सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड कंपनी प्रोफाइल, इतिहास, सर्विस, चैयरमेन, नेटवर्थ, सहायक कंपनिया, पुरस्कार, और अधिक (Central Depository Services Company details in Hindi)
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) की स्थापना 1999 में हुई थी और इसका मुख्य कार्यालय मुंबई में है। यह कंपनी निवेशकों को उनकी सिक्योरिटीज को डिजिटल तरीके से सुरक्षित रखने, ट्रांसफर करने और गिरवी रखने की सुविधाएं देती है।
नाम | सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) |
इंडस्ट्री | Depository services |
शुरुवात की तारीख | 1999 |
मुख्य लोग | श्री बालकृष्ण वी. चौबल (Chairman) |
मुख्यालय | मुंबई, महाराष्ट्र |
स्टॉक एक्सचेंज | NSE :CDSL |
मार्किट कैप (Market Cap) | ₹31,971 करोड़ |
राजस्व (Revenue) | ₹907 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
कुल संपत्ति (Total Asset) | ₹2,162.14 करोड़ (वित्त वर्ष2025) |
नेटवर्थ (Net Worth) | ₹1,507 करोड़ (वित्त वर्ष2024) |
वेबसाइट | www.cdslindia.com |
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) भारत की एक प्रमुख डिपॉजिटरी कंपनी है, जिसकी स्थापना 1999 में हुई थी। यह कंपनी निवेशकों को उनकी सिक्योरिटीज को डिजिटल रूप में रखने, स्थानांतरित करने और गिरवी रखने की सेवाएं देती है। CDSL ने भारत में 6 करोड़ सक्रिय डीमैट खाते खोलने वाला पहला डिपॉजिटरी बनने का महत्वपूर्ण रिकॉर्ड बनाया है। यह निवेशकों, बैंकों, ब्रोकरों और कंपनियों को ई-वोटिंग जैसी सुविधाएं भी देती है, जिससे बाजार और सुरक्षित और पारदर्शी बनता है। CDSL का मुख्य मकसद भारत के पूंजी बाजार को सुरक्षित, प्रभावी और कागज रहित बनाना है, ताकि भौतिक सिक्योरिटीज से जुड़े जोखिम कम हो सकें।
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज एक भारतीय कंपनी है, जो डिपॉजिटरी सेवाओं के साथ-साथ डेटा प्रोसेसिंग और अन्य संबंधित सेवाएं भी देती है। यह तीन मुख्य हिस्सों में काम करती है: डिपॉजिटरी, डेटा एंट्री और स्टोरेज, और रिपोजिटरी। डिपॉजिटरी में निवेशक अपनी सिक्योरिटीज को डिजिटल रूप में सुरक्षित रख सकते हैं, उनका ट्रांसफर कर सकते हैं और गिरवी रख सकते हैं। डेटा एंट्री और स्टोरेज में निवेशकों के KYC दस्तावेजों का रिकॉर्ड रखा जाता है। रिपोजिटरी में बीमा पॉलिसियां और वेयरहाउस रसीदों को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखा जाता है। इसके अलावा, CDSL ई-लॉकर, स्मार्ट और मायईसी मोबाइल ऐप, एम-वोटिंग और ई-वोटिंग जैसी सुविधाएं भी देती है, जो लेनदेन को और सुरक्षित और आसान बनाती हैं।
CDSL विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है, जो इस प्रकार हैं:
सीडीएसएल वेंचर्स लिमिटेड (CVL) सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है। यह कंपनी केवाईसी यानी पहचान बनाने का काम करती है और आधार से जुड़ी ई-केवाईसी के साथ-साथ रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट की सेवाएं भी देती है। CVL सेबी और UIDAI के साथ पंजीकृत है, इसलिए यह सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल पहचान की सुविधा देता है। इसका उद्देश्य निवेश को आसान, सुरक्षित और साफ-सुथरा बनाना है ताकि सभी को बेहतर सेवा मिल सके।
सीडीएसएल कमोडिटी रिपोजिटरी लिमिटेड (CCRL) सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड की सहायक कंपनी है और यह वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) के साथ पंजीकृत कमोडिटी रिपोजिटरी के रूप में काम करती है। CCRL इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीदों (e-NWRs) के निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी संभालती है, जिससे भंडारण और व्यापार की प्रक्रिया डिजिटल और सुरक्षित बनती है। यह कंपनी 2017 में स्थापित हुई थी और इसका उद्देश्य वस्तु बाजार में कागज की जगह डिजिटल रसीदों के ज़रिए लेन-देन को सरल, तेज़ और पारदर्शी बनाना है। CCRL के मुख्य शेयरधारकों में CDSL के साथ-साथ BSE इन्वेस्टमेंट्स और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) शामिल हैं, जो कंपनी के विकास और प्रबंधन में सहयोग देते हैं।
सीडीएसएल इंश्योरेंस रिपॉजिटरी लिमिटेड CDSL की एक सहायक कंपनी है, जो 2011 में मुंबई में बनी। इसका मुख्य काम बीमा पॉलिसियों को डिजिटल तरीके से सुरक्षित रखना और संभालना है, ताकि लोग कागज के झंझट से बच सकें। CIRL भारतीय बीमा नियामक संस्था (IRDAI) के अधीन पंजीकृत है और यह इलेक्ट्रॉनिक इंश्योरेंस अकाउंट (eIA) सुविधा देता है। इसके जरिए बीमा धारक अपनी सभी पॉलिसियां एक जगह देख सकते हैं, उन्हें अपडेट कर सकते हैं और आसानी से भुगतान कर सकते हैं। CIRL ने हाल ही में LIC के साथ मिलकर उनकी पॉलिसियों को डिजिटल रूप में जारी करने का काम शुरू किया है, जिससे ग्राहकों को सुविधा और पारदर्शिता बढ़ेगी।
मार्च 2025 तक सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसे (इंडिया) के शेयरधारिता ढांचे में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी खुदरा और अन्य निवेशकों की रही, जो बढ़कर 58.40% हो गई, जबकि सितंबर 2024 में यह 50.14% और दिसंबर 2024 में 49.15% थी। प्रमोटरों की हिस्सेदारी तीनों तिमाहियों में स्थिर रही और 15.00% पर बनी रही।
विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी में गिरावट दर्ज की गई सितंबर 2024 में 13.70%, दिसंबर 2024 में 17.00% और मार्च 2025 में घटकर 11.32% हो गई। अन्य घरेलू संस्थानों की हिस्सेदारी मामूली बढ़त के साथ 8.10% रही, जो दिसंबर में 7.64% और सितंबर में 7.80% थी। म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी में लगातार गिरावट देखने को मिली, जो सितंबर 2024 में 13.36% से घटकर दिसंबर में 11.21% और मार्च 2025 में 7.18% रह गई।
All values in % | Mar-25 | Dec-24 | Sep-24 |
Retail and other | 58.40 | 49.15 | 50.14 |
Promoter | 15.00 | 15.00 | 15.00 |
Foreign institution | 11.32 | 17.00 | 13.70 |
Other domestic institutions | 8.10 | 7.64 | 7.80 |
Mutual funds | 7.18 | 11.21 | 13.36 |
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज क्या करती है?
CDSL आपके शेयर और अन्य निवेश को सुरक्षित डिजिटल तरीके से रखती है। यह आपके शेयरों को ऑनलाइन स्टोर करके उनका तेज़ और आसान लेन-देन संभव बनाती है और डिविडेंड व बोनस भी सीधे आपके खाते में पहुंचाती है।
क्या सीडीएसएल एक सरकारी कंपनी है?
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (CDSL) सरकारी कंपनी नहीं है। इसे कुछ बड़े बैंक और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने मिलकर बनाया है। इसे सरकार नहीं चलाती, लेकिन इसका नियम सिक्योरिटीज और एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) बनाता है।
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