कोल इंडिया लिमिटेड कंपनी प्रोफाइल, इतिहास, भविष्य, सहायक कंपनियाँ, मालिक, चैयरमेन, नेटवर्थ, CEO, प्रोडक्ट, शेयर होल्डिंग, पुरस्कार और अधिक (Coal India limited (CIL) Company details in hindi)
कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) भारत की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनियों में से एक है। CIL के भारत में मुख्य ग्राहक बिजली और इस्पात के क्षेत्र है, कंपनी इसके साथ साथ सीमेंट, खाद, ईंट भट्टे, और गैर कोकिंग कोयले का उत्पादन भी करती है। कोल इंडिया की स्थापना 1975 में हुई और कंपनी का मुख्य कार्यालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित है। कंपनी भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, जो कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन है।
नाम | कोल इंडिया लिमिटेड ( Coal India limited ) |
इंडस्ट्री | कोयला खनन कंपनी |
शुरुवात की तारीख | 1975 |
मुख्य लोग | पीएम प्रसाद (Chairman & CEO) |
मुख्यालय | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
स्टॉक एक्सचेंज | BSE :533278, NSE :COALINDIA |
मार्किट कैप (Market Cap) | ₹2,41,394 करोड़ |
राजस्व (Revenue) | ₹1,50,293 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
कुल संपत्ति (Total Asset) | ₹2,37,672 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
नेटवर्थ (Net Worth) | ₹83,582 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
मालक | भारत सरकार |
वेबसाइट | www.coalindia.in |
कोल इंडिया लिमिटेड एक भारतीय कोयला खनन कंपनी है। CIL भारत के आठ राज्यों में फैले 83 खनन क्षेत्रों में अपनी सहायक कंपनियों के साथ काम करती है। इनके पास 322 खदाने है, जिनमे 138 गुप्त, 171 खुली खदाने और 13 मिलावटी खदाने है। कंपनी वर्कशॉप और अस्पतालों जैसे और भी कही संस्थान का प्रबंधन करती है। कंपनी के पास 21 ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट और 76 वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर है। और साथ ही यह इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ कोल मैनेजमेंट (IICM) संचालित करती है, जो भारत में एक कॉर्पोरेट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट है। कंपनी को भारत सरकार द्वारा 11 अप्रैल 2011 में महारत्न का दर्जा प्राप्त हुआ।
कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) का भविष्य बहुत ही स्पष्ट और योजनाबद्ध है। कंपनी ने 2030 तक 1 अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है और साथ ही सौर ऊर्जा जैसे नए स्रोतों पर भी ध्यान दे रही है। उनकी योजना है कि वे 3,000 MW सौर ऊर्जा का उत्पादन करें। इसके अलावा, कंपनी नई तकनीकों का इस्तेमाल करके अपने काम को और सुगम और कुशल बना रही है।
वे पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए हरित खनन और कोयले की धुलाई जैसे तरीके अपना रहे हैं। नई खदानें खोलने, ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने, और निवेशकों को बेहतर अवसर देने के माध्यम से, कोल इंडिया लिमिटेड न केवल देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि एक स्थायी और तकनीकी रूप से उन्नत भविष्य भी बना रहा है।
महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL) कोल इंडिया लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है, जो 1992 में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड से अलग होकर ओडिशा के संबलपुर में स्थापित हुई। यह कंपनी मुख्य रूप से गैर-कोकिंग कोयले का उत्पादन करती है और देश की ऊर्जा, स्टील और सीमेंट उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करती है। MCL की प्रमुख कोलफील्ड्स झारसुगुड़ा, संगितपुर और कुसुमगेरा क्षेत्रों में स्थित हैं, और इसका वार्षिक उत्पादन लगभग 100 मिलियन टन है।
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL), छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में स्थित, भारत की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है और कोल इंडिया लिमिटेड की आठ पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों में एक प्रमुख नाम है। SECL की 92 खदानें छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में फैली हुई हैं, जिनमें 70 भूमिगत खदानें, 21 खुली खदानें और 1 मिश्रित खदान शामिल हैं।
यह कंपनी हर साल लगभग 140 मिलियन टन कोयला उत्पादन करती है, जो देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ विभिन्न उद्योगों को निरंतर कोयला आपूर्ति करती है, और इस प्रकार राष्ट्रीय आर्थिक विकास में योगदान देती है। SECL मुख्य रूप से गैर-कोकिंग कोयला उत्पादित करती है, जिसका उपयोग बिजली उत्पादन, स्टील उद्योग और अन्य क्षेत्रों में होता है।
नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (NCL), सिंगरौली, मध्य प्रदेश में स्थित एक प्रमुख कोयला उत्पादन कंपनी है, जिसे 1986 में सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड से अलग किया गया था। कंपनी मुख्य रूप से सिंगरौली कोलफील्ड क्षेत्र में कोयला खनन करती है, जहाँ मोहर बेसिन में लगभग 3 बिलियन टन कोयला भंडार है, जिसमें से 2.3 बिलियन टन पहले ही खनन के लिए निर्धारित किया गया है। NCL मुख्य रूप से गैर-कोकिंग कोयला उत्पादित करती है, जिसका उपयोग बिजली उत्पादन और विभिन्न उद्योगों में किया जाता है।
वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL), कोल इंडिया लिमिटेड की एक महत्वपूर्ण सहायक कंपनी है, जिसका मुख्यालय नागपुर, महाराष्ट्र में स्थित है। यह कंपनी 1975 में स्थापित हुई थी और 2007 में “मिनीरत्न” का दर्जा प्राप्त किया। WCL मुख्य रूप से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के क्षेत्रों में कार्य करती है और यहाँ 80 से अधिक खदानों के माध्यम से कोयला उत्पादन करती है, जिसमें गैर-कोकिंग कोयला शामिल है, जो ऊर्जा, स्टील और अन्य उद्योगों में उपयोग होता है। इसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 50 मिलियन टन है।
ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL), कोल इंडिया लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है, जिसका मुख्यालय सैंक्टोरिया, पश्चिम बंगाल में स्थित है। 1975 में स्थापित यह कंपनी झारखंड और पश्चिम बंगाल में गैर-कोकिंग कोयला का उत्पादन करती है, जो मुख्य रूप से ऊर्जा और औद्योगिक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है। ECL की खदानें, जिनमें अधिकतर भूमिगत खदानें हैं, सालाना लगभग 30 मिलियन टन कोयला उत्पादन करती हैं। कंपनी का प्रमुख कार्य इन क्षेत्रों में आवश्यक कोयला आपूर्ति को सुनिश्चित करना, जो ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करता है और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देता है।
सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL), जिसका मुख्यालय रांची, झारखंड में है, एक प्रमुख कोयला उत्पादक कंपनी है। यह कंपनी 1956 में स्थापित हुई थी और मुख्य रूप से कोकिंग और गैर-कोकिंग कोयला का खनन और आपूर्ति करती है। CCL झारखंड राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित खदानों का संचालन करती है, जिनमें भूमिगत और खुली खदानें दोनों शामिल हैं। कंपनी का वार्षिक उत्पादन लगभग 60 मिलियन टन है, जो देश के ऊर्जा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान करता है। CCL की खनन गतिविधियाँ बिजली संयंत्रों और औद्योगिक इकाइयों को निरंतर कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करती हैं।
भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL), जो धनबाद, झारखंड में स्थित है, भारत के कोयला उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह कंपनी विशेष रूप से झरिया और रानीगंज कोयला क्षेत्रों से कोकिंग और गैर-कोकिंग कोयला का खनन करती है और उसे प्रसंस्कृत करती है। BCCL का कोयला देश के इस्पात उद्योग में प्रमुख रूप से उपयोग होता है, जिससे देश की औद्योगिक प्रगति को गति मिलती है। कंपनी के पास कुल 214 खदानें हैं, जिनमें 11 भूमिगत, 16 ओपन कास्ट और 9 मिश्रित खदानें शामिल हैं। इसके मजबूत आपूर्ति नेटवर्क और कुशल लॉजिस्टिक्स के कारण, BCCL लगातार कोयला आपूर्ति में अपनी विश्वसनीयता साबित करती है, जो उद्योगों और उत्पादन के बीच संतुलन बनाए रखती है।
मार्च 2025 में कोल इंडिया की शेयरहोल्डिंग में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला। प्रमोटरों ने अपनी 63.13% हिस्सेदारी को बरकरार रखा, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों की भागीदारी हल्की बढ़त के साथ 11.97% पर रही। म्यूचुअल फंड्स ने अपनी पकड़ मजबूत करते हुए हिस्सेदारी को 11.38% तक पहुंचाया। इसके विपरीत, विदेशी संस्थानों की हिस्सेदारी घटकर 7.74% रह गई। खुदरा और अन्य निवेशकों का हिस्सा 5.78% रहा। यह डेटा दर्शाता है कि कंपनी में घरेलू निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है, जबकि विदेशी निवेशकों का रुझान कुछ हद तक कमजोर पड़ा है।
All values in % | Mar-25 | Dec-24 | Sep-24 |
Promoter | 63.13 | 63.13 | 63.13 |
Other domestic institutions | 11.97 | 11.77 | 12.04 |
Mutual funds | 11.38 | 10.81 | 10.54 |
Foreign institution | 7.74 | 8.58 | 9.16 |
Retail and other | 5.78 | 5.70 | 5.13 |
पिछले पांच वर्षों में कोल इंडिया ने अपने शेयरधारकों को लगातार लाभांश भुगतान करके विश्वास बनाए रखा है। जनवरी 2025 में कंपनी ने ₹5.60 प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश दिया। इसके अलावा, 2023 और 2024 में भी ₹3 से ₹15.75 के बीच लाभांश वितरित किए गए, जो निवेशकों के लिए एक स्थिर आय का स्रोत साबित हुए हैं और उनके निवेश को सुरक्षित बनाते हैं।
🔔 घोषणा तिथि (Announcement Date) | 📅 Ex-Dividend तिथि | 📝 डिविडेंड प्रकार (Type) | 💰 डिविडेंड राशि (₹) |
15 जनवरी 2025 | 31 जनवरी 2025 | अंतरिम (Interim) | ₹5.60 |
14 अक्टूबर 2024 | 05 नवम्बर 2024 | अंतरिम | ₹15.75 |
02 मई 2024 | 16 अगस्त 2024 | अंतिम (Final) | ₹5.00 |
30 जनवरी 2024 | 20 फरवरी 2024 | अंतरिम | ₹5.25 |
18 अक्टूबर 2023 | 21 नवम्बर 2023 | अंतरिम | ₹15.25 |
08 मई 2023 | 18 अगस्त 2023 | अंतिम | ₹4.00 |
18 जनवरी 2023 | 08 फरवरी 2023 | अंतरिम | ₹5.25 |
04 नवम्बर 2022 | 15 नवम्बर 2022 | अंतरिम | ₹15.00 |
25 मई 2022 | 11 अगस्त 2022 | अंतिम | ₹3.00 |
08 फरवरी 2022 | 21 फरवरी 2022 | अंतरिम | ₹5.00 |
23 नवम्बर 2021 | 06 दिसम्बर 2021 | अंतरिम | ₹9.00 |
14 जून 2021 | 02 सितम्बर 2021 | अंतिम | ₹3.50 |
23 फरवरी 2021 | 15 मार्च 2021 | अंतरिम | ₹5.00 |
06 नवम्बर 2020 | 19 नवम्बर 2020 | अंतरिम | ₹7.50 |
26 फरवरी 2020 | 19 मार्च 2020 | अंतरिम | ₹12.00 |
कोल इंडिया लिमिटेड क्या करती है?
यह अंतरराष्ट्रीय कीमतों से कम पर कोयला सप्लाई करता है, जिससे भारतीय कोयला उपभोक्ताओं को मूल्य अस्थिरता से बचाया जा सकता है। इसके अलावा, यह अंतिम उपभोगता उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाता है और “मेक इन इंडिया” पहल के साथ-साथ भारत को ग्लोबल मार्किट में प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
कोल इंडिया का मालिक कौन है?
कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) एक सरकारी कंपनी है, जिसका स्वामित्व पूरी तरह से भारत सरकार के पास है। यह कंपनी देश में कोयला उत्पादन और आपूर्ति का मुख्य स्रोत मानी जाती है।
कोल कहाँ पाया जाता है?
कोयला भारत के विभिन्न राज्यों जैसे झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मध्य प्रदेश में मिलता है। इन इलाकों में बड़े कोयला खदान स्थित हैं, जो देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
Read Also:- भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) भारत में ऊर्जा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने वाली सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है। यह कंपनी न केवल देश के बिजली उत्पादन के लिए जरूरी कोयला प्रदान करती है, बल्कि विभिन्न उद्योगों की जरूरतों को भी पूरा करती है। कोल इंडिया अपने उत्पादन में निरंतर सुधार और पर्यावरण संरक्षण के उपायों को प्राथमिकता देती है, जिससे यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती देने में अहम योगदान कर रही है।
कैपिटल इंडिया फाइनेंस| Capital India Finance कैपिटल इंडिया फाइनेंस कंपनी प्रोफाइल, सर्विस, MD, नेटवर्थ, शेयर… Read More
रिलायंस होम फाइनेंस|Reliance Home Finance रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी प्रोफाइल, इतिहास, सर्विस, CEO, नेटवर्थ, शेयर… Read More
स्टार हाउसिंग फाइनेंस| Star Housing Finance स्टार हाउसिंग फाइनेंस कंपनी प्रोफाइल, इतिहास, सर्विस, CEO, नेटवर्थ,… Read More
सीएसएल फाइनेंस | CSL Finance सीएसएल फाइनेंस कंपनी प्रोफाइल, इतिहास, सर्विस, MD, नेटवर्थ, शेयर होल्डिंग,… Read More
GIC Housing Finance| जीआईसी हाउसिंग फाइनेंस GIC हाउसिंग फाइनेंस कंपनी प्रोफाइल, इतिहास, सर्विस, नेटवर्थ, शेयर… Read More
SRG Housing Finance Company Profile, History, and Key Services in Hindi SRG हाउसिंग फाइनेंस कंपनी… Read More
View Comments