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आईडीएफसी फर्स्ट बैंक: प्रोफाइल, इतिहास और सर्विसेज की पूरी जानकारी

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक| IDFC First Bank

 

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, 2015 में स्थापित, एक प्रमुख निजी क्षेत्र का बैंक है जिसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है। दिसंबर 2018 में बैंक का विलय पूरा हुआ और इसके बाद इसका नाम बदलकर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक रखा गया। यह बैंक बचत खाते, लोन, फिक्स्ड डिपॉजिट जैसी सेवाएं प्रदान करता है, और अपने ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता की डिजिटल बैंकिंग सेवाएं देने का प्रयास करता है।

कंपनी प्रोफाइल (Profile)

नाम आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank)
इंडस्ट्री बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं
शुरुवात की तारीख 2015
मुख्य लोग वी. वैद्यनाथन (MD & CEO)
मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र
स्टॉक एक्सचेंज BSE :539437, NSE :IDFCFIRSTB
मार्किट कैप (Market Cap) ₹46,025 करोड़
राजस्व (Revenue) ₹36,257 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
कुल संपत्ति (Total Asset) ₹2,96,210 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
नेटवर्थ (Net Worth) ₹32,274 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
वेबसाइट idfcfirstbank.com

कंपनी के बारे में (About Company)

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की शुरुआत साल 1997 में हुई थी। उस वक्त इसे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस करने के मकसद से स्थापित किया गया था। धीरे-धीरे इसने अपने काम का दायरा बढ़ाया और एसेट मैनेजमेंट, ब्रोकिंग सेवाएं और कॉर्पोरेट बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में भी कदम रखा।

साल 2014 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इसे एक प्राइवेट बैंक बनने की मंज़ूरी दी। इसके बाद आईडीएफसी लिमिटेड ने अपने बैंकिंग बिज़नेस को एक नई इकाई “आईडीएफसी बैंक” में स्थानांतरित कर दिया। यह बैंक 21 अक्टूबर 2014 को रजिस्टर हुआ और 1 अक्टूबर 2015 से इसका संचालन शुरू हुआ।

2016 में बैंक ने “ग्राम विद्यालय फाइनेंस” नाम की कंपनी का अधिग्रहण किया और उसका नाम बदलकर “आईडीएफसी भारत लिमिटेड” कर दिया। इसके बाद, 2018 में, आईडीएफसी बैंक और “कैपिटल फर्स्ट” नामक वित्तीय संस्था का विलय हुआ। इस विलय के बाद बैंक का नया नाम रखा गया “आईडीएफसी फर्स्ट बैंक”। इस कदम ने बैंक को रिटेल और छोटे कारोबारियों को लोन देने के क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाने का अवसर दिया।

साल 2020 में बैंक ने फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन को अपना ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया, जिससे इसकी लोकप्रियता और भरोसेमंदी में इज़ाफा हुआ। 2023 तक आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की भारत में 809 से अधिक शाखाएं और 925 एटीएम काम कर रहे थे।

2024 में, इस बैंक ने अपनी ही मूल कंपनी “आईडीएफसी लिमिटेड” का भी अधिग्रहण कर लिया। इससे बैंक की संरचना और संसाधन दोनों मज़बूत हुए। आज आईडीएफसी फर्स्ट बैंक देश के प्रमुख निजी बैंकों में गिना जाता है।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का इतिहास (History)

  • आईडीएफसी लिमिटेड की शुरुआत 1997 में भारत में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए पैसे देने के लिए की गई थी। बाद में, कंपनी ने अपने काम का विस्तार करते हुए परिसंपत्ति प्रबंधन, ब्रोकिंग और निवेश बैंकिंग की सेवाएं भी देना शुरू किया।
  • 2014 में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आईडीएफसी लिमिटेड को निजी क्षेत्र में नया बैंक स्थापित करने के लिए अपनी मंजूरी दी।
  • आईडीएफसी बैंक को एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी के रूप में शुरू किया गया था, और 1 अक्टूबर 2015 से इसने अपनी बैंकिंग सेवाएं शुरू की।
  • 2016 में, IDFC बैंक ने त्रिपुरा में अपनी सेवाएं शुरू की और अगरतला में अपनी पहली शाखा खोली।
  • 2017 में बैंक ने ग्रामा विडियाल माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड की पूरी हिस्सेदारी खरीदकर इसे अपने स्वामित्व में ले लिया।
  • 2018 में, आईडीएफसी बैंक और कैपिटल फर्स्ट ने विलय की घोषणा की। कैपिटल फर्स्ट, जिसे पहले फ्यूचर कैपिटल होल्डिंग्स के नाम से जाना जाता था, 2012 में वारबर्ग पिंकस और वी. वैद्यनाथन द्वारा अधिग्रहित की गई।
  • 2019 में, कंपनी ने अपना नाम बदलकर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड कर लिया, जो इसकी नई पहचान और उद्देश्य को दर्शाता है।
  • 2020 में, IDFC बैंक ने वीडियो केवाईसी सेवा शुरू की, जिससे ग्राहकों को ऑनलाइन बचत खाता खोलने में आसानी हुई।
  • 2021 में, IDFC फर्स्ट बैंक और एचपीसीएल ने मिलकर फास्टैग के जरिए ईंधन भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराई।
  • 2022 में, IDFC बैंक ने अपने बचत खातों पर मिलने वाली सामान्य सेवाओं को बिलकुल मुफ्त कर दिया।
  • 2023 में, आईडीएफसी और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने एक ऑल-स्टॉक मर्जर के लिए मंजूरी दी, जिससे नई कंपनी का अनुमानित मूल्य 71,767 करोड़ रुपये था।

प्रोडक्ट/सर्विस (Product/Service)

IDFC बैंक अपने ग्राहकों को खुदरा, थोक और निवेश बैंकिंग से संबंधित कई प्रकार की सेवाएं और उत्पाद उपलब्ध कराता है। इसके प्रमुख उत्पादों में शामिल हैं:

  • ग्राहक बैंकिंग सेवाएं
  • क्रेडिट कार्ड
  • घर खरीदने का लोन
  • संपत्ति पर लोन
  • व्यक्तिगत लोन
  • उपभोक्ता सामान के लिए लोन
  • वाहन लोन
  • व्यापार लोन
  • छोटे उद्यमों के लिए लोन
  • निजी बैंकिंग सेवाएं
  • धन प्रबंधन सेवाएं
  • निवेश सेवाएं
  • बड़े कारोबार के लिए बैंकिंग
  • थोक व्यापार के लिए बैंकिंग

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक सहायक कंपनियां (Subsidiaries)

आईडीएफसी भारत लिमिटेड (IDFC Bharat Limited)

आईडीएफसी भारत लिमिटेड, जिसे पहेले Grama Vidiyal के नाम से जाना जाता था, दक्षिण भारत में सक्रिय एक माइक्रोफाइनेंस कंपनी है। इसकी शुरुआत 1993 में हुई थी, और यह महिलाओं को छोटे कर्ज प्रदान करने का काम करती है, खासकर उन महिलाओं को जिनके पास बैंक से ऋण लेने की सुविधा नहीं है और जिनकी रोज की आमदनी 80 रुपये या उससे कम है। यह संस्था महिलाओं को संगठित समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है।

2016 में, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड ने इस कंपनी का अधिग्रहण किया। इसके बाद इसका नाम बदलकर आईडीएफसी भारत लिमिटेड कर दिया गया। इस बदलाव के साथ, कंपनी ने ग्रामीण इलाकों में वित्तीय सेवाओं को और अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने का लक्ष्य रखा।

शेयर होल्डिंग (Shareholding Pattern)

दिसंबर 2024 तक, IDFC बैंक का शेयर होल्डिंग पैटर्न: रिटेल और अन्य 56.74%, विदेशी संस्थाएँ 27.12%, अन्य घरेलू संस्थान 11.58%, म्यूच्यूअल फंड्स 4.56%, टोटल 100%।

शेयरहोल्डर शेयर होल्डिंग
रिटेल और अन्य 56.74
विदेशी संस्थाएँ (FIIs) 27.12
अन्य घरेलू संस्थान 11.58
म्यूच्यूअल फंड्स 4.56
टोटल 100%

पुरस्कार

  • IDFC बैंक ने 2015 में आईएफआर एशिया द्वारा ‘इंडिया बॉन्ड हाउस’ के रूप में सर्वश्रेष्ठ सम्मान प्राप्त किया।
  • 2018 में, कैपिटल फर्स्ट को “इकोनॉमिक टाइम्स बेस्ट बीएफएसआई ब्रांड अवार्ड” से नवाजा गया।
  • 2019 में, एशियाई निजी बैंकर ने IDFC बैंक को डिजिटल तकनीकी नवाचार और उत्कृष्ट सेवाओं के लिए “सर्वश्रेष्ठ निजी बैंक” का पुरस्कार दिया।
  • IDFC बैंक को 2021 में एशिया प्राइवेट बैंकिंग अवार्ड्स में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए पुरस्कार मिला।
  • IDFC बैंक को 2023 में एफई इंडिया के सर्वश्रेष्ठ बैंक पुरस्कार में ‘सर्वश्रेष्ठ डिजिटल बैंक’ के रूप में सम्मानित किया गया।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

आईडीएफसी बैंक क्या सरकारी है?

आईडीएफसी बैंक एक निजी क्षेत्र का बैंक है, जिसे 2015 में स्थापित किया गया था। यह बैंक IDFC लिमिटेड के अधीन कार्य करता है, जो वित्तीय सेवाओं का एक प्रमुख प्रदाता है।

आईडीएफसी बैंक कितना पुराना है?

आईडीएफसी बैंक 2015 में स्थापित हुआ था, जिससे यह अब करीब 10 साल पुराना है।

Read Also :- HDFC Bank

Conclusion

IDFC बैंक ने भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। यह बैंक न केवल पारंपरिक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि डिजिटल और व्यक्तिगत दृष्टिकोण से भी ग्राहकों की मदद करता है। इसके द्वारा दी जाने वाली सेवाएं हर ग्राहक की जरूरत के अनुसार बदलती रहती हैं। बैंक का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों के वित्तीय सपनों को पूरा करने में मदद करना है, और इसके लिए यह नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल करता है। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने अपनी ग्राहक-केंद्रित सोच के साथ भारतीय बैंकिंग में एक नई दिशा दिखाई है।

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