हैवेल्स इंडिया|Havells India

हैवेल्स इंडिया कंपनी प्रोफाइल, इतिहास, प्रोडक्ट, चैयरमेन, मालिक, सहायक कंपनियां, और अधिक (Havells India company details in hindi)

हैवेल्स इंडिया लिमिटेड एक भारतीय कंपनी है जो बिजली से जुड़े उत्पादों के क्षेत्र में काम करती है और इसका मुख्य कार्यालय नोएडा में है। यह कंपनी घरेलू और औद्योगिक ज़रूरतों के लिए स्विच, पंखे, लाइट, केबल, हीटर, मोटर और अन्य कई उपकरण बनाती है। इसके पास लॉयड, क्रैबट्री, स्टैंडर्ड और रीओ जैसे ब्रांड हैं और इसकी मौजूदगी भारत के साथ-साथ दुनिया के कई देशों में भी है।

कंपनी प्रोफाइल (Profile)

नाम हैवेल्स इंडिया (Havells India Ltd)
इंडस्ट्री इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट एंड होम एप्लायंसेज
शुरुवात की तारीख 1958
मुख्य लोग अनिल राय गुप्ता (Chairman & MD)
मुख्यालय नोएडा, उत्तर प्रदेश
स्टॉक एक्सचेंज BSE :517354, NSE :HAVELLS
मार्किट कैप (Market Cap) ₹96,182 करोड़
राजस्व (Revenue) ₹18,839 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
कुल संपत्ति (Total Asset) ₹13,809.41 करोड़ (वित्त वर्ष2025)
नेटवर्थ (Net Worth) ₹7,447 करोड़ (वित्त वर्ष2024)
वेबसाइट www.havells.com

कंपनी के बारे में (About Company)

हैवेल्स इंडिया एक भारतीय कंपनी है जिसका मुख्यालय नोएडा में है और यह घरेलू ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने इलेक्ट्रिकल उत्पादों के लिए जानी जाती है। यह कंपनी घरों और उद्योगों के लिए पंखे, एलईडी लाइट, स्विच, वायरिंग एक्सेसरीज़, वॉटर हीटर, तार, स्विचगियर, मोटर और कैपेसिटर जैसे कई उपयोगी उपकरण बनाती है। इसके उत्पादों का इस्तेमाल छोटे मकानों से लेकर बड़ी फैक्ट्रियों तक में होता है।

कंपनी के पास हैवेल्स के अलावा लॉयड, स्टैंडर्ड, क्रैबट्री, रीओ और प्रॉम्प्टेक जैसे कई ब्रांड हैं, जो अलग-अलग वर्गों के ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करते हैं। आज यह कंपनी भारत के साथ-साथ 50 से ज्यादा देशों में काम कर रही है और इसके पास 6000 से अधिक कर्मचारी और 23 से भी ज्यादा विदेशी दफ्तर या प्रतिनिधि कार्यालय हैं, जो इसके अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को मज़बूत बनाते हैं।

भारत के अलग-अलग राज्यों में कंपनी के कुल 11 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं, जो हरिद्वार, बद्दी, नोएडा, फरीदाबाद, अलवर, नीमराना और बेंगलुरु जैसे शहरों में हैं। यह फैक्ट्रियाँ न केवल उत्पादन का काम करती हैं, बल्कि तकनीकी विकास और रोजगार के अवसर भी पैदा करती हैं। आधुनिक तकनीक और विश्वसनीयता के चलते हैवेल्स ने इलेक्ट्रिकल क्षेत्र में अपनी खास जगह बनाई है।

हैवेल्स इंडिया का इतिहास (History)

  • 8 अगस्त 1983 को कंपनी ने “हैवेल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड” के नाम से पंजीकरण किया। फिर, 31 मार्च 1992 को इसका नाम बदलकर “हैवेल्स इंडिया लिमिटेड” किया गया।
  • 1989 में कंपनी ने अपने टूल रूम का विस्तार किया और अब शीट मेटल और मोल्डिंग टूल्स का निर्माण खुद करने लगी।
  • 1991 में कंपनी ने एलीमर हैवबेल प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर 2,50,000 पीस क्षमता वाले एचआरसी फ्यूज़ का उत्पादन शुरू किया।
  • 1992 में कंपनी ने ईएलसीबी बनाने के लिए जर्मनी की शिएल इंडस्ट्रीवर्क के साथ एक नई तकनीकी साझेदारी की।
  • 1994 में कंपनी ने भारत में IEC डिज़ाइन वाले कॉन्ट्रैक्टर्स, रिले और मोटर स्टार्टर्स लॉन्च किए, जिन्हें बाजार में बहुत सराहा गया।
  • 1995 में कंपनी ने अपनी उत्पाद रेंज बढ़ाने और बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए उत्पाद प्रबंधकों और औद्योगिक टीमों का गठन किया।
  • 1996 में कंपनी ने औद्योगिक उपयोग के लिए तीन-चरण ऊर्जा मीटर बनाने की योजना बनाई।
  • 1997 में कंपनी ने अपनी बड़ी सफलता में से एक मानी कि उसके साझेदारों ने MCB का परीक्षण किया और इसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेचने के लिए कंपनी के साथ समझौता किया।
  • 1998 में कंपनी ने “क्रैबट्री” ब्रांड के मॉड्यूलर स्विच लॉन्च किए, जिन्हें बाजार में सबसे बेहतरीन उत्पाद माना गया।
  • 1999 में, हैवेल्स इंडिया ने ERP सिस्टम को तेजी से लागू करने के लिए कैम्ब्रिज टेक्नोलॉजी पार्टनर्स इंडिया के साथ साझेदारी की।
  • 2005 में, कंपनी ने हरिद्वार, उत्तरांचल में पंखे बनाने के लिए एक नया संयंत्र स्थापित किया।
  • 2006 में, क्रैबट्री इंडिया का विलय हैवेल्स इंडिया में हो गया।
  • 2008 में, नीमराना में हैवेल्स ने लाफर्ट मोटर्स के लिए पूरी तरह से ऑटोमेटेड फैक्ट्री स्थापित की।
  • 2009 में, कंपनी ने चेन्नई में अपना दूसरा शोरूम “हैवेल्स गैलेक्सी” खोला।
  • 2015 में, कंपनी ने भारत का सबसे ऊर्जा बचाने वाला पंखा ES 40 लॉन्च किया और नीमराणा में अपने लाइटिंग प्लांट में भारत की सबसे चमकदार एलईडी लाइट रेंज “LUMENO” पेश की।
  • 2016 में, हैवेल्स ने “रियो ब्लिस” नाम से सस्ते और अच्छे मॉड्यूलर स्विच लॉन्च किए और साथ ही सोलर पावर उत्पादों की योजना बनाई।
  • 2017 में, हैवेल्स ने लॉयड इलेक्ट्रिक के घरेलू उत्पादों का कारोबार खरीद लिया।
  • 2018 में, हैवेल्स इंडिया ने एक नई तरह के वाटर प्यूरीफायर की रेंज लॉन्च की।
  • 2019 में, कंपनी ने भारत में पहला पूरी तरह चौकोर पेडेस्टल पंखा पेश किया।
  • 2020 में, हैवेल्स ने पुणे में एक इको-फ्रेंडली और हाई रिकवरी वाला डेलाइट अल्कलाइन वाटर प्यूरीफायर लॉन्च किया।
  • 2021 में, कंपनी ने सुरक्षित जीवन के लिए एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल स्विच की नई रेंज पेश की।
  • 2022 में, हैवेल्स ने ऊर्जा बचाने वाले पंखों का बाजार फिर से बदला और ECOACTIV नाम से नई रेंज लॉन्च की।
  • 2023 में, हैवेल्स ने भारत की सबसे बड़ी एफएमईजी कंपनी के रूप में मध्य पूर्व में अपना प्रमुख कंज्यूमर ड्यूरेबल ब्रांड लॉयड लॉन्च किया।

प्रोडक्ट/सर्विस (Product/Service)

  1. लो वोल्टेज मोटर (LV Motors)

हैवेल्स की ये मोटर उन मशीनों में लगती हैं जो फैक्ट्रियों में काम करती हैं। ये मोटर बिजली की कम खपत में भी अच्छा दम देती हैं और लंबे समय तक टिकती हैं। इन्हें छोटे और मध्यम उद्योगों में ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है।

  1. घरेलू उपयोग वाले सामान (Home Applications)

इस हिस्से में हैवेल्स वो सामान बनाता है जो घरों में रोज़ काम आते हैं, जैसे पंखे, गीजर, प्रेस, वॉटर प्यूरीफायर और एयर कूलर। ये सारे उपकरण इस तरह बनाए जाते हैं कि बिजली की भी बचत हो और काम भी आसानी से हो जाए।

  1. रसोई के उपकरण (Kitchen Appliances)

हैवेल्स आपकी रसोई को स्मार्ट और आरामदायक बनाने के लिए मिक्सर, टोस्टर, चाय बनाने की मशीन, इंडक्शन चूल्हा और चिमनी जैसे कई उपयोगी सामान बनाता है। ये सभी चीज़ें रसोई का काम जल्दी और साफ-सुथरे ढंग से करने में मदद करती हैं।

  1. रोशनी से जुड़े उत्पाद (Lighting)

हैवेल्स बल्ब, ट्यूबलाइट, पैनल लाइट, सड़कों के लिए लाइट और सजावटी लाइट जैसी चीज़ें बनाता है। इसकी एलईडी लाइटें कम बिजली खपत में ज़्यादा रोशनी देती हैं और लंबे समय तक खराब नहीं होतीं।

  1. स्विच और सुरक्षा से जुड़े उपकरण (Switchgear)

हैवेल्स ऐसे उपकरण बनाता है जो बिजली को सही दिशा में चलने में मदद करते हैं और किसी भी गड़बड़ी से बचाते हैं। चाहे घर हो या कारख़ाना, इसके MCB और RCCB जैसे यंत्र ज्यादा करंट या खराबी आने पर बिजली की सप्लाई रोक देते हैं, जिससे उपकरण और लोग दोनों सुरक्षित रहते हैं।

  1. तार और केबल (Cables and Wires)

हैवेल्स के तार घरों से लेकर बड़े-बड़े उद्योगों तक में लगाए जाते हैं। ये मजबूत होते हैं, जल्दी गर्म नहीं होते और आग से बचाव करते हैं। कंपनी पतले वायर से लेकर मोटे औद्योगिक केबल तक बनाती है।

  1. बिजली से जुड़ा दूसरा सामान (Electrical Equipment)

इसमें वे चीज़ें आती हैं जो बिजली के पूरे सिस्टम को चलाने में मदद करती हैं, जैसे मीटर, टाइमर, कंट्रोल यूनिट और सर्किट ब्रेकर। ये खासकर उन जगहों पर काम आते हैं जहां बिजली की व्यवस्था को मज़बूती और नियंत्रण की ज़रूरत होती है।

हैवेल्स इंडिया की सहायक कंपनियां (Subsidiaries)

स्टैंडर्ड इलेक्ट्रिकल्स (Standard Electricals ltd)

स्टैंडर्ड इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड की शुरुआत 1958 में हुई थी और इसका मुख्यालय नोएडा में है। यह कंपनी घरों और उद्योगों के लिए स्विच, वायर, सर्किट ब्रेकर, पंखे और गीजर जैसे बिजली से जुड़े जरूरी उपकरण बनाती है। इसके उत्पादों को लंबे समय तक चलने और सुरक्षित होने के लिए जाना जाता है। 2010 में हैवेल्स इंडिया ने इसे अपने साथ जोड़ लिया, जिसके बाद इसकी पहुँच और तकनीक में और भी सुधार हुआ। आज स्टैंडर्ड इलेक्ट्रिकल्स देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपने मजबूत और भरोसेमंद उत्पादों की वजह से पसंद की जाती है।

क्रैबट्री इंडिया (Crabtree India)

क्रैबट्री इंडिया एक ऐसा नाम है जो अपने बेहतरीन स्विच, स्मार्ट होम उपकरण और सुरक्षित बिजली से जुड़े सामान के लिए जाना जाता है। इसकी शुरुआत 1997 में हुई थी और कुछ साल बाद, 2006 में, यह हैवेल्स इंडिया का हिस्सा बन गया। कंपनी का मुख्य कार्यालय नोएडा में है और इसके ज़्यादातर उत्पाद हिमाचल प्रदेश के बद्दी शहर में बने कारखाने में तैयार होते हैं। क्रैबट्री के बनाए मॉड्यूलर स्विच और होम ऑटोमेशन सिस्टम आज के समय की जरूरत बन चुके हैं क्योंकि ये बिना घर की वायरिंग बदले, स्मार्ट और आसान नियंत्रण की सुविधा देते हैं।

अधिग्रहण

  • 2000 में हैवेल्स ने हैदराबाद की ड्यूक अर्निक्स इलेक्ट्रॉनिक्स नाम की कंपनी का 60 फीसदी हिस्सा खरीद लिया था।
  • 2001 में हैवेल्स ने बीएसई को बताया कि उसने जालंधर की स्टैंडर्ड इलेक्ट्रिकल्स नाम की कंपनी का 60 फीसदी हिस्सा पहले ही खरीद लिया था। फिर 31 दिसंबर को बाकी 40 फीसदी हिस्सा भी खरीदकर उसे पूरी तरह अपना बना लिया।
  • 2004 में हैवेल्स इंडिया ने श्रीलंका की एक कंपनी को खरीदा, जो कम बिजली खर्च करने वाले कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप (CFL) बनाने का काम करती थी।
  • 2007 में हैवेल्स ने फ्रैंकफर्ट की सिल्वेनिया कंपनी का लाइटिंग कारोबार खरीद लिया, जो इस क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। इसके बाद कंपनी का टर्नओवर 1 अरब डॉलर से भी ज्यादा हो गया।
  • 2017 में हैवेल्स ने लॉयड इलेक्ट्रिक के घर के सामान बनाने वाले कारोबार को खरीद लिया।

शेयर होल्डिंग (Shareholding Pattern)

मार्च 2025 तक हैवेल्स इंडिया में सबसे ज़्यादा हिस्सा प्रमोटरों के पास रहा, जो करीब 59% पर बना रहा। विदेशी निवेशकों ने बीते महीनों के मुकाबले अपनी हिस्सेदारी घटाई है और अब उनका योगदान 22% के करीब है। घरेलू संस्थान थोड़े मजबूत हुए हैं, वहीं म्यूचुअल फंड्स की भागीदारी में भी कुछ इज़ाफा देखा गया है। आम निवेशकों की हिस्सेदारी में खास बदलाव नहीं दिखा, जो पहले जैसी ही बनी हुई है। कुल मिलाकर, मालिकाना ढांचे में कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ, लेकिन कुछ बदलाव ज़रूर संकेत देते हैं कि निवेशकों की सोच में हलचल है।

All values in % Mar-25 Dec-24 Sep-24
Promoter 59.41 59.41 59.41
Foreign institution 22.31 23.46 24.76
Other domestic institutions 7.32 6.58 6.30
Retail and other 5.52 5.57 5.59
Mutual funds 5.44 4.98 3.94

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

हैवेल्स का मालिक कौन है?

हैवेल्स इंडिया लिमिटेड के मालिक अनिल राय गुप्ता हैं, जो इसके संस्थापक क्यूमट राय गुप्ता के बेटे हैं।

हैवेल्स के ब्रांड क्या हैं?

हैवेल्स इंडिया के ब्रांड्स में Havells, Lloyd, Crabtree, Standard और REO शामिल हैं, जो प्रीमियम से लेकर बजट सेगमेंट तक इलेक्ट्रिकल और होम अप्लायंसेस उत्पादों की पूरी रेंज पेश करते हैं।

Havells कहां की कंपनी है

हैवेल्स एक भारतीय कंपनी है, जिसका मुख्यालय नोएडा, उत्तर प्रदेश में स्थित है।

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