एनटीपीसी लिमिटेड | NTPC Limited

एनटीपीसी लिमिटेड (NTPC) कंपनी प्रोफाइल, इतिहास, सहायक कंपनियाँ, अधिग्रहण, मालिक, चैयरमेन, नेटवर्थ, CEO, प्रोडक्ट, शेयर होल्डिंग, पुरस्कार और अधिक (NTPC Limited Company details in hindi)

एनटीपीसी लिमिटेड, जिसे पहले नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के नाम से जाना जाता था, एक भारतीय सरकारी कंपनी है जो बिजली उत्पादन का काम करती है। यह कंपनी भारत सरकार के बिजली मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है और एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी (PSU) है। एनटीपीसी की स्थापना 7 नवंबर 1975 को हुई थी और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।

Table of Contents

 

कंपनी प्रोफाइल (Profile)

नाम एनटीपीसी लिमिटेड
इंडस्ट्री बिजली संयंत्र और बिजली उत्पादन
शुरुवात की तारीख 7 नवंबर 1975
मुख्य लोग गुरदीप सिंह (Chairman & MD)
मुख्यालय नई दिल्ली
स्टॉक एक्सचेंज BSE: 532555, NSE: NTPC
मार्किट कैप (Market Cap) ₹3,07,239 करोड़
राजस्व (Revenue) ₹1,81,166 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
कुल संपत्ति (Total Asset) ₹4,80,196 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
नेटवर्थ (Net Worth) ₹1,65,122 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
मालक भारत सरकार
वेबसाइट ntpc.co.in

 

कंपनी के बारे में (About Company)

नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NTPC) की शुरुआत 7 नवंबर 1975 को भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने की थी। पहले इसका नाम नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड था, लेकिन 1976 में इसका नाम बदलकर “नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड” कर दिया गया। कंपनी ने उत्तर प्रदेश के सिंगरौली में अपना पहला थर्मल पावर प्रोजेक्ट शुरू किया और तब से ही एनटीपीसी ने भारत में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में अपना स्थान मजबूत किया। यह कंपनी मुख्य रूप से राज्य विद्युत बोर्डों को बिजली उत्पादन और वितरण करती है, और साथ ही विभिन्न परियोजनाओं में इंजीनियरिंग, निर्माण प्रबंधन और पावर प्लांट्स का संचालन करती है।

NTPC भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी है, जिसकी उत्पादन क्षमता 71,594 मेगावाट है। यह कंपनी हर महीने करीब 25 बिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करती है। इसके अलावा, एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड (NML) ने 2023-2024 में लगभग 100 मिलियन मीट्रिक टन कोयला खनन किया है। NTPC के पास भारत में 55 पावर स्टेशंस हैं, जिनमें से कई कोल, गैस, हाइड्रो, विंड और सोलर पावर प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। इसके अलावा, यह कंपनी कई जॉइंट वेंचर और सब्सिडियरी के माध्यम से भी ऊर्जा उत्पादन करती है।

 

एनटीपीसी लिमिटेड का इतिहास (History)

  • एनटीपीसी लिमिटेड को 7 नवंबर, 1975 को कंपनी अधिनियम के तहत “नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड” के नाम से एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में रजिस्टर किया गया था।
  • 30 सितंबर, 1976 को भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार ‘प्राइवेट’ शब्द हटा दिया गया।
  • 1982 में, सिंगरौली में पहली 200 मेगावाट यूनिट स्थापित की गई और विदेशी मुद्रा उधारी शुरू हुई। स्टैंडर्ड चार्टर्ड मर्चेंट बैंक के नेतृत्व में बैंकों ने रिहंद प्रोजेक्ट के लिए GBP 298.41 मिलियन का लोन दिया।
  • 1984 में, रिहंद से दिल्ली और सिंगरौली प्रोजेक्ट तक बिजली ट्रांसमिशन के लिए HVDC तकनीक पर आधारित लाइन चालू की गई। इसके लिए भारत सरकार ने विश्व बैंक से 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन लिया।
  • 30 सितंबर 1985 को, कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड से पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदल दिया गया। इसके बाद, कंपनी का नाम बदलकर एनटीपीसी लिमिटेड रखा गया।
  • 1986 में, सिंगरौली में पहली 500MW यूनिट को चालू किया गया। इसी साल, कंपनी लोन मार्केट में बांड जारी करने वाली पहेली पब्लिक सेक्टर उपक्रमों में से एक बन गई।
  • 1989 में, कंपनी के कंसल्टेंसी डिवीजन ने पहेली 88 मेगावाट यूनिट शुरू की। इसी साल, राजस्थान के अंता में पहेला गैस आधारित Combined Cycle पावर प्लांट चालू किया गया।
  • 1994 में, 15,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ पहेली बार लाभांश की घोषणा की गई। इसी साल थर्मल पावर स्टेशन ने गुजरात के झानोर गांधार में पहेला Integrated Liquid Waste Treatment प्लांट चालू किया।
  • 1997 में, भारत सरकार ने एनटीपीसी को ‘नवरत्न’ का दर्जा दिया।
  • 2002 में, एनटीपीसी इलेक्ट्रिक सप्लाई, एनटीपीसी हाइड्रो, और एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम नाम की तीन नई सहायक कंपनियाँ शुरू की।
  • 2005 में, कंपनी ने अपना नाम नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड से बदलकर एनटीपीसी लिमिटेड रख लिया।
  • 2006 में, 705 मेगावाट की क्षमता वाला बदरपुर थर्मल पावर स्टेशन एनटीपीसी को ट्रांसफर कर दिया गया।
  • 2007 में, भारत सरकार ने MoC के तहत एनटीपीसी को चट्टी-बरियातु (दक्षिण) नामक नए कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए मंजूरी दे दी।
  • 2010 में, एनटीपीसी ने गुजरात पावर कॉरपोरेशन (जीपीसीएल) के साथ 500 मेगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स, खासकर विंड और सोलर पावर, को लेकर एक एग्रीमेंट साइन किया।
  • 2011 में, NTPC को इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन कंपनी ऑफ बांग्लादेश लिमिटेड (EGCB) से 8 मिलियन अमेरिकी डॉलर का O&M ऑर्डर मिला।
  • 2012 में, NTPC ने बांग्लादेश के पीडीबी के साथ 1,320 मेगावाट का पावर प्लांट लगाने के लिए 5 बिलियन डॉलर का एग्रीमेंट साइन किया।
  • 2014 में, NTPC ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ एक MOU साइन किया। इसी साल, एनटीपीसी ने मौदा सुपर थर्मल प्लांट में यूनिट 2 का ऑपरेशन शुरू किया और तालचेर पावर प्लांट में कमर्शियल ऑपरेशन भी शुरू किया।
  • 2015 में, एनटीपीसी ने हाइड्रो पावर में एंट्री की।
  • 2016 में, NTPC ने 1600 मेगावाट तेलंगाना सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए इन्वेस्टमेंट को मंजूरी दी। इसी साल, एनटीपीसी ने आंध्र प्रदेश में सोलर प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी किए।
  • 2017 में, एनटीपीसी ने 250 मेगावाट (5 x 50 मेगावाट) की मंदसौर सोलर PV परियोजना शुरू की।
  • 2018 में, NTPC ने उत्तर प्रदेश में 85 मेगावाट की नई सोलर कैपेसिटी हासिल की।
  • 2019 में, एनटीपीसी लिमिटेड ने झारखंड के पकरी बरवाडीह माइन से कोल का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू किया।
  • 2021 में, NTPC ने ओडिशा के एनएलसी तालाबीरा कोल माइन से एक्स्ट्रा कोल का कॉन्ट्रैक्ट किया।
  • 2022 में, NTPC ने महाराष्ट्र की 23 मेगावाट सोलापुर सोलर PV प्रोजेक्ट के 10 मेगावाट हिस्से के कमर्शियल ऑपरेशन की घोषणा की।
  • 2023 में, NTPC ने उत्तरी करणपुरा सुपर थर्मल पावर स्टेशन की पहली यूनिट का ऑपरेशन शुरू किया।

 

सेवाएं (Services)

  1. बिजली बनाना: कोयले, पानी, और नई ऊर्जा (सोलर, पवन) से बिजली पैदा करना।
  2. बिजली पहुँचाना: बिजली को घर-घर और कारखानों तक पहुँचाने का काम।
  3. कोयला खनन: बिजली बनाने के लिए कोयला निकालना और उसकी आपूर्ति करना।
  4. नई ऊर्जा: सोलर और पवन ऊर्जा से बिजली बनाने वाली परियोजनाएँ चलाना।
  5. सलाह देना: बिजली बनाने और उसे मैनेज करने के बारे में तकनीकी सलाह देना।
  6. विदेशों में काम: दूसरे देशों में भी बिजली से जुड़े प्रोजेक्ट चलाना।

 

एनटीपीसी लिमिटेड की सहायक कंपनियां और संयुक्त उद्यम (subsidiaries & joint ventures)

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) एनटीपीसी लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है, जिसे अप्रैल 2022 में स्थापित किया गया। यह कंपनी सौर, पवन और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देती है। NGEL का उद्देश्य 2032 तक 60,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना और भारत में स्वच्छ ऊर्जा का विस्तार करना है, ताकि कार्बन उत्सर्जन कम हो और देश के ऊर्जा क्षेत्र में सुधार हो।

नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (NEEPCO)

नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जिसे 2 अप्रैल 1976 को उत्तर-पूर्वी भारत में बिजली परियोजनाओं की योजना, निर्माण और संचालन के लिए स्थापित किया गया था। यह कंपनी मुख्य रूप से जलविद्युत परियोजनाओं पर काम करती है और इसके पास कुछ थर्मल और सौर ऊर्जा परियोजनाएं भी हैं। 21 नवंबर 2019 को भारत सरकार ने NTPC Limited को NEEPCO का अधिग्रहण करने की मंजूरी दी, जिसके बाद NEEPCO NTPC समूह का हिस्सा बन गया। इसका मुख्यालय शिलांग, मेघालय में स्थित है, और यह क्षेत्रीय ऊर्जा आपूर्ति को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान करता है।

एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड

एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (NVVNL), एनटीपीसी लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है, जिसे 2002 में स्थापित किया गया था। यह कंपनी पारंपरिक और नवीकरणीय ऊर्जा दोनों प्रकार की बिजली की खरीद और बिक्री करती है। NVVNL बिजली उत्पादक कंपनियों से ऊर्जा खरीदकर उसे विभिन्न उपभोक्ताओं, जैसे राज्यों और उद्योगों को बेचती है। इसके अलावा, यह कंपनी ई-मोबिलिटी, हाइड्रोजन मोबिलिटी और नवीकरणीय ऊर्जा (RE) जैसे नए और उभरते क्षेत्रों में भी सक्रिय रूप से काम कर रही है।

एनटीपीसी इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड

एनटीपीसी इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड (NESCL) की स्थापना 21 अगस्त 2002 को एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में की गई थी। यह कंपनी बिजली वितरण और आपूर्ति के क्षेत्र में काम करती है और इसका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को स्थिर, सस्ती और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति प्रदान करना है। NESCL विभिन्न राज्यों में वितरण नेटवर्क का संचालन करती है और एनटीपीसी के ऊर्जा उत्पादन नेटवर्क से जुड़ी होने के कारण निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करती है।

एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड

एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड (NTPCML) की स्थापना 29 अगस्त 2019 को एनटीपीसी ने अपने खनन कारोबार को संचालित करने के लिए की थी। यह पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी भारत और अन्य स्थानों पर कोयला खनन, खदानों का अधिग्रहण, कोयले की बिक्री और निपटान के कार्यों को करती है। कंपनी कोयला, लिग्नाइट, मैंगनीज, चूना पत्थर, कोक और अन्य खनिजों का उत्पादन करती है, जो एनटीपीसी के पावर प्लांट्स को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं।

भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड

भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड (BRBCL) एक संयुक्त उपक्रम है, जिसे 22 नवंबर 2007 को भारतीय रेलवे और एनटीपीसी लिमिटेड ने मिलकर स्थापित किया। इस कंपनी में NTPC की 74 प्रतिशत और रेल मंत्रालय (MOR) की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। BRBCL का मुख्य उद्देश्य भारतीय रेलवे को निरंतर और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति करना है। इसके लिए, कंपनी ने बिहार में स्थित Nabinagar Thermal Power Station में 1000 मेगावाट (4×250 मेगावाट) कोयला आधारित बिजली संयंत्र का निर्माण किया है, जो भारतीय रेलवे और बिहार राज्य को बिजली आपूर्ति करेगा।

NTPC EDMC वेस्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड

NTPC EDMC वेस्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड का गठन 1 जून 2020 को एनटीपीसी लिमिटेड और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC) के बीच एक संयुक्त उपक्रम के रूप में हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य बिल्ड ओन ऑपरेट (BOO) आधार पर नगर निगम के ठोस कचरे से एक आधुनिक और एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन और ऊर्जा उत्पादन सुविधा विकसित करना और संचालित करना है।

कंपनी ने कचरे से ऊर्जा उत्पादन (Waste-to-Energy) के लिए एक संयंत्र स्थापित किया है, जो नगर निगम क्षेत्र में उत्पन्न कचरे का सही तरीके से निपटान करते हुए बिजली उत्पन्न करता है। यह परियोजना न केवल कचरे का निपटान करती है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देती है और दिल्ली के क्षेत्र में स्थिर और सस्ती बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करती है।

रत्नागिरी गैस एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड

रत्नागिरी गैस एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड (RGPPL), जो एनटीपीसी लिमिटेड की सहायक कंपनी है, इसकी स्थापना 8 जुलाई 2005 को दाभोल पावर कंपनी की संपत्तियों के स्वामित्व और संचालन के लिए की गई थी। दाभोल पावर कंपनी एक 1967 मेगावाट गैस आधारित संयुक्त चक्र विद्युत परियोजना थी। RGPPL भारत के सबसे बड़े एलएनजी (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) आधारित बिजली संयंत्रों में से एक है और दाभोल में स्थित एलएनजी पुनर्गैसीकरण टर्मिनल का मालिक है। रत्नागिरी में स्थित Ratnagiri Power Plant से 1,967 मेगावाट क्षमता वाली गैस आधारित बिजली उत्पन्न होती है, जिसे महाराष्ट्र और इसके आस-पास के क्षेत्रों में वितरित किया जाता है।

 

अधिग्रहण

  • 1992 में, कंपनी ने उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम से फिरोज गांधी ऊंचाहार थर्मल पावर स्टेशन (2×210 मेगावाट) का पहला अधिग्रहण किया। इसके साथ ही, कंपनी के ट्रांसमिशन सिस्टम को पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL) को हस्तांतरित कर दिया गया, जैसा कि भारत की संसद के कानून के अनुसार किया गया।
  • 2009 में, कंपनी ने केरल सरकार से केरल और ट्रांसफॉर्मर्स एंड इलेक्ट्रिकल्स केरल लिमिटेड की चुकता पूंजी का 6% हिस्सा प्राप्त किया, जिसकी कुल राशि ₹313.4 मिलियन है। केरल और ट्रांसफॉर्मर्स एंड इलेक्ट्रिकल्स केरल लिमिटेड भारी ट्रांसफॉर्मर्स के निर्माण और मरम्मत में सक्रिय है।

 

शेयर होल्डिंग

दिसंबर 2024 में एनटीपीसी लिमिटेड की शेयर होल्डिंग पैटर्न के अनुसार, भारत सरकार कंपनी का मुख्य शेयरधारक है, जिसके पास प्रोमोटरों (भारत सरकार) 51.10%, विदेशी संस्थाएँ (FIIs) 18.20%, म्यूच्यूअल फंड्स 17.62%, अन्य घरेलू संस्थान 9.14%, रिटेल और अन्य निवेशक 3.94%।

शेयरहोल्डर शेयर होल्डिंग
प्रोमोटर 51.10
विदेशी संस्थाएँ 18.20
म्यूच्यूअल फंड्स 17.62
अन्य घरेलू संस्थान 9.14
रिटेल और अन्य 3.94
टोटल 100%

 

पुरस्कार और मान्यताएं (Awards and Recognitions)

  • कंपनी को इंटरनेशनल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एसोसिएशन वर्ल्ड कांग्रेस में 2005 में अपने सिम्हाद्री प्रोजेक्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट पुरस्कार मिला।
  • एनटीपीसी लिमिटेड को 2008 में स्टार PSU घोषित किया गया। उसी साल, बोर्ड में पांच नए स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति की गई। सेंटर फॉर पावर एफिशिएंसी और एनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन को इंडिया पावर अवार्ड मिला।
  • 2018 में, एनटीपीसी को बिजली उत्पादन में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार मिला।
  • एनटीपीसी ने 2019 में स्थिरता के लिए गोल्डन पीकॉक अवार्ड जीता।
  • एनटीपीसी ने 2020 में सीआईआई-आईटीसी स्थिरता पुरस्कार जीते।
  • एनटीपीसी ने 2020 में बिजली क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए सीबीआईपी पुरस्कार जीता।
  • एनटीपीसी को 2020-21 में 11वें सीआईआई राष्ट्रीय मानव संसाधन उत्कृष्टता पुरस्कार में ‘रोल मॉडल’ के रूप में सम्मानित किया गया।
  • एनटीपीसी को 2023 में एचआर वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स अवार्ड मिला।

 

एनटीपीसी पावर प्लांट्स लिस्ट

एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी थर्मल पावर कंपनी है, जिसके पास कुल 27 कोयला आधारित पावर स्टेशंस हैं और इसकी कुल स्थापित क्षमता 62,197 मेगावाट है।

  1. बरौनी, बिहार
  2. बाढ़, बिहार
  3. बोंगाईगांव, असम
  4. दादरी, उत्तर प्रदेश
  5. दर्लीपाली, ओडिशा
  6. फरक्का, पश्चिम बंगाल
  7. फ़िरोज़ गांधी, ऊंचाहार, उत्तर प्रदेश
  8. कहलगांव, बिहार
  9. कांति, बिहार
  10. खरगोन, मध्य प्रदेश
  11. कोरबा, छत्तीसगढ़
  12. कुडगी, कर्नाटक
  13. लारा, छत्तीसगढ़
  14. मौदा, महाराष्ट्र
  15. नबीनगर-एनपीजीसी, बिहार
  16. उत्तर कर्णपुरा, झारखंड
  17. रामागुंडम, तेलंगाना
  18. रिहंद, उत्तर प्रदेश
  19. सिम्हाद्रि, आंध्र प्रदेश
  20. सिंगरौली, उत्तर प्रदेश
  21. सीपत, छत्तीसगढ़
  22. सोलापुर, महाराष्ट्र
  23. तालचेर कनिहा, ओडिशा
  24. टांडा, उत्तर प्रदेश
  25. तेलंगाना
  26. विंध्याचल, मध्य प्रदेश
  27. गाडरवारा, मध्य प्रदेश

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

एनटीपीसी क्या काम करती है?

एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी बिजली बनाने वाली कंपनी है, जो मुख्य रूप से कोयला और नवीकरणीय ऊर्जा से बिजली बनाती है। यह देशभर में कई पावर प्लांट चलाती है, जो अलग-अलग जगहों पर बिजली पहुंचाते हैं और साथ ही साफ-सुथरी ऊर्जा बनाने पर भी काम कर रही है।

एनटीपीसी प्राइवेट है या सरकारी ?

एनटीपीसी एक सरकारी कंपनी है, जो भारत सरकार के नियंत्रण में काम करती है। इसके ज्यादातर शेयर सरकार के पास होते हैं, और यह बिजली उत्पादन के क्षेत्र में देश का प्रमुख नाम है।

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निष्कर्ष (Conclusion)

एनटीपीसी लिमिटेड भारत में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में एक अहम भूमिका निभा रही है। यह कंपनी अपनी आधुनिक पावर प्लांट्स और मजबूत नेटवर्क के जरिए देशभर में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करती है। एनटीपीसी न केवल पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से बिजली पैदा करती है, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी अपने कदम बढ़ा रही है। इसके निरंतर प्रयासों और विकास से भारतीय ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती मिल रही है, और कंपनी भविष्य में अपनी सेवाओं को और बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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