय और संपत्तियों को अपने अधीन कर लिया। साथ ही, 1 फरवरी 1994 में, तेल और प्राकृतिक गैस आयोग (ONGC) की जिम्मेदारियों को भी अपने कब्जे में ले लिया।
  • 2002 में, कंपनी ने दक्षिण कोरिया में देवू इंटरनेशनल की गैस परियोजना में 20% हिस्सेदारी खरीदी।
  • 2003 में, कंपनी ने मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL) में 38% हिस्सेदारी खरीदी।
  • 2012 में, देश की प्रमुख तेल और गैस कंपनी ONGC ने बताया कि जापान की तेल कंपनी Inpex Corp ने ONGC के कृष्णा-गोदावरी (KG) बेसिन के गहरे समुद्र ब्लॉक के 26% हिस्सेदारी हासिल कर ली है।
  • 2015 में, ONGC ने मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड से ओएनजीसी मैंगलोर पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (OMPL) में 43% हिस्सेदारी खरीद ली।
  • 2015 में, इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फंड II ने ओएनजीसी त्रिपुरा पावर कंपनी लिमिटेड (OTPC) में 5% हिस्सेदारी खरीद ली।
  • 2016 में, ONGC और ONGC Videsh ने रूस के पूर्वी साइबेरिया में Vankor Field में 15% हिस्सेदारी खरीद ली।
  • 2021 में, ONGC ने इंडियन गैस एक्सचेंज (IGX) में 5% हिस्सेदारी खरीदी।

शेयर होल्डिंग (Shareholding Pattern)

मार्च 2025 में तेल और प्राकृतिक गैस निगम के शेयरधारकों के बीच हलचल साफ नज़र आई। कंपनी में प्रमोटरों की हिस्सेदारी बिना किसी बदलाव के 58.89% पर टिकी रही, जो उनके मजबूत भरोसे और लंबी सोच का संकेत है। आम और छोटे निवेशकों की भागीदारी थोड़ी घटकर 14.05% रह गई है। विदेशी निवेशकों ने भी सतर्क रुख अपनाया और अपनी हिस्सेदारी घटाकर 7.12% कर दी। इसके उलट, म्यूचुअल फंड्स ने कंपनी पर भरोसा जताते हुए अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 8.89% कर ली। घरेलू संस्थानों की हिस्सेदारी लगभग पहले जैसी बनी रही, जिससे यह समझ आता है कि देश के निवेशक अब भी इस कंपनी को लेकर आश्वस्त हैं।

All values in % Mar-25 Dec-24 Sep-24
Promoter 58.89 58.89 58.89
Retail and other 14.05 14.17 13.95
Other domestic institutions 11.05 11.03 11.10
Mutual funds 8.89 8.37 7.94
Foreign institution 7.12 7.53 8.12

पुरस्कार और मान्यताएं (Awards and Recognitions)

  • 1997 में, ONGC का तेल और गैस उत्पादन प्रौद्योगिकी संस्थान (IOGPT) को ISO 9001 प्रमाणपत्र मिला। यह सम्मान संस्थान को डिजाइन विकास, परामर्श, और हाइड्रोकार्बन उत्पादन, प्रोसेसिंग और शोधन में ट्रेनिंग देने के लिए दिया गया।
  • तेल और प्राकृतिक गैस निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुबीर राहा को 2004 के लिए उत्कृष्टता के V Krishnamurtht पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • 2005 में, ओएनजीसी के छह Geologist को National Mineral पुरस्कार मिला।
  • 2009 में, कंपनी को Occupational Health और सुरक्षा के लिए गोल्डन पीकॉक पुरस्कार मिला।
  • सर्वश्रेष्ठ वित्तीय खातों के लिए 1st runners up का पुरस्कार 2009 में साउथ एशियन फेडरेशन ऑफ अकाउंटेंट्स द्वारा दिया गया।
  • 2011 में, भारत के वार्षिक तेल और गैस उद्योग पुरस्कार 2010 में, कंपनी को Leading Oil and Gas Company of the Year का पुरस्कार मिला।
  • 2015 में, ONGC Videsh को Dun & Bradstreet PSU पुरस्कारों में “सर्वश्रेष्ठ मिनीरत्न” घोषित किया गया।
  • 2020 में, ओएनजीसी को लगातार दूसरे साल Golden Peacock Environmental Management पुरस्कार मिला।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

ओएनजीसी सरकारी है या प्राइवेट

तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) एक पूरी तरह से सरकारी कंपनी है, जिसे भारत सरकार संचालित करती है। यह कंपनी तेल और गैस के उत्पादन, खोज और उत्खनन के क्षेत्र में काम करती है।

ओएनजीसी का उद्देश्य क्या है?

ओएनजीसी (ONGC) का मुख्य काम भारत में तेल और गैस की खोज करना और उनका उत्पादन करना है, ताकि देश की ऊर्जा की ज़रूरतें पूरी की जा सकें।

ONGC kya hai

ONGC यानी तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड भारत सरकार की एक प्रमुख सरकारी कंपनी है, जो देश में तेल और गैस की खोज और उत्पादन का काम करती है। इसकी स्थापना 1956 में की गई थी और इसका मुख्य दफ़्तर देहरादून में है। यह कंपनी ज़मीन और समुद्र दोनों जगहों पर तेल और गैस के भंडार खोजती है और उन्हें निकालकर उपयोग के लायक बनाती है। ONGC देश की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाती है और इसे भारत की ऊर्जा रीढ़ भी कहा जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

तेल और प्राकृतिक गैस निगम भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो देश की तेल और गैस आपूर्ति को सुनिश्चित करती है। इसके पास सहायक कंपनियों का मजबूत नेटवर्क और महत्वपूर्ण अधिग्रहणों का प्रभावशाली इतिहास है, जो इसे भारत की ऊर्जा स्थिरता का अहम हिस्सा बनाता है। ओएनजीसी प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों का उत्पादन करती है, जिससे देश की ऊर्जा जरूरतें पूरी हो रही हैं। कंपनी का अन्वेषण और उत्पादन के प्रति निरंतर समर्पण उसे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक भरोसेमंद प्रदाता बनाता है।

 

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