इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन | Indian Oil Corporation

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), जिसे इंडियन ऑयल के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की एक प्रमुख तेल और गैस कंपनी है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और यह पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत कार्य करती है।

कंपनी प्रोफाइल (Profile)

नामइंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL)
इंडस्ट्रीतेल और गैस
शुरुवात की तारीख1959
मुख्य लोगअरविन्दर सिंह साहनी (Chairman)
मुख्यालयनई दिल्ली
स्टॉक एक्सचेंजBSE:530965, NSE:IOC
मार्किट कैप (Market Cap)₹2,30,106 करोड़
राजस्व (Revenue)₹7,61,620 करोड़ (वित्त वर्ष2025)
कुल संपत्ति (Total Asset)₹5,06,867 करोड़ (वित्त वर्ष2025)
नेटवर्थ (Net Worth)₹1,91,025 करोड़ (वित्त वर्ष2025)
मालकभारत सरकार
वेबसाइटwww.iocl.com

कंपनी के बारे में (About Company)

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) भारत की सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनी है, जिसकी शुरुआत 1959 में हुई थी। इस कंपनी को 2010 में महारत्न का दर्जा प्राप्त हुआ और तब से यह पेट्रोल, डीजल, गैस और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों के उत्पादन और वितरण में प्रमुख बन गई है।  यह कंपनी तेल, गैस और ऊर्जा के क्षेत्र में लगातार विकास कर रही है और कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।

IOCL के पास 70.05 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) की रिफाइनिंग क्षमता है और यह भारत की 20 रिफाइनरियों में से 10 का संचालन करती है। इसके पास 15,000 किलोमीटर से ज्यादा पाइपलाइन नेटवर्क है, जो पूरे देश में ईंधन और अन्य उत्पादों की आपूर्ति करता है। इसके 34,000 से ज्यादा फ्यूल स्टेशन हैं, जो हर रोज लाखों लोगों को पेट्रोल, डीजल और अन्य ईंधन उपलब्ध कराते हैं। IOCL का नाम 2010 में Fortune “ग्लोबल 500” की लिस्ट में 125वें स्थान पर आया, जो इसके बडे़ योगदान और सफलता को दर्शाता है।

IOCL, जो भारत सरकार के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाती है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है, और यह पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत काम करती है। कंपनी न केवल देश में ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ा रही है, बल्कि पर्यावरण सुरक्षा और तकनीकी नवाचार के लिए भी निरंतर प्रयास कर रही है।

इतिहास (History of Indian Oil Corporation)

  • इंडियन ऑयल कंपनी लिमिटेड की स्थापना 1959 को हुई थी। 1964 को इसे इंडियन रिफाइनरीज लिमिटेड के साथ मिलाकर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड बनाया गया। पूरी तरह से इसे 1964 को IOCL के नाम से जाना गया।
  • 1962 के नवंबर महीने के दौरान, कंपनी ने मोबिल पेट्रोलियम लिमिटेड के साथ एक समझौता किया। इसके तहत दो संयंत्र, एक कलकत्ता तथा एक मुंबई में लगाने का फैसला हुआ।
  • 1965 को कंपनी ने घरेलू खाना पकाने के लिए एलपीजी क्षेत्र में कदम रखा और चुनिंदा शहरों में ‘इंडेन’ नाम से वितरण शुरू किया।
  • 1972 को सरकार ने मथुरा (यूपी) में एक रिफाइनरी लगाने का फैसला किया। इसमें यूएसएसआर का सहयोग था। इस परियोजना के लिए नेफ्टेचिंप्रोम एक्सपोर्ट से रिपोर्ट, तकनीकी मदद तथा सामग्री आपूर्ति का अनुबंध किया गया।
  • 1977 को सरकार ने एक रिपोर्ट को मंजूरी दी, जिसमें अतिरिक्त प्रक्रिया को उपयुक्त बताया गया। 40.11 करोड़ रुपये की लागत से यह परियोजना हल्के और मध्यम डीस्टीलेट उत्पादन बढ़ाने के लिए बनाई गई।
  • 1979 को निगम ने हर साल 15,000 टन ब्राइट स्टॉक (एलवीआई) उत्पादन के लिए नई सुविधाएं विकसित कीं। यह परियोजना 1983-84 के दौरान पूरी हुई।
  • 1986 को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली तथा इंफाल (मणिपुर) में दो नए विमान ईंधन स्टेशन शुरू किए गए।
  • 1988 को निगम ने 5 और अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइनों को अपनी सेवाओं में शामिल किया, जिससे कुल एयरलाइनों की संख्या 29 हो गई। इसी वर्ष, निगम ने रक्षा मंत्रालय के साथ 20 वर्षों की अवधि के लिए विमानन ईंधन आपूर्ति का दीर्घकालिक समझौता किया।
  • 1989 को मुंबई के वाशी क्षेत्र में 10 करोड़ रुपये की लागत से एक नया ग्रीस प्लांट शुरू किया गया, जिससे ग्रीस उत्पादन क्षमता 3,800 टन बढ़ गई।
  • निगम ने कालीकट (केरल) तथा सिलचर (असम) में दो नए बॉटलिंग प्लांट शुरू किए। इससे 1990-91 को कंपनी की कुल बॉटलिंग क्षमता 10,04,000 टन से बढ़कर 10,26,000 टन हो गई।
  • 1992 को आंध्र प्रदेश के टोडिपल्ली तथा महाराष्ट्र के खापरी में दो छोटे कैन-फिलिंग और मिनी ब्लेंडिंग प्लांट शुरू किए गए। प्रत्येक प्लांट की क्षमता 56,000 टन है।
  • 1994 को कंपनी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर को ISO-9001 प्रमाणन प्राप्त हुआ।
  • 1995 को बेलगाम क्षेत्र में दो नए LPG बॉटलिंग प्लांट जोड़े गए। इससे दिल्ली क्षेत्र की कुल 35 LPG बॉटलिंग प्लांट क्षमता 13.29 लाख टन प्रति वर्ष हो गई।
  • 1997 को बॉटलिंग प्लांट्स की कुल संख्या बढ़कर 43 हो गई, जिससे निगम की क्षमता 16.53 लाख टन प्रति वर्ष तक पहुंच गई।
  • 2000 को IOC ने गुजरात पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (GPCL) के साथ एक समझौता किया। इसके तहत सावली, गुजरात में 500 मेगावाट क्षमता का बिजली संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जो वैक्यूम अवशेषों से संचालित होगा।
  • 2001 को कंपनी ने पन्ना-मुक्ता तथा ताप्ती तेल और गैस क्षेत्रों में एनरॉन की हिस्सेदारी प्राप्त करने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, रॉयल डच शेल तथा केयर्न एनर्जी जैसी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा की।
  • 2002 को IOC और सुंदरम फाइनेंस लिमिटेड ने एक नया ब्रांडेड वैल्यू-एडेड फ्लिट कार्ड ‘Powerplus’ लॉन्च किया, जो डेबिट तथा क्रेडिट दोनों विकल्पों में उपलब्ध है।
  • 2003 को इंडियन ऑयल ने चेन्नई शहर में ‘IOC Premium Petrol’ तथा एडिटिव-रीइन्फोर्स्ड डीजल लॉन्च किया। इस पेट्रोल की ऑक्टेन रेटिंग 91 है, जो सामान्य 88 से अधिक है।
  • 2004 को कंपनी ने विशाखापत्तनम शहर में अपना नया हाई-ऑक्टेन पेट्रोल ‘Extra Premium’ लॉन्च किया।
  • 2005 को IOC और ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने लीबिया के संभावित सिर्ते बेसिन क्षेत्र में तटीय तेल ब्लॉक 086 हासिल किया।
  • 2006 को IOC और नेशनल शुगर कोऑपरेटिव फेडरेशन (NSCF) ने इथेनॉल आपूर्ति हेतु एक समझौता किया।
  • 2008 को IOC ने पेट्रोल गुणवत्ता जांच के लिए एचयूएल के साथ एक समझौता किया।
  • 2009 को IOC और अदानी एनर्जी लिमिटेड (ANL) ने सिटी गैस वितरण हेतु एक समझौता किया।
  • 2011 को IOC ने फॉर्च्यून ग्लोबल 500 सूची में भारतीय कंपनियों के बीच शीर्ष स्थान बनाए रखा और इसकी रैंक 98 रही।
  • 2012 को IOC ने दोपहिया वाहनों के लिए नया इंजन ऑयल ‘SERVO 4T SYNTH’ लॉन्च किया, जो उन्नत सिंथेटिक केमिस्ट्री पर आधारित है।
  • 2013 को IOCL ने ओडिशा राज्य में 5,000 करोड़ रुपये के प्राकृतिक गैस टर्मिनल हेतु एक समझौता किया।
  • 2015 को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने मुत्तम गांव क्षेत्र में 4 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण शुरू किया।
  • 2017 को IOC ने टीएसआरटीसी की भूमि पर 28 पेट्रोल आउटलेट खोलने तथा पानीपत में एक इथेनॉल प्लांट स्थापित करने की योजना तैयार की।
  • 2019 को IOC के 800 करोड़ रुपये के इथेनॉल प्लांट हेतु गोरखपुर क्षेत्र में रास्ता साफ हुआ।
  • 2021 को इंडियन ऑयल कॉर्प ने मुंद्रा (गुजरात) से पानीपत (हरियाणा) तक नई कच्चे तेल की पाइपलाइन परियोजना के लिए निवेश को मंजूरी दी।
  • 2022 को IOC और एनटीपीसी ने इंडियन ऑयल रिफाइनरियों को नवीकरणीय ऊर्जा से बिजली आपूर्ति हेतु एक समझौता किया।
  • 2023 को IOC ने मारुति सुजुकी रिवार्ड्स कार्यक्रम के लिए नए बेनिफिट्स तथा सर्विसेज लॉन्च किए।

प्रोडक्ट/सर्विस (Product/service)

  • Petroleum Products: इसमें विभिन्न ग्रेड का पेट्रोल (Gasoline) और डीजल शामिल हैं, जो वाहनों के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • Lubricants: इंडियन ऑयल SERVO नामक ब्रांड के तहत ऑटोमोटिव, इंडस्ट्रियल, और मरीन उपयोग के लिए विभिन्न लुब्रिकेंट्स प्रदान करता है।
  • Liquefied Petroleum Gas (LPG): घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लिए खाना पकाने के गैस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
  • Kerosene: मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोशनी और खाना पकाने के लिए उपयोग होता है।
  • Aviation Turbine Fuel (ATF): हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन।
  • Bitumen: सड़क निर्माण और रखरखाव में उपयोग किया जाता है।
  • Specialty Products: इसमें Petrochemicals और अन्य refined products शामिल हैं।

रिफाइनरी स्थान (Refinery location)

  • मथुरा रिफाइनरी – उत्तर प्रदेश
  • कर्मपुरी रिफाइनरी – तेलंगाना
  • डिगबोई रिफाइनरी – असम
  • गुवाहाटी रिफाइनरी – असम
  • बरौनी रिफाइनरी – बिहार
  • पडुचेरी रिफाइनरी – पुदुचेरी
  • गोसाबा रिफाइनरी – पश्चिम बंगाल

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की सहायक कंपनियाँ (Subsidiaries)

चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड

चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CPCL) भारतीय तेल और गैस क्षेत्र में एक प्रमुख कंपनी है और यह इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन का एक अहम हिस्सा है। इसकी स्थापना 1960 के दशक में 2.5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) रिफाइनरी के रूप में हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य ईंधन और ल्यूब बेस स्टॉक का उत्पादन था। समय के साथ कंपनी ने काफी विस्तार किया और अब यह 10.5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता के साथ कार्यरत है। CPCL की रिफाइनरी तमिलनाडु के मन्नाली में स्थित है, जहां से पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, नाफ्था और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों का निर्माण होता है।

इंडियन ऑयल (मॉरीशस) लिमिटेड

इंडियन ऑयल (मॉरीशस) लिमिटेड (IOML), भारतीय तेल कंपनी IOC की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जिसे 2001 में मॉरीशस में स्थापित किया गया और 2004 में इसका भौतिक संचालन शुरू हुआ। इंडियन ऑयल (मॉरीशस) की मुख्य गतिविधियाँ विमानन, बंकरिंग, खुदरा, स्नेहक और उपभोक्ता उत्पादों के क्षेत्र में फैली हुई हैं। यह कंपनी मॉरीशस में पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति और वितरण करती है, जिसमें पेट्रोल, डीजल, LPG गैस सिलेंडर आदि शामिल हैं।

लंका IOC PLC, श्रीलंका

लंका आईओसी पीएलसी, श्रीलंका भारतीय तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) की सहायक कंपनी है, जो श्रीलंका में पेट्रोल और डीजल के खुदरा स्टेशनों का संचालन करती है। यह कंपनी श्रीलंका का एकमात्र निजी क्षेत्र का संगठन है जो पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा बिक्री करती है और इसका व्यापक वितरण नेटवर्क 213 खुदरा आउटलेट्स तक फैला हुआ है।

Lanka IOC पेट्रोल, डीजल, विमानन ईंधन और एलपीजी गैस जैसी सेवाओं का आयात और वितरण करती है, जिससे श्रीलंका भर में उच्च गुणवत्ता वाले ईंधन उत्पाद उपलब्ध होते हैं। कंपनी का मुख्यालय कोलंबो शहर में स्थित है, और यह भारतीय ऑयल कॉर्पोरेशन के संसाधनों और अनुभव का लाभ उठाकर श्रीलंका में ऊर्जा आपूर्ति को बेहतर बनाने के साथ-साथ पेट्रोलियम व्यापार को भी बढ़ावा देती है।

आईओसी मिडिल ईस्ट FZE

IOC Middle East FZE भारतीय तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की एक सहायक कंपनी है, जो मध्य पूर्व, अफ्रीका और सीआईएस देशों में पेट्रोलियम उत्पादों और स्नेहक मिश्रणों का विपणन करती है। इसके अलावा, यह समूह 1 और समूह 2 बेस तेलों का विपणन भी करती है। कंपनी का मुख्यालय दुबई, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में स्थित है।

 

अधिग्रहण (Acquire)

  • 2000-2001 के दौरान, इंडियन ऑयल ने चेन्नई पेट्रोलियम (CPCL) और बोंगाईगांव रिफाइनरी (BRPL) की पूरी हिस्सेदारी खरीदी। CPCL में 81% और BRPL में 74.46% हिस्सेदारी के साथ इंडियन ऑयल की रिफाइनिंग क्षमता 9.35 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष बढ़ी।
  • 2012 के दौरान, ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) तथा इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) ने अमेरिका के कोलोराडो स्थित निओब्रारा बेसिन की तरल-समृद्ध शेल संपत्तियों में हिस्सेदारी खरीदी।
  • 2021 के दौरान, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में 5% शेयर खरीदे।

संयुक्त उद्यम (Joint Venture)

  • 25 मार्च 1963 को, इंडियन ऑयल ब्लेंडिंग लिमिटेड नाम की एक नई कंपनी बनाई गई। यह कंपनी मोबिल और IOC की 50:50 साझेदारी में शुरू की गई थी और इसका काम निर्माण करना था।
  • 1995 में, 16% और बाकी 48% शेयर एनआरआई और जनता को दिए जाएंगे। यह साझेदारी टाटा इंडियन ऑयल रिफाइनरीज लिमिटेड के नाम से बनाई जाएगी।
  • 1996 में, IOC ने दो नई संयुक्त कंपनियां बनाई – इंडियन ऑयल टैन्किंग लिमिटेड और पेट्रोनट इंडिया लिमिटेड।
  • 2000 में, IOC और यूएई की इमारात कंपनी ने एक संयुक्त समझौते पर काम किया। इसके तहत, वे शारजाह के हमरियाह फ्री ट्रेड ज़ोन में एक तेल व्यापार टर्मिनल स्थापित करेंगे।
  • 2001 में, इंडियन ऑयल, कलकत्ता पोर्ट ट्रस्ट, और शिपिंग कॉर्पोरेशन ने सैंडहेड्स में एक फ्लोटिंग स्टोरेज टैंक के लिए एक संयुक्त वेंचर बनाया।
  • 2002 में, IOC ने एक नई पूरी तरह से अपनी सहायक कंपनी खोली और श्रीलंका के पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर एक संयुक्त कंपनी बनाई। इसका नाम लंका इंडियन ऑयल लिमिटेड है।
  • 2003 में, रेलवे ने IOC के साथ एक संयुक्त वेंचर शुरू किया ताकि बायो-डीजल का उत्पादन किया जा सके।
  • 2023 में, IOCL ने एक्सचेंज को बताया कि वह बायोगैस परियोजनाओं के लिए संयुक्त कंपनियां बनाएगा।

 

शेयर होल्डिंग (Indian Oil Corporation Shareholding Pattern)

मार्च 2025 तक कंपनी में प्रमोटरों का हिस्सा 51.50% पर कायम रहा, जो पिछले कुछ महीनों से नहीं बदला है। छोटे निवेशकों और अन्य समूहों की हिस्सेदारी बढ़कर 31% के आसपास पहुंच गई है। विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी थोड़ी कम होकर करीब 7.4% रह गई, जबकि घरेलू संस्थानों का योगदान भी थोड़ा घटकर 7.35% हुआ। म्यूचुअल फंड्स का हिस्सा लगभग 2.7% रहा, जिसमें मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया। कुल मिलाकर, प्रमोटरों ने अपना मजबूत नियंत्रण बनाए रखा है, छोटे निवेशकों की भागीदारी में वृद्धि हुई है और संस्थागत निवेश में हल्की गिरावट आई है।

All values in %Mar-25Dec-24Sep-24
Promoter51.5051.5051.50
Retail and other31.0430.8730.08
Foreign institution7.387.437.90
Other domestic institutions7.357.527.55
Mutual funds2.722.682.98

Indian Oil Corporation Dividend History

हर निवेशक यही चाहता है कि उसका पैसा सुरक्षित रहे और समय-समय पर कुछ रिटर्न भी मिले। यह कंपनी इस भरोसे पर खरी उतरी है। पिछले कुछ सालों में इसने लगातार डिविडेंड देकर अपने शेयरधारकों को लाभ पहुँचाया है। 2024 में ₹7.00 का अंतिम डिविडेंड, 2023 में ₹5.00 का अंतरिम और ₹3.00 का अंतिम डिविडेंड, वहीं 2022 में ₹2.40 का अंतिम लाभांश दिया गया। ऐसा लगातार लाभ देना इस बात का सबूत है कि कंपनी सिर्फ वादे नहीं करती, उन्हें निभाती भी है।

📅 घोषणा की तारीख (Announcement Date)📆 Ex-Dividend Date🏷️ प्रकार (Type)💰 डिविडेंड (रु.)
30 अप्रैल 202412 जुलाई 2024अंतिम₹7.00
31 अक्टूबर 202310 नवम्बर 2023अंतरिम₹5.00
16 मई 202328 जुलाई 2023अंतिम₹3.00
17 मई 202211 अगस्त 2022अंतिम₹2.40
31 जनवरी 202209 फरवरी 2022अंतरिम₹4.00
01 नवम्बर 202111 नवम्बर 2021अंतरिम₹5.00
19 मई 202105 अगस्त 2021अंतिम₹1.50
10 मार्च 202123 मार्च 2021अंतरिम₹3.00
29 जनवरी 202109 फरवरी 2021अंतरिम₹7.50
13 मार्च 202023 मार्च 2020अंतरिम₹4.25
17 मई 201921 अगस्त 2019अंतिम₹1.00
13 मार्च 201927 मार्च 2019अंतरिम₹1.50
13 दिसम्बर 201821 दिसम्बर 2018अंतरिम₹6.75
22 मई 201820 अगस्त 2018अंतिम₹2.00
30 जनवरी 201808 फरवरी 2018अंतरिम₹19.00
26 मई 201718 अगस्त 2017अंतिम₹1.00
23 मार्च 201724 मार्च 2017अंतरिम₹4.50
31 जनवरी 201709 फरवरी 2017अंतरिम₹13.50
27 मई 201602 सितम्बर 2016अंतिम₹8.50
12 फरवरी 201623 फरवरी 2016अंतरिम₹5.50

पुरस्कार और मान्यताएं (Awards and Recognitions)

  • 1998 में, IOCL ने टेक्निमोंट एसपीए, मिलान को एक पुरस्कार दिया। यह पुरस्कार उन्हें हल्दिया रिफाइनरी में सालाना 2 मिलियन टन डीजल हाइड्रो ट्रीटमेंट यूनिट (डीएचडीएस) स्थापित करने के कॉन्ट्रैक्ट के लिए मिला।
  • 1999 में, IOC की मथुरा और गुजरात रिफाइनरियों को गोल्डन पीकॉक पर्यावरण प्रबंधन पुरस्कार मिला। यह पुरस्कार केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने दिया।
  • IOC और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को 1999-2000 और 1998-99 के लिए गोल्ड ट्रॉफीज़ ऑफ़ स्कोप मिला, सार्वजनिक क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए।
  • 30 जून 2004 को, IOC को नेशनल टेक्नोलॉजी अवार्ड मिला। यह पुरस्कार स्वदेशी तकनीक के सफल उपयोग के लिए था, जिसमें अवशेषों को LPG और उच्च ऑक्टेन गैसोलीन में बदलना शामिल है।
  • 2009 में, IOC के चेयरमैन सार्थक बेहुरिया को ‘स्कोप इंडिविजुअल एक्सीलेंस अवार्ड’ मिला।
  • 2011 में, डिगबोई रिफाइनरी को पर्यावरण अभियान के लिए ‘थर्ड प्राइज’ मिला। यह अवार्ड नागपुर में दिया गया।
  • IOC को 2012 में फॉर्च्यून “ग्लोबल 500” लिस्ट और कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी विजन अवार्ड मिला।
  • 2014 में, IOC की R&D टीम ने टेक्नोलॉजी इनोवेशन के लिए नेशनल अवार्ड जीता।
  • 2022 में, IOC को पहला ग्लोबल हेल्दी वर्कप्लेस अवॉर्ड मिला, जो भारतीय PSU में पहली बार मिला है।

 

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड पाइपलाइन (Pipelines Network)

  • सलाया-मथुरा क्रूड ऑयल पाइपलाइन
  • मुंद्रा-पानीपत क्रूड ऑयल पाइपलाइन
  • पारादीप-हल्दिया-बरौनी क्रूड ऑयल पाइपलाइन
  • कांडला-भटिंडा तेल पाइपलाइन
  • कोयली-मोहनपुरा प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • कोयली-अहमदाबाद प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • गुवाहाटी – सिलीगुड़ी प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • बरौनी-कानपुर प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • पटना-मोतिहारी-बैतालपुर प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • हल्दिया – मौरीग्राम – राजबंध प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • हल्दिया-बरौनी प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • पानीपत-जालंधर एलपीजी पाइपलाइन
  • दादरी-पानीपत आर-एलएनजी पाइपलाइन
  • कोयली-रतलाम प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • कोयाली-दहेज/हजीरा प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • पानीपत-भटिंडा प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • पानीपत-रेवाड़ी प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • पानीपत-अंबाला-जालंधर प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • मथुरा – दिल्ली प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • मथुरा-भरतपुर प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • मथुरा-टुंडला प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • चेन्नई – त्रिची – मदुरै प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • चेन्नई-बैंगलोर प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • चेन्नई एटीएफ पाइपलाइन
  • बैंगलोर एटीएफ पाइपलाइन
  • कोलकाता एटीएफ पाइपलाइन
  • पारादीप – रायपुर – रांची प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • जयपुर पानीपत नेफ्था पाइपलाइन
  • पारादीप – हैदराबाद प्रोडक्ट पाइपलाइन
  • पारादीप-हल्दिया-बरौनी-मोतिहारी एलपीजी पाइपलाइन
  • पारादीप-सोमनाथपुर-हल्दिया प्रोडक्ट पाइपलाइन

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन क्या काम करती है?

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) भारत की एक प्रमुख कंपनी है जो कच्चे तेल को रिफाइन करके पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और अन्य आवश्यक ऊर्जा उत्पादों का उत्पादन करती है। यह कंपनी इन उत्पादों का वितरण करती है और देशभर में पेट्रोल पंपों के जरिए ऊर्जा की आपूर्ति करती है।

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन का मालिक कौन है?

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) भारत सरकार की एक सरकारी कंपनी है, जिसके अधिकतर हिस्से पर सरकार का नियंत्रण है। सरकार ही इसके सभी महत्वपूर्ण फैसलों और संचालन में मुख्य भूमिका निभाती है।

इंडियन ऑयल रिफाइनरी कितनी है?

भारत में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) के पास 11 रिफाइनरी हैं, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित हैं। ये रिफाइनरी पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और अन्य आवश्यक उत्पादों का निर्माण करते है।

इसे भी पढ़े :- कोल इंडिया लिमिटेड

निष्कर्ष

IOCL भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति और रिफाइनिंग में अग्रणी है। यह कंपनी निरंतर अपने नेटवर्क और सेवाओं में सुधार करती है, साथ ही पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में भी काम कर रही है। IOCL भारतीय अर्थव्यवस्था और ऊर्जा सुरक्षा में अहम योगदान दे रही है।

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