इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन | Indian Oil Corporation
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) कंपनी प्रोफाइल, इतिहास, सहायक कंपनियाँ, मालिक, चैयरमेन, नेटवर्थ, CEO, प्रोडक्ट, रिफाइनरी स्थान, शेयर होल्डिंग, पुरस्कार और अधिक (Indian Oil Corporation Company details in hindi)
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), जिसे इंडियन ऑयल के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की एक प्रमुख तेल और गैस कंपनी है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और यह पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत कार्य करती है।
कंपनी प्रोफाइल (Profile)
नाम | इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) |
इंडस्ट्री | तेल और गैस |
शुरुवात की तारीख | 1959 |
मुख्य लोग | अरविन्दर सिंह साहनी (Chairman) |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
स्टॉक एक्सचेंज | BSE:530965, NSE:IOC |
मार्किट कैप (Market Cap) | ₹1,76,727 करोड़ |
राजस्व (Revenue) | ₹7,80,195 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
कुल संपत्ति (Total Asset) | ₹4,82,362 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
नेटवर्थ (Net Worth) | ₹1,88,163 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
मालक | भारत सरकार |
वेबसाइट | www.iocl.com |
कंपनी के बारे में (About Company)
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) भारत की सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनी है, जिसकी शुरुआत 1959 में हुई थी। इस कंपनी को 2010 में महारत्न का दर्जा प्राप्त हुआ और तब से यह पेट्रोल, डीजल, गैस और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों के उत्पादन और वितरण में प्रमुख बन गई है। यह कंपनी तेल, गैस और ऊर्जा के क्षेत्र में लगातार विकास कर रही है और कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।
IOCL के पास 70.05 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) की रिफाइनिंग क्षमता है और यह भारत की 20 रिफाइनरियों में से 10 का संचालन करती है। इसके पास 15,000 किलोमीटर से ज्यादा पाइपलाइन नेटवर्क है, जो पूरे देश में ईंधन और अन्य उत्पादों की आपूर्ति करता है। इसके 34,000 से ज्यादा फ्यूल स्टेशन हैं, जो हर रोज लाखों लोगों को पेट्रोल, डीजल और अन्य ईंधन उपलब्ध कराते हैं। IOCL का नाम 2010 में Fortune “ग्लोबल 500” की लिस्ट में 125वें स्थान पर आया, जो इसके बडे़ योगदान और सफलता को दर्शाता है।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, जो भारत सरकार के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाती है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है, और यह पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत काम करती है। कंपनी न केवल देश में ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ा रही है, बल्कि पर्यावरण सुरक्षा और तकनीकी नवाचार के लिए भी निरंतर प्रयास कर रही है।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन का इतिहास
- इंडियन ऑयल कंपनी लिमिटेड की स्थापना 1959 में हुई थी। 1964 में इसे इंडियन रिफाइनरीज लिमिटेड के साथ मिलाकर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड बनाया गया। पूरी तरह से इसे 1964 में IOCL के नाम से जाना गया।
- 1962 में नवंबर के महीने में, कंपनी ने मोबिल पेट्रोलियम लिमिटेड के साथ एक समझौता किया। इसके तहत दो संयंत्र, एक कलकत्ता और एक मुंबई में लगाने का फैसला हुआ।
- 1965 में, कंपनी ने घरेलू खाना पकाने के लिए एलपीजी में कदम रखा और चुनिंदा शहरों में ‘इंडेन’ नाम से वितरण शुरू किया।
- 1972 में, सरकार ने मथुरा (यूपी) में एक रिफाइनरी लगाने का फैसला किया। इसमें यूएसएसआर का सहयोग था। इस परियोजना के लिए नेफ्टेचिंप्रोम एक्सपोर्ट से रिपोर्ट, तकनीकी मदद, और सामग्री की आपूर्ति का अनुबंध किया गया।
- 1977 में, सरकार ने एक रिपोर्ट को मंजूरी दी जो बताती थी कि अतिरिक्त प्रक्रिया करना ठीक है। 11 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना को हलके और मध्यम डीस्टीलेट का उत्पादन बढ़ाने के लिए बनाया गया था।
- 1979 में, निगम ने हर साल 15,000 टन ब्राइट स्टॉक (एलवीआई) का उत्पादन करने के लिए नई सुविधाएं बनाई। यह परियोजना 1983-84 के दौरान पूरी हुई।
- 1986 में, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली और इंफाल (मणिपुर) में दो नए विमान ईंधन स्टेशन शुरू किए गए।
- 1988 में, निगम ने 5 और अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइनों को अपनी सेवाओं में शामिल किया, जिससे कुल एयरलाइनों की संख्या 29 हो गई। इसी साल, निगम ने रक्षा मंत्रालय के साथ 20 वर्षों के लिए विमानन ईंधन की आपूर्ति का एक दीर्घकालिक समझौता भी किया।
- 1989 में, मुंबई के वाशी में 10 करोड़ रुपये की लागत से एक नया ग्रीस प्लांट शुरू किया गया, जिससे ग्रीस बनाने की क्षमता 3,800 टन बढ़ गई।
- निगम ने कालीकट (केरल) और सिलचर (असम) में 2 नए बॉटलिंग प्लांट शुरू किए। इससे, 1990-91 में कंपनी की कुल बोतलबंद करने की क्षमता 10,04,000 टन से बढ़कर 10,26,000 टन हो गई।
- 1992 में, आंध्र प्रदेश के टोडिपल्ली और महाराष्ट्र के खापरी में दो छोटे कैन भरने और मिनी ब्लेंडिंग प्लांट शुरू किए गए। हर प्लांट की क्षमता 56,000 टन है।
- 1994 में, कंपनी के रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर को ISO-9001 सर्टिफिकेशन मिला।
- 1995 में, बेलगाम में दो नए LPG बॉटलिंग प्लांट जुड़े। इससे दिल्ली में कुल 35 LPG बॉटलिंग प्लांट्स की क्षमता 29 लाख टन प्रति वर्ष हो गई।
- 1997 में, बॉटलिंग प्लांट्स की कुल संख्या बढ़कर 43 हो गई। इससे निगम की क्षमता 53 लाख टन प्रति वर्ष हो गई।
- 2000 में, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने गुजरात पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (GPCL) के साथ एक समझौता किया। इसके तहत, सावली, गुजरात में 500 मेगावाट का बिजली प्लांट स्थापित किया जाएगा, जो वैक्यूम अवशेषों से चलेगा।
- 2001 में, कंपनी ने पन्ना-मुक्ता और ताप्ती तेल और गैस क्षेत्रों में एनरॉन की हिस्सेदारी पाने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, रॉयल डच शेल और केयर्न एनर्जी जैसी कंपनियों के साथ मुकाबला किया।
- 2002 में, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) और सुंदरम फाइनेंस लिमिटेड ने एक नया ब्रांडेड, वैल्यू-एडेड फ्लिट कार्ड, Powerplus लॉन्च किया। यह कार्ड डेबिट और क्रेडिट दोनों विकल्पों में उपलब्ध होगा।
- 2003 में, इंडियन ऑयल ने चेन्नई में ‘IOC Premium Petrol’ और एडिटिव-रीइन्फोर्स्ड डीजल लॉन्च किया। इसका पेट्रोल 91 ऑक्टेन रेटिंग के साथ है, जो सामान्य 88 से ज्यादा है।
- 2004 में, कंपनी ने विशाखापत्तनम में अपना नया हाई ऑक्टेन पेट्रोल, ‘Extra Premium’, लॉन्च किया।
- 2005 में, इंडियन ऑयल (IOC) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने लीबिया के संभावित सिर्ते बेसिन में तटीय तेल ब्लॉक “Block 086” को जीता।
- 2006 में, इंडियन ऑयल (IOC) और नेशनल शुगर कोऑपरेटिव फेडरेशन (NSCF) ने इथेनॉल सप्लाई के लिए एक समझौता किया।
- 2008 में, इंडियन ऑयल ने पेट्रोल की क्वालिटी चेक के लिए एचयूएल के साथ एक समझौता किया।
- 2009 में, इंडियन ऑयल और अदानी एनर्जी लिमिटेड (ANL) ने सिटी गैस वितरण के लिए एक समझौता किया।
- 2011 में, इंडियन ऑयल ने फॉर्च्यून ग्लोबल 500 लिस्ट में भारतीय कंपनियों में टॉप स्थान बनाए रखा और उसकी रैंक 98 थी।
- 2012 में, इंडियन ऑयल (IOC) ने दोपहिया वाहनों के लिए नया इंजन ऑयल, SERVO 4T SYNTH, लॉन्च किया, जो उन्नत सिंथेटिक केमिस्ट्री के साथ है।
- 2013 में, IOCL ने ओडिशा में 5 हजार करोड़ रुपये के प्राकृतिक गैस टर्मिनल के लिए एक समझौता किया।
- 2015 में, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने मुत्तम गांव में 4 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना पर निर्माण शुरू किया।
- 2017 में, इंडियन ऑयल ने टीएसआरटीसी की जमीन पर 28 पेट्रोल आउटलेट्स खोलने और पानीपत में एक इथेनॉल प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई।
- 2019 में, इंडियन ऑयल के 800 करोड़ रुपये के इथेनॉल प्लांट के लिए गोरखपुर में रास्ता साफ हो गया।
- 2021 में, इंडियन ऑयल कॉर्प ने मुंद्रा (गुजरात) से पानीपत (हरियाणा) तक नई क्रूड ऑयल पाइपलाइन के लिए निवेश को मंजूरी दी।
- 2022 में, इंडियन ऑयल और एनटीपीसी ने इंडियन ऑयल रिफाइनरियों को रिन्यूएबल एनर्जी (नवीकरणीय ऊर्जा) से बिजली देने के लिए एक समझौता किया।
- 2023 में, इंडियन ऑयल ने मारुति सुजुकी रिवार्ड्स के लिए नए बेनिफिट्स और सर्विसेज लॉन्च कीं।
प्रोडक्ट/सर्विस (Product/service)
- Petroleum Products: इसमें विभिन्न ग्रेड का पेट्रोल (Gasoline) और डीजल शामिल हैं, जो वाहनों के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- Lubricants: इंडियन ऑयल SERVO नामक ब्रांड के तहत ऑटोमोटिव, इंडस्ट्रियल, और मरीन उपयोग के लिए विभिन्न लुब्रिकेंट्स प्रदान करता है।
- Liquefied Petroleum Gas (LPG): घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लिए खाना पकाने के गैस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- Kerosene: मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोशनी और खाना पकाने के लिए उपयोग होता है।
- Aviation Turbine Fuel (ATF): हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन।
- Bitumen: सड़क निर्माण और रखरखाव में उपयोग किया जाता है।
- Specialty Products: इसमें Petrochemicals और अन्य refined products शामिल हैं।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की सहायक कंपनियाँ
चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड
चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CPCL) भारतीय तेल और गैस क्षेत्र में एक प्रमुख कंपनी है और यह इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन का एक अहम हिस्सा है। इसकी स्थापना 1960 के दशक में 2.5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) रिफाइनरी के रूप में हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य ईंधन और ल्यूब बेस स्टॉक का उत्पादन था। समय के साथ कंपनी ने काफी विस्तार किया और अब यह 10.5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता के साथ कार्यरत है। CPCL की रिफाइनरी तमिलनाडु के मन्नाली में स्थित है, जहां से पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, नाफ्था और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों का निर्माण होता है।
इंडियन ऑयल (मॉरीशस) लिमिटेड
इंडियन ऑयल (मॉरीशस) लिमिटेड (IOML), भारतीय तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जिसे 2001 में मॉरीशस में स्थापित किया गया और 2004 में इसका भौतिक संचालन शुरू हुआ। इंडियन ऑयल (मॉरीशस) की मुख्य गतिविधियाँ विमानन, बंकरिंग, खुदरा, स्नेहक और उपभोक्ता उत्पादों के क्षेत्र में फैली हुई हैं। यह कंपनी मॉरीशस में पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति और वितरण करती है, जिसमें पेट्रोल, डीजल, LPG गैस सिलेंडर आदि शामिल हैं।
लंका IOC PLC, श्रीलंका
लंका आईओसी पीएलसी, श्रीलंका भारतीय तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) की सहायक कंपनी है, जो श्रीलंका में पेट्रोल और डीजल के खुदरा स्टेशनों का संचालन करती है। यह कंपनी श्रीलंका का एकमात्र निजी क्षेत्र का संगठन है जो पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा बिक्री करती है और इसका व्यापक वितरण नेटवर्क 213 खुदरा आउटलेट्स तक फैला हुआ है।
Lanka IOC पेट्रोल, डीजल, विमानन ईंधन और एलपीजी गैस जैसी सेवाओं का आयात और वितरण करती है, जिससे श्रीलंका भर में उच्च गुणवत्ता वाले ईंधन उत्पाद उपलब्ध होते हैं। कंपनी का मुख्यालय कोलंबो शहर में स्थित है, और यह भारतीय ऑयल कॉर्पोरेशन के संसाधनों और अनुभव का लाभ उठाकर श्रीलंका में ऊर्जा आपूर्ति को बेहतर बनाने के साथ-साथ पेट्रोलियम व्यापार को भी बढ़ावा देती है।
आईओसी मिडिल ईस्ट FZE
IOC Middle East FZE भारतीय तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की एक सहायक कंपनी है, जो मध्य पूर्व, अफ्रीका और सीआईएस देशों में पेट्रोलियम उत्पादों और स्नेहक मिश्रणों का विपणन करती है। इसके अलावा, यह समूह 1 और समूह 2 बेस तेलों का विपणन भी करती है। कंपनी का मुख्यालय दुबई, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में स्थित है।
रिफाइनरी स्थान (Refinery location)
- मथुरा रिफाइनरी – उत्तर प्रदेश
- कर्मपुरी रिफाइनरी – तेलंगाना
- डिगबोई रिफाइनरी – असम
- गुवाहाटी रिफाइनरी – असम
- बरौनी रिफाइनरी – बिहार
- पडुचेरी रिफाइनरी – पुदुचेरी
- गोसाबा रिफाइनरी – पश्चिम बंगाल
अधिग्रहण (Acquire)
- 2000-2001 में, इंडियन ऑयल ने चेन्नई पेट्रोलियम (CPCL) और बोंगाईगांव रिफाइनरी (BRPL) में पूरी हिस्सेदारी खरीदी। CPCL में 81% और BRPL में 74.46% हिस्सेदारी के साथ, इंडियन ऑयल की रिफाइनिंग क्षमता 9.35 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष बढ़ गई।
- 2012 में, ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) ने अमेरिका के कोलोराडो में निओब्रारा बेसिन की तरल समृद्ध शेल संपत्तियों में हिस्सेदारी खरीदी।
- 2021 में, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में 5% शेयर खरीदे।
संयुक्त उद्यम (Joint Venture)
- 25 मार्च 1963 को, इंडियन ऑयल ब्लेंडिंग लिमिटेड नाम की एक नई कंपनी बनाई गई। यह कंपनी मोबिल और इंडियन ऑयल की 50:50 साझेदारी में शुरू की गई थी और इसका काम निर्माण करना था।
- 1995 में, 16% और बाकी 48% शेयर एनआरआई और जनता को दिए जाएंगे। यह साझेदारी टाटा इंडियन ऑयल रिफाइनरीज लिमिटेड के नाम से बनाई जाएगी।
- 1996 में, इंडियन ऑयल ने दो नई संयुक्त कंपनियां बनाई – इंडियन ऑयल टैन्किंग लिमिटेड और पेट्रोनट इंडिया लिमिटेड।
- 2000 में, इंडियन ऑयल और यूएई की इमारात कंपनी ने एक संयुक्त समझौते पर काम किया। इसके तहत, वे शारजाह के हमरियाह फ्री ट्रेड ज़ोन में एक तेल व्यापार टर्मिनल स्थापित करेंगे।
- 2001 में, इंडियन ऑयल, कलकत्ता पोर्ट ट्रस्ट, और शिपिंग कॉर्पोरेशन ने सैंडहेड्स में एक फ्लोटिंग स्टोरेज टैंक के लिए एक संयुक्त वेंचर बनाया।
- 2002 में, इंडियन ऑयल ने एक नई पूरी तरह से अपनी सहायक कंपनी खोली और श्रीलंका के पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर एक संयुक्त कंपनी बनाई। इसका नाम लंका इंडियन ऑयल लिमिटेड है।
- 2003 में, रेलवे ने इंडियन ऑयल के साथ एक संयुक्त वेंचर शुरू किया ताकि बायो-डीजल का उत्पादन किया जा सके।
- 2023 में, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने एक्सचेंज को बताया कि वह बायोगैस परियोजनाओं के लिए संयुक्त कंपनियां बनाएगा।
शेयर होल्डिंग
दिसंबर 2024 तक, IOCL का शेयरहोल्डिंग पैटर्न: प्रोमोटर 51.50%, रिटेल और अन्य 30.87%, अन्य घरेलू संस्थान 7.52%, विदेशी संस्थाएँ 7.43%, म्यूच्यूअल फंड्स 2.68%, टोटल 100%।
शेयरहोल्डर | शेयर होल्डिंग |
प्रोमोटर | 51.50% |
रिटेल और अन्य | 30.87% |
अन्य घरेलू संस्थान | 7.52% |
विदेशी संस्थाएँ | 7.43% |
म्यूच्यूअल फंड्स | 2.68% |
टोटल | 100% |
पुरस्कार और मान्यताएं (Awards and Recognitions)
- 1998 में, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने टेक्निमोंट एसपीए, मिलान को एक पुरस्कार दिया। यह पुरस्कार उन्हें हल्दिया रिफाइनरी में सालाना 2 मिलियन टन डीजल हाइड्रो ट्रीटमेंट यूनिट (डीएचडीएस) स्थापित करने के कॉन्ट्रैक्ट के लिए मिला।
- 1999 में, इंडियन ऑयल की मथुरा और गुजरात रिफाइनरियों को गोल्डन पीकॉक पर्यावरण प्रबंधन पुरस्कार मिला। यह पुरस्कार केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने दिया।
- इंडियन ऑयल और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को 1999-2000 और 1998-99 के लिए गोल्ड ट्रॉफीज़ ऑफ़ स्कोप मिला, सार्वजनिक क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए।
- 30 जून 2004 को, इंडियन ऑयल को नेशनल टेक्नोलॉजी अवार्ड मिला। यह पुरस्कार स्वदेशी तकनीक के सफल उपयोग के लिए था, जिसमें अवशेषों को LPG और उच्च ऑक्टेन गैसोलीन में बदलना शामिल है।
- 2009 में, इंडियन ऑयल के चेयरमैन सार्थक बेहुरिया को ‘स्कोप इंडिविजुअल एक्सीलेंस अवार्ड’ मिला।
- 2011 में, डिगबोई रिफाइनरी को पर्यावरण अभियान के लिए ‘थर्ड प्राइज’ मिला। यह अवार्ड नागपुर में दिया गया।
- इंडियन ऑयल को 2012 में फॉर्च्यून “ग्लोबल 500” लिस्ट और कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी विजन अवार्ड मिला।
- 2014 में, इंडियन ऑयल की R&D टीम ने टेक्नोलॉजी इनोवेशन के लिए नेशनल अवार्ड जीता।
- 2022 में, इंडियन ऑयल को पहला ग्लोबल हेल्दी वर्कप्लेस अवॉर्ड मिला, जो भारतीय PSU में पहली बार मिला है।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड पाइपलाइन (Pipelines Network)
- सलाया-मथुरा क्रूड ऑयल पाइपलाइन
- मुंद्रा-पानीपत क्रूड ऑयल पाइपलाइन
- पारादीप-हल्दिया-बरौनी क्रूड ऑयल पाइपलाइन
- कांडला-भटिंडा तेल पाइपलाइन
- कोयली-मोहनपुरा प्रोडक्ट पाइपलाइन
- कोयली-अहमदाबाद प्रोडक्ट पाइपलाइन
- गुवाहाटी – सिलीगुड़ी प्रोडक्ट पाइपलाइन
- बरौनी-कानपुर प्रोडक्ट पाइपलाइन
- पटना-मोतिहारी-बैतालपुर प्रोडक्ट पाइपलाइन
- हल्दिया – मौरीग्राम – राजबंध प्रोडक्ट पाइपलाइन
- हल्दिया-बरौनी प्रोडक्ट पाइपलाइन
- पानीपत-जालंधर एलपीजी पाइपलाइन
- दादरी-पानीपत आर-एलएनजी पाइपलाइन
- कोयली-रतलाम प्रोडक्ट पाइपलाइन
- कोयाली-दहेज/हजीरा प्रोडक्ट पाइपलाइन
- पानीपत-भटिंडा प्रोडक्ट पाइपलाइन
- पानीपत-रेवाड़ी प्रोडक्ट पाइपलाइन
- पानीपत-अंबाला-जालंधर प्रोडक्ट पाइपलाइन
- मथुरा – दिल्ली प्रोडक्ट पाइपलाइन
- मथुरा-भरतपुर प्रोडक्ट पाइपलाइन
- मथुरा-टुंडला प्रोडक्ट पाइपलाइन
- चेन्नई – त्रिची – मदुरै प्रोडक्ट पाइपलाइन
- चेन्नई-बैंगलोर प्रोडक्ट पाइपलाइन
- चेन्नई एटीएफ पाइपलाइन
- बैंगलोर एटीएफ पाइपलाइन
- कोलकाता एटीएफ पाइपलाइन
- पारादीप – रायपुर – रांची प्रोडक्ट पाइपलाइन
- जयपुर पानीपत नेफ्था पाइपलाइन
- पारादीप – हैदराबाद प्रोडक्ट पाइपलाइन
- पारादीप-हल्दिया-बरौनी-मोतिहारी एलपीजी पाइपलाइन
- पारादीप-सोमनाथपुर-हल्दिया प्रोडक्ट पाइपलाइन
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन क्या काम करती है?
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) भारत की एक प्रमुख कंपनी है जो कच्चे तेल को रिफाइन करके पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और अन्य आवश्यक ऊर्जा उत्पादों का उत्पादन करती है। यह कंपनी इन उत्पादों का वितरण करती है और देशभर में पेट्रोल पंपों के जरिए ऊर्जा की आपूर्ति करती है।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन का मालिक कौन है?
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) भारत सरकार की एक सरकारी कंपनी है, जिसके अधिकतर हिस्से पर सरकार का नियंत्रण है। सरकार ही इसके सभी महत्वपूर्ण फैसलों और संचालन में मुख्य भूमिका निभाती है।
इंडियन ऑयल रिफाइनरी कितनी है?
भारत में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) के पास 11 रिफाइनरी हैं, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित हैं। ये रिफाइनरी पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और अन्य आवश्यक उत्पादों का निर्माण करते है।
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निष्कर्ष
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति और रिफाइनिंग में अग्रणी है। यह कंपनी निरंतर अपने नेटवर्क और सेवाओं में सुधार करती है, साथ ही पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में भी काम कर रही है। IOCL भारतीय अर्थव्यवस्था और ऊर्जा सुरक्षा में अहम योगदान दे रही है।
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