भारतीय रेलवे के तहत कई सरकारी कंपनियां काम करती हैं, जो ट्रेनों, पटरियों और यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखती हैं। इनमें आईआरसीटीसी (IRCTC) ट्रेन टिकट बुक करने और खाने-पीने की व्यवस्था करती है, आईआरकॉन (IRCON) और आरआईटीईएस (RITES) रेलवे लाइन और पुल बनाने का काम करते हैं। आरवीएनएल (RVNL) नई रेलवे लाइनें और स्टेशन बनाती है, जबकि कॉन्कॉर (CONCOR) मालगाड़ियों और कंटेनरों का प्रबंधन करती है। इसके अलावा, बीडब्ल्यूईएल (BWEL) ट्रेन के डिब्बे बनाती है। ये सभी कंपनियां मिलकर भारतीय रेलवे को बेहतर और आधुनिक बनाने में मदद करती हैं।
भारतीय रेलवे ने अपने विभिन्न कामों को आसान बनाने के लिए कई सरकारी कंपनियां बनाई हैं। ये कंपनियां अलग-अलग क्षेत्रों में काम करती हैं और रेलवे को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
ये सभी कंपनियां भारतीय रेलवे को मजबूत और यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाने में लगी हुई हैं। इनके प्रयासों से न सिर्फ यात्रा आसान हुई है, बल्कि माल ढुलाई भी तेज और सस्ती हुई है। इस तरह, ये कंपनियां देश के विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं।
भारतीय रेलवे चलाने में तीन सरकारी कंपनियों का बड़ा योगदान है। IRCTC हम सभी के लिए जाना-पहचाना नाम है क्योंकि यही ट्रेन टिकट बुक करने की सुविधा देता है। इसके अलावा, ट्रेनों में खाने-पीने का इंतजाम और छुट्टियों के लिए रेल यात्रा पैकेज भी IRCTC ही संभालता है। वहीं IRCON देश भर में रेलवे लाइन बिछाने, नए पुल बनाने और मेट्रो प्रोजेक्ट्स पर काम करता है। RITES की बात करें तो यह कंपनी रेलवे को तकनीकी सलाह देती है और नए इंजन व डिब्बे बनाने में मदद करती है।
इन तीनों कंपनियों का मेल ही भारतीय रेलवे को चलाने में मदद करता है। IRCTC से हम सीधे जुड़ते हैं, जबकि IRCON और RITES पर्दे के पीछे से काम करती हैं। ये कंपनियां न सिर्फ हमारी यात्रा को आसान बनाती हैं, बल्कि हज़ारों लोगों को रोजगार भी देती हैं। साथ ही, नई तकनीक लाकर ये भारतीय रेलवे को और बेहतर बना रही हैं।
हमारा भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है, जिसे चलाने के लिए एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा बनाया गया है। मुख्य तौर पर यह दो हिस्सों में काम करता है – एक तरफ दिल्ली स्थित रेल मंत्रालय और रेलवे बोर्ड जो बड़े फैसले लेते हैं, दूसरी तरफ 18 जोनल मुख्यालय और उनके अंतर्गत 70 डिवीजन जो रोजमर्रा का काम संभालते हैं।
इसके अलावा रेलवे के पास अपनी कई खास इकाइयाँ हैं जैसे कोच फैक्ट्रियाँ जहाँ ट्रेन के डिब्बे बनते हैं, लोको शेड जहाँ इंजनों की मरम्मत होती है, और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) जो यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखता है। IRCTC, RITES और IRCON जैसी कंपनियां भी रेलवे के अलग-अलग कामों को संभालती हैं। सबसे खास बात यह है कि यह पूरा तंत्र 12 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के साथ हर रोज करोड़ों यात्रियों की सफर को आसान बनाता है।
हममें से ज़्यादातर लोगों ने कभी न कभी IRCTC की वेबसाइट से ट्रेन का टिकट बुक किया ही होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि IRCTC सिर्फ एक कंपनी है, जो भारतीय रेलवे के तहत काम करती है? असल में रेलवे की पूरी व्यवस्था को संभालने के लिए कई सरकारी कंपनियां काम कर रही हैं, और हर एक की अपनी खास ज़िम्मेदारी होती है।
जैसे IRCON, जो नई रेलवे लाइनों को बिछाने, पुल बनाने और मेट्रो जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स को संभालने का काम करती है। फिर है RITES, जो रेलवे को तकनीकी सलाह देती है और नए डिब्बों के डिजाइन व निर्माण में मदद करती है। RVNL का काम है नई रेलवे लाइनें बनवाना, जबकि CONCOR मालगाड़ी के कंटेनरों को मैनेज करती है। और KRCL यानी कोकण रेलवे, जो पहाड़ी इलाकों में रेलवे लाइन बिछाने जैसे मुश्किल कामों को अंजाम देती है।
कंपनी का नाम | सेक्टर | स्थापना वर्ष | मुख्यालय |
Bhartiya Rail Bijlee Co. (BRBCL) | बिजली | 2007 | नई दिल्ली |
Braithwaite & Co. | भारी उद्योग | 1913 | कोलकाता |
Centre for Railway Info Systems (CRIS) | सूचना प्रौद्योगिकी | 1986 | नई दिल्ली |
Container Corp of India (CONCOR) | माल ढुलाई | 1988 | नई दिल्ली |
Dedicated Freight Corridor Corp (DFCCIL) | माल ढुलाई अवसंरचना | 2006 | नई दिल्ली |
Indian Railway Catering & Tourism (IRCTC) | केटरिंग, टिकटिंग | 1999 | नई दिल्ली |
Indian Railway Finance Corp (IRFC) | वित्तीय सेवाएँ | 1986 | नई दिल्ली |
Ircon International | रेल अवसंरचना | 1976 | नई दिल्ली |
Kolkata Metro Rail Corp (KMRCL) | मेट्रो रेल | 2008 | कोलकाता |
Konkan Railway Corp (KRCL) | रेल निर्माण | 1990 | नवी मुंबई |
Mumbai Railway Vikas Corp (MRVC) | उपनगरीय रेल | 1999 | मुंबई |
National High Speed Rail Corp (NHSRC) | हाई-स्पीड रेल | 2016 | नई दिल्ली |
Pipavav Railway Corp | पोर्ट कनेक्टिविटी | 2000 | गुजरात |
Rail India Technical (RITES) | परामर्श | 1974 | गुड़गांव |
Rail Vikas Nigam (RVNL) | रेल विकास | 2003 | नई दिल्ली |
RailTel | दूरसंचार | 2000 | हैदराबाद |
Company Name | Stock Code (BSE/NSE) | Market Cap | 52W High (₹) | 52W Low (₹) |
IRCTC | 542830 (BSE) IRCTC (NSE) | ₹62,104Cr | 1,138.90 | 656.0 |
IRFC | 543257 (BSE) IRFC (NSE) | ₹1,74,334Cr | 229.0 | 108.04 |
IRCON | 541956 (BSE) IRCON (NSE) | ₹15,443Cr | 351.60 | 134.24 |
RVNL | 542649 (BSE) RVNL (NSE) | ₹77,396Cr | 647.0 | 249.85 |
RITES | 541556 (BSE) RITES (NSE) | ₹11,494Cr | 398.45 | 192.40 |
CONCOR | 531344 (BSE) CONCOR (NSE) | ₹43,071Cr | 1,180.0 | 601.25 |
RailTel | 543265 (BSE) RAILTEL (NSE) | ₹10,143Cr | 617.80 | 265.50 |
Texmaco Rail | 533326 (BSE) TEXRAIL (NSE) | ₹6,088Cr | 296.49 | 119.06 |
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भारतीय रेलवे का यह विशाल तंत्र कई सरकारी कंपनियों के सहयोग से चलता है – IRCTC यात्रियों को सुविधाएँ प्रदान करता है, IRCON नई पटरियाँ और पुल बनाता है, RVNL रेलवे प्रोजेक्ट्स को पूरा करती है, जबकि IRFC वित्तीय प्रबंधन संभालता है। ये सभी इकाइयाँ मिलकर एक सुचारु यात्रा अनुभव सुनिश्चित करती हैं, जहाँ हर कंपनी अपने विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता लाती है। इस सामूहिक प्रयास के बिना भारत का यह विशाल रेल नेटवर्क संभव नहीं होता, जो प्रतिदिन करोड़ों यात्रियों और टनों माल की ढुलाई सफलतापूर्वक कर पाता है।
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